C-Section के बाद टांके और दर्द से परेशान हैं? अपनाएं ये 5 आसान उपाय, जल्द मिलेगी राहत

punjabkesari.in Saturday, Apr 26, 2025 - 12:53 PM (IST)

 नारी डेस्क: आजकल कई महिलाओं की डिलीवरी सिजेरियन यानी C-Section से हो रही है। यह एक बड़ी सर्जरी होती है, जिसमें पेट और गर्भाशय को चीरा जाता है। डिलीवरी के बाद नई मां को न केवल नवजात की देखभाल करनी होती है, बल्कि खुद की रिकवरी का भी ख्याल रखना पड़ता है। इस दौरान टांकों का दर्द, गैस, थकान, पीठदर्द जैसी परेशानियां आम हो जाती हैं।

अगर आप भी सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद इन समस्याओं से जूझ रही हैं तो घबराने की ज़रूरत नहीं है। डॉक्टर्स की बताई ये 5 आसान बातें अपनाकर आप दर्द को काफी हद तक कम कर सकती हैं।

 C-Section के बाद दर्द से राहत के 5 असरदार उपाय

टांकों में दर्द से राहत

C-Section डिलीवरी के बाद टांकों वाली जगह पर हल्का से मध्यम दर्द होना बिल्कुल सामान्य बात है, क्योंकि शरीर को सर्जरी से उबरने में समय लगता है। इस दर्द को कम करने के लिए डॉक्टर आमतौर पर पेन किलर्स, एंटीबायोटिक्स और एंटासिड्स देते हैं, जिससे संक्रमण और असहजता को रोका जा सके। टांकों की सफाई बहुत जरूरी होती है। हमेशा साफ हाथों से उस जगह को छुएं और दिन में एक-दो बार डॉक्टर के बताए अनुसार साफ और सूखा रखें। नमी या गंदगी से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। अगर टांके की जगह पर लालिमा, सूजन, तेज दर्द या मवाद जैसा कोई रिसाव नजर आए, तो इसे नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से मिलें।

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गर्भाशय में ऐंठन

डिलीवरी के बाद गर्भाशय यानी यूटेरस धीरे-धीरे अपने पुराने आकार में लौटने लगता है, जिसे मेडिकल भाषा में 'इनवॉल्यूशन' कहा जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान पेट के निचले हिस्से में ऐंठन या मरोड़ महसूस हो सकती है, जो कई बार पीरियड्स के दर्द जैसी लगती है। यह खासतौर पर स्तनपान के समय बढ़ जाती है क्योंकि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान ऑक्सीटोसिन नामक हार्मोन रिलीज होता है, जो गर्भाशय की सिकुड़न को तेज करता है। अगर यह दर्द बहुत ज्यादा हो, तो डॉक्टर की सलाह से हल्के दर्द निवारक या घरेलू उपाय जैसे गर्म पानी की बोतल से सिंकाई की जा सकती है।

 पेट में गैस और फुलाव

सी-सेक्शन के बाद गैस बनना, पेट फूलना और कब्ज होना बहुत ही आम समस्या है। इसकी वजह एनेस्थीसिया, लंबे समय तक बेड रेस्ट, और शरीर की धीमी पाचन क्रिया हो सकती है। इससे राहत पाने के लिए डॉक्टर जल्द ही चलने-फिरने की सलाह देते हैं। दिन में कुछ बार धीरे-धीरे चलने से गैस पास होती है और आंतों की गतिविधि सामान्य होती है। भरपूर मात्रा में गुनगुना पानी पिएं और रेशेदार आहार लें ताकि कब्ज से बचा जा सके। अगर फिर भी समस्या बनी रहे तो डॉक्टर स्टूल सॉफ्टनर या कोई पाचन एंजाइम भी दे सकते हैं।

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 पीठ दर्द से राहत

C-Section के बाद पीठ में दर्द होना भी एक आम शिकायत है। यह दर्द लंबे समय तक गलत पॉश्चर में बैठने, उठने-बैठने में सावधानी न बरतने या पेट की मांसपेशियों की कमजोरी के कारण हो सकता है। इसके अलावा ऑपरेशन के दौरान दी गई स्पाइनल एनेस्थीसिया का असर भी पीठ दर्द का कारण बन सकता है। ऐसे में पोस्टपार्टम सपोर्ट बेल्ट पहनना काफी फायदेमंद रहता है। यह पेट और पीठ को सपोर्ट देता है और सही पॉश्चर बनाए रखने में मदद करता है। जब डॉक्टर अनुमति दें तो हल्की स्ट्रेचिंग और पीठ को मजबूत करने वाली एक्सरसाइज करें। लंबे समय तक एक ही पोजिशन में बैठने से बचें।

 ब्रेस्ट में सूजन या दर्द

ब्रेस्टफीडिंग की शुरुआत में स्तनों में सूजन, भारीपन या दर्द महसूस होना बहुत सामान्य है, खासकर जब दूध का प्रवाह शुरू होता है। इससे राहत पाने के लिए सबसे पहले नियमित रूप से बच्चे को दूध पिलाते रहें ताकि दूध का जमाव न हो। स्तनपान से पहले हल्के गर्म पानी से सेंकाई करने से दूध बहाव में मदद मिलती है और सूजन कम होती है। स्तनपान के बाद ठंडी सिकाई करने से सूजन और दर्द में आराम मिलता है। यदि निपल्स में दरार या खून आने लगे तो डॉक्टर या लेक्टेशन एक्सपर्ट की सलाह लें। सही पॉजिशन और लचीलापन बनाए रखना बहुत जरूरी है।

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 कब डॉक्टर से मिलें?

अगर ऊपर बताए उपायों के बाद भी आपको तेज दर्द हो रहा है, टांकों में सूजन या रिसाव दिख रहा है, या फिर सामान्य दिनचर्या निभाने में परेशानी हो रही है तो बिल्कुल भी देरी न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। साथ ही अगर ब्रेस्ट में गांठ जैसी कोई चीज़ महसूस हो रही हो या बुखार आ रहा हो, तो यह किसी संक्रमण का संकेत हो सकता है। याद रखें, सी-सेक्शन के बाद शरीर को पूरी तरह से ठीक होने में 6 से 8 हफ्ते का समय लगता है। इस दौरान आराम, संतुलित आहार, साफ-सफाई और डॉक्टर की सलाह के अनुसार देखभाल करना बेहद जरूरी होता है।

C-Section के बाद शरीर को पूरी तरह ठीक होने में 6 से 8 हफ्ते लग सकते हैं। इस दौरान भरपूर आराम, साफ-सफाई और डॉक्टर की सलाह पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी है।  

 
 


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Content Editor

Priya Yadav

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