बेटा घर लौट आया..'' 20 दिन बाद पाकिस्तान की कैद से छूटा BSF जवान पूर्णम, मां की आंखों में छलके खुशी के आंसू
punjabkesari.in Wednesday, May 14, 2025 - 12:49 PM (IST)

नारी डेस्क: लगातार 20 दिनों तक एक मां-बाप की हर सुबह अपने बेटे की खबर सुनने की उम्मीद में और हर रात आंखों में सवाल लिए बीतती रही। लेकिन अब वो इंतजार खत्म हुआ। आज उस परिवार की सांसों में सुकून लौट आया है, जिनका बेटा, बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार, पाकिस्तान की हिरासत में था। मंगलवार को जब उनकी वतन वापसी की खबर आई तो पश्चिम बंगाल के एक छोटे से कस्बे में खुशी की लहर दौड़ गई। मां की आंखों में आंसू थे, लेकिन उनके चेहरे पर मुस्कान लौट आई थी—क्योंकि उनका बेटा अब सुरक्षित भारत वापस आ गया था।
कैसे पकड़े गए थे पूर्णम कुमार?
23 अप्रैल को बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार साहू को पाकिस्तानी रेंजर्स ने उस वक्त हिरासत में लिया जब वह पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में ड्यूटी के दौरान गलती से सीमा पार कर गए थे। वे वहां सीमा के पास खेतों में मौजूद थे और एक पेड़ की छांव में कुछ देर बैठने जा रहे थे, तभी अनजाने में सीमा लांघ दी। उस वक्त वे अपनी वर्दी और सर्विस राइफल के साथ थे इसलिए पाकिस्तान की ओर से उन्हें तुरंत पकड़ लिया गया।
राजनयिक और सैन्य प्रयासों से मिली सफलता
BSF ने इस घटना के तुरंत बाद पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ कई फ्लैग मीटिंग्स की और जवान की सुरक्षित वापसी की मांग की। तीन हफ्तों तक भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत चलती रही। इस दौरान कई बार निराशा भी हाथ लगी लेकिन भारत ने अपनी कोशिशें नहीं छोड़ीं। अंततः मंगलवार की सुबह, अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तानी अधिकारियों ने पूर्णम कुमार को भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया। यह खबर सुनते ही ना सिर्फ उनका परिवार, बल्कि पूरे देश ने राहत की सांस ली।
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पत्नी की बेबसी और मां-बाप की दुआएं
पूर्णम कुमार की पत्नी रजनी साहू ने अपने पति की सलामती जानने के लिए हाल ही में चंडीगढ़ जाकर BSF अधिकारियों से मुलाकात की थी। स्वास्थ्य ठीक न होने के बावजूद वह अकेले सफर पर निकलीं लेकिन उन्हें फिरोजपुर जाने की अनुमति नहीं मिली और उन्हें वापस भेज दिया गया। रजनी ने भावुक होकर कहा था,“मैं सिर्फ यह जानना चाहती हूं कि मेरे पति सुरक्षित हैं या नहीं। अधिकारी बस इतना कहते हैं कि चिंता न करें लेकिन कोई ठोस जवाब नहीं देते।”
वहीं, पूर्णम के माता-पिता ने भी केंद्र सरकार और बीएसएफ से अपील की थी कि उनके बेटे की सुरक्षित वापसी के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं। उनकी मां ने कहा था,“हर पल चिंता में गुजर रहा है। सरकार से सिर्फ यही उम्मीद है कि हमारा बेटा सही-सलामत लौट आए।”
ऑपरेशन सिंदूर के बाद लौटे हालात सामान्य
हाल के दिनों में ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य बातचीत का माहौल बना है। इसी बीच पूर्णम कुमार की रिहाई एक बड़ी राहत बनकर सामने आई है। यह घटना बताती है कि राजनयिक बातचीत और मानवता के बल पर ऐसे संवेदनशील मामलों का हल निकाला जा सकता है।
पूर्णम कुमार की वापसी की खबर जैसे ही उनके गांव पहुंची, पूरा गांव जश्न में डूब गया। लोगों ने मिठाइयां बांटी, ढोल-नगाड़े बजे और परिवार के साथ-साथ पूरा देश BSF और भारतीय सेना के प्रयासों को सलाम करता नजर आया।