सावधान! Brain को पूरी तरह डेमेज कर रहा दिमाग खाने वाला कीड़ा, कुछ भी खाने से पहले ध्यान दें

punjabkesari.in Tuesday, Aug 12, 2025 - 09:10 PM (IST)

नारी डेस्कः जब मानसून यानि बरसाती मौसम रहता है तो कई तरह की इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि इस मौसम में गंदे पानी प्रदूषित हवा के चलते वायरल बीमारियों का खतरा काफी बढ़ जाता है। इसी बीच ब्रेन को डेमेज करने वाला कीड़ा भी (Brain-damaging tapeworm) दिमाग को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है। इस समय मानसून में आई बाढ़ों के चलते ब्रेन डेमेजिंग टेपवॉर्म का खतरा काफी बढ़ गया है जिससे न्यूरोसिस्टिसरकोसिस का खतरा बना रहता है। चलिए इस बारे में पूरा विस्तार से बताते हैं। 

न्यूरोसिस्टिसरकोसिस (neurocysticercosis) है क्या?

न्यूरोसिस्टिसरकोसिस एक गंभीर ब्रेन इंफेक्शन है जो सूअर के टेपवर्म (Taenia solium) के लार्वा (अंडे से निकला कीड़ा) की वजह से होता है। जब कोई व्यक्ति अधपका सूअर का मांस खाता है या दूषित पानी/भोजन के साथ टेपवर्म के अंडे भी निगल लेता है, तब यह संक्रमण फैल सकता है जिसका परिणाम काफी सेहत के लिए बहुत बुरा भी हो सकता है। ये कीड़ों के ये अंडे आंतों में पहुंचकर टीनियासिस नामक आंत का संक्रमण करते हैं। वहीं कई बार ये लार्वा खून के जरिए दिमाग, मांसपेशियों, त्वचा, आंखों तक भी पहुंच जाते हैं और दिमाग में सिस्ट (फोड़े जैसी गांठ) बना देते हैं। जब ये सिस्ट दिमाग में बनते हैं तो उसे ही न्यूरोसिस्टिसरकोसिस कहा जाता है।
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बारिश में खतरा क्यों बढ़ जाता है?

बरसाती मौसम में इस इंफेक्शन का खतरा काफी बढ़ जाता है क्योंकि बरसात में गंदगी, बाढ़, खुली नालियां और दूषित पानी संक्रमण फैलाने का बड़ा कारण बनते हैं। सड़क किनारे खाने-पीने की चीजें भी गंदे पानी और मच्छर-मक्खियों व अन्य कीट पंतगों से संक्रमित हो सकती हैं। साफ-सफाई ना रखने और हाथ न धोने की आदत भी संक्रमण का बड़ा कारण है।

इसके (न्यूरोसिस्टिसरकोसिस ) लक्षण क्या हैं?

शुरुआत में कोई लक्षण नहीं दिख सकता लेकिन दिमाग में सिस्ट बनने पर कई तरह की गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

लगातार दौरे (Seizures): अचानक झटके आना, मिर्गी जैसी स्थिति हो सकती है।

लगातार सिरदर्दः जो दवा लेने पर भी ठीक नहीं होता।

याद्दाश्त कमजोर-भ्रम जैसी स्थितिः याददाश्त और सोचने की क्षमता प्रभावित होती है।

धुंधलापनः इसका आंखों पर भी असर दिखता है। धुंधलापन की शिकायत हो सकती है। 

परमानेंट ब्रेन डेमेजः कई बार इलाज में देरी होने पर परमानेंट ब्रेन डेमेज भी हो सकता है। जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है जैसे बच्चों और बुजुर्ग लोगों में यह और भी खतरनाक हो सकता है।

लार्वा के ये अंडे शरीर में कैसे दाखिल होते हैं?

बहुत से लोगों को यह जानकारी नहीं रहती कि ये अंडे उनके शरीर में दाखिल कैसे होते हैं। बारिश के मौसम में गंदा पानी, स्ट्रीट फूड, सलाद और साफ ना की हुई सब्जियां और अधपका मांस खाने से ये अंडे शरीर में पहुंच जाते हैं। 
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एमआरआई और सीटी स्कैन से पहचान

डॉक्टर इस बीमारी का पता एमआरआई (MRI) और सीटी स्कैन (CT Scan) से लगाते हैं। इससे सिस्ट का स्टेज पता चलता है
Vesicular Stage – शुरुआती अवस्था, सूजन नहीं होती।
Colloidal Stage – सिस्ट के आसपास सूजन और इंफ्लेमेशन।
Calcified Stage – पुराने सिस्ट कठोर होकर कैल्शियम जमने लगते हैं। जल्दी पहचान होने पर इलाज आसान और असरदार होता है।

इनसे बचने का कारगर उपाय

मानसून के दिनों में स्ट्रीट फूड्स खाने से परहेज करें। 
अधपका सूअर का मांस या मीट खाने से बचें।
सब्जियों और फलों को अच्छी तरह धोकर ही खाएं।
फिल्टर किया हुआ या उबला पानी पिएं।
खाना बनाने और खाने से पहले हाथ अच्छी तरह साबुन से धोएं।
मांस हमेशा साफ-सुथरे और भरोसेमंद स्थान से खरीदें।
सड़क किनारे खुले में रखी खाद्य वस्तुओं से बचें।
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

A post shared by Reshmi Verma | Functional Nutritionist | Health Coach (@fitwithresshhmi)

क्यों जरूरी है तुरंत इलाज कराना?

अगर लगातार सिरदर्द, चक्कर या दौरे आने जैसी परेशानी हो रही है तो तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट से जांच कराएं। समय पर इलाज से दिमाग को स्थायी नुकसान से बचाया जा सकता है।

डिस्कलैमरः बरसात के दिनों में गंदगी और बाढ़ के कारण यह खतरा कई गुना बढ़ जाता है इसलिए सतर्क रहना ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।
थोड़ी सी लापरवाही दिमागी संक्रमण का कारण बन सकती है। साफ पानी, पका हुआ भोजन और सही सफाई की आदतें अपनाकर हम न्यूरोसिस्टिसरकोसिस जैसी खतरनाक बीमारी से बच सकते हैं।
 


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Content Writer

Vandana

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