क्या आपके नाखून भी हो जाते हैं नीले? तो इसके पीछे के कारण जानिए
punjabkesari.in Saturday, Feb 10, 2024 - 06:35 PM (IST)
वैसे तो नाखून हमारी उंगलियों की खूबसूरती बढ़ाते हैं, लेकिन इनका सिर्फ इतना ही काम नहीं है। इससे हमारी सेहत के बारे में काफी कुछ पता चल जाता है। हमारे नाखून ज्यादातर सफेद ही होते हैं, लेकिन अगर आप ध्यान दें तो पाएंगे की कई बार नाखूनों का रंग बदला होता है। ये बीमारी का भी संकेत हो सकते हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो पीले नाखून पीलिया की समस्या के कारण हो सकते हैं। वहीं नीले नाखून दिल की बीमारी का संकते हो सकते हैं। इसके अलावा भी कई सारे कारणों से नाखून नीले पड़ सकते हैं। आइए आपको बताते हैं इसके बारे में...
दिल से संबंधित समस्याएं
नाखूनों में नीलेपन का कारण दिल संबंधी रोग भी हो सकते हैं। कॉग्नेटिव हार्ट डिजीज की स्थिति में नाखून और त्वचा के रंग में इस तरीक के बदलाव देखे जा सकते हैं। ईसेनमेंजर सिंड्रोम जैसी दिल संबंधी समस्याओं का जोखिम हो सकता है। दिल की समस्याएं गंभीर दिक्कतों का कारण बन सकती हैं, कुछ मामलों में इनके घातक होने का भी जोखिम होता है, इसी वजह से नाखूनों में हो रहे बदलाव पर विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।
ऑक्सीजन की हो सकती है शरीर में कमी
फेफड़ों से जुड़े रोगों के चलते भी नाखूनों का नीला रंग हो सकता है। इसमें क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) भी शामिल है। सीओपीडी, फेफड़ों की कई प्रकार की समस्याओं का संयुक्त रूप माना जाता है। इसमें शरीर में ऑक्सीजन का सही तरीके से संचार नहीं होता और नाखूनों में नीलापन के साथ, सांस लेने में दिक्कत, निमोनिया, फेफड़ों में इंफेक्शन जैसी समस्या हो सकती है। इससे शरीर के अन्य अंगों पर भी नकारात्मक असर देखा जा सकता है।
लो ब्लड प्रेशर
जिन लोगों का ब्लड प्रेशर लो रहता है, उन्हें भी ये समस्या हो सकती है। इसके अलावा नाखून में सफेद धब्बे कैल्शियम की कमी होने के कारण होते हैं।
खून की कमी
वैसे नाखूनों में हल्का गुलाबी रंग को अच्छे स्वास्थ्य की निशानी होता है, लेकिन वहीं अगर शरीर में खून, मिनरल्स या विटामिन की कमी है तो नाखून नीले पड़ जाते हैं।
क्यों बदलता है नाखूनों का रंग
बता दें कि नाखून कैरेटिन नामक तत्व से बनता है। ऐसे में जब शरीर में इस तत्व की कमी होती है तो नाखून की ऊपर परत पर इसका असर दिखता है। नाखूनों का रंग बदलने लगता है, जिससे शरीर में पनप रहे रोगों का संकेत मिलता है।
डॉक्टर को कब दिखाएं
-सांस कम आने पर, सांस लेने में तकलीफ या सांस फूलने या हांफने पर।
-छाती में दर्द होने पर।
- बहुत ज्यादा पसीना आना।
-चक्कर आना या बेहोश होने पर।