भाद्रपद महीने की पूर्णिमा पर बन रहा है खास संयोग, ये उपाय करने से पितरों को मिलेगी मुक्ति

punjabkesari.in Tuesday, Sep 26, 2023 - 04:37 PM (IST)

हिंदू धर्म में भाद्रपद महीने की पूर्णिमा तिथि बहुत ही शुभ मानी जाती है। हर साल इसी पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष शुरु होते हैं। पूर्णिमा वाले दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विशेष तौर पर पूजा अर्चना की जाती है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां लक्ष्मी और  भगवान विष्णु की साथ में पूजा करने से सारा साल मां लक्ष्मी और विष्णु जी के साथ-साथ पितरों का भी आशीर्वाद बना रहता है। इस दिन कुछ लोग पवित्र नदी में जाकर स्नान करते हैं और बाद में दान-पुण्य करके कृपा पाते हैं। पूर्णिमा का चांद 16 कलाओं से युक्त होता है इसलिए माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने से मानसिक तनाव दूर होता है और वैवाहिक जीवन में सुख शांति आती है। इस बार भाद्रपद पूर्णिमा कब है आज आपको इसके बारे में बताएंगे। आइए जानते हैं.... 

शुभ मुहूर्त 

पंचागों के अनुसार, भाद्रपद पूर्णिमा तिथि 28 सिंतबर  को शाम 06:49 पर शुरु हो रही है। इस तिथि का समापन 29 सितंबर दोपहर 03:26 पर होगा। इस दिन स्नान और दान का शुभ मुहूर्त सुबह 04:36 से लेकर 05:25 तक रहेगा। लक्ष्मी मां की पूजा का शुभ मुहूर्त 30 सितंबर रात 11:18 से लेकर 12:36 तक है। 

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खास संयोग 

भाद्रपद महीने की पूर्णिमा पर सर्वार्थ सिद्धि योग, वृद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और ध्रुव नाम का योग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सर्वार्थ सिद्धि योग और वृद्धि योग में मां लक्ष्मी की पूजा करने से आर्थिक लाभ प्राप्त होता है और मां लक्ष्मी व्यक्ति पर मेहरबान रहती हैं। 

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उपाय करने से खुश होंगे पितर 

भाद्रपद पूर्णिमा की तिथि से ही पितृ पक्ष शुरु होते हैं परंतु श्राद्ध नहीं किया जाता। ऐसे में पितरों को खुश करने के लिए इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें। माना जाता है कि पूर्णिमा वाले दन पीपल में मां  लक्ष्मी का वास होता है। पुराणों में बताया गया है कि भाद्रपद महीने की पूर्णिमा पर श्रद्धा के मुताबिक दान पुण्य करने से पितरों को परलोक में सुख मिलता है। इस दिन अन्न और जल का दान करने से मानव, देवता और पितृ सभी की आत्मा को तृप्ति मिलती है। 

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palak

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