मानसून में दिमाग पर अटैक कर सकता है यह कीड़ा,लगातार रहते हैं 2 लक्षण तो तुरंत भागें डॉक्टर पास
punjabkesari.in Tuesday, Jul 29, 2025 - 10:17 AM (IST)

नारी डेस्क: मानसून का मौसम जहां एक ओर गर्मी से राहत देता है, वहीं दूसरी तरफ बीमारियों का खतरा भी बढ़ा देता है। खासतौर पर इस मौसम में एक ऐसा खतरनाक कीड़ा शरीर में घुस सकता है जो सीधे दिमाग तक पहुंचकर उसे नुकसान पहुंचा सकता है। डॉक्टर्स ने इसे लेकर चेतावनी दी है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
क्या है यह खतरनाक कीड़ा?
मुंबई के वॉकहार्ट हॉस्पिटल, मीरा रोड के डॉक्टरों ने बताया कि मानसून के समय खाने और पानी के जरिए एक खास तरह का टेपवॉर्म (Tape Worm) शरीर में पहुंच सकता है। यह कीड़ा अधपके पोर्क (सुअर का मांस) या गंदे पानी/खाने से हमारे शरीर में आ जाता है। इसके बाद यह खून के जरिए दिमाग तक पहुंच जाता है और वहां सिस्ट (गांठ) बनाकर इंफेक्शन करता है। इस बीमारी को न्यूरोसिस्टीसरकोसिस (Neurocysticercosis) कहा जाता है।
डॉक्टर्स ने किस बात की दी चेतावनी?
ये इंफेक्शन बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वालों को जल्दी पकड़ता है। अगर किसी को लगातार सिरदर्द या बार-बार दौरे (seizures) पड़ रहे हैं, तो यह इस बीमारी का संकेत हो सकता है। इसे हल्के में न लें और तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट से जांच कराएं, क्योंकि देर करने पर स्थिति जानलेवा भी हो सकती है।
न्यूरोसिस्टीसरकोसिस क्या है?
यह बीमारी टेपवॉर्म के लार्वा (larvae) से होती है। टेपवॉर्म का वैज्ञानिक नाम Taenia solium है। जब यह लार्वा शरीर में जाकर ब्रेन में सिस्ट बनाता है, तब इसे न्यूरोसिस्टीसरकोसिस कहते हैं। CDC (Centers for Disease Control) के अनुसार, यह बीमारी दिमाग को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकती है और जानलेवा भी हो सकती है।
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बचाव के आसान उपाय
डॉक्टर्स और हेल्थ एक्सपर्ट्स ने कुछ जरूरी सावधानियां बताई हैं
साफ और उबला हुआ पानी ही पिएं।
फल और सब्जियों को अच्छी तरह धोकर ही खाएं।
मीट को अच्छी तरह पका कर खाएं, अधपका मांस बिलकुल न खाएं।
गंदे या खुले में बिकने वाले खाने से बचें।
मानसून के मौसम में साफ-सफाई और खान-पान को लेकर लापरवाही भारी पड़ सकती है। अगर आपको या आपके परिवार में किसी को लगातार सिरदर्द या दौरे की शिकायत है, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
सावधानी ही सुरक्षा है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल जागरूकता के उद्देश्य से दी गई है। किसी भी लक्षण या इलाज के लिए डॉक्टर की सलाह जरूर लें।