Women Care: हेल्दी और तनावमुक्त रहने के लिए रोजाना करें ये योगासन

punjabkesari.in Sunday, Feb 06, 2022 - 06:05 PM (IST)

महिलाएं दिनभर घर व ऑफिस के काम में बिजी रहती हैं। ऐसे में वे अच्छे से अपनी सेहत का ध्यान नहीं रख पाती है। इसके कारण बीमारियों की चपेट में आने का खतरा रहता है। ऐसे में चाहे तो योगा का सहारा ले सकती है। योगा शारीरिक व मानसिक विकास के लिए फायदेमंद माना जाता है। इससे पाचन तंत्र व इम्यूनिटी बूस्ट होती है। बीमारियों से बचाव होने के साथ मानसिक शांति का एहसास होता है। चलिए जानते हैं उन योगासन के बारे में...

1. पवनमुक्तासन

पवनमुक्तासन करने का तरीका

. इसके लिए सबसे पहले जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं।
. अब सांस छोड़ते हुए दोनों घुटनों को मोड़ें और जांघों को छाती की तरफ ले आएं।
. घुटनों को दोनों हाथों से जोर से पकड़ लें।
. अब गहरी सांस छोड़ते हुए सिर और कंधों को ऊपर की ओर उठाएं।
. घुटनों के बीच की जगह में नाक लगाने का कोशिश करें।
. इसी अवस्था में कुछ सेकेंड रहते हुए सांस लें और छोड़ें।
. इसके बाद धीरे-धीरे सामान्य मुद्रा में आ जाएं।
. करीब 3 बार इस योग का अभ्यास करें।

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पवनमुक्तासन करने के फायदे

. इससे पीठ की निचले हिस्से की मांसपेशियों को मजबूत होकर रीढ़ की हड्डी में लचक आती है।
. इससे पेट और पाचन अंगों की मालिश होती है। ऐसे में पाचन तंत्र दुरुस्त होकर गैस,कब्ज, पेट फूलने, अपच आदि की समस्या से आराम मिलता है।
. इससे तनाव कम होने में भी मदद मिलती है।
. ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।
. इम्यूनिटी बूस्ट होकर बीमारियों की चपेट में आने का खतरा कम रहता है।
. पेट पर जमा एक्स्ट्रा चर्बी कम करने में मदद मिलती है। ऐसे में वजन कम करने में पवनमुक्तासन करना फायदेमंद माना गया है।
. इस योग को करने से तनाव कम होकर मानसिक शांति का एहसास होगा।

2. धनुरासन

धनुरासन करने का तरीका

. सबसे पहले जमीन पर मैट बिछाकर पेट के बल लेट जाएं।
. अब दोनों घुटनों को मोड़ते हुए एड़ियों को कूल्हों पर टिका दें।
. दोनों हाथों से टखनों को पकड़ लें।
. जितना जो सके आप जांघों और छाती को ऊपर की ओर उठाएं।
. शरीर को धनुष की मुद्रा में लाकर 30-60 सेकेंड तक इसी अवस्था में रहिए।
. इसके बाद सामान्य अवस्था में आ जाएं।
.  इस आसन को 4-5 बार दोहराएं।

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धनुरासन करने के फायदे

. इससे पाचन क्रिया मजबूत होने में मदद मिलती है।
. पेट और जांघों की के आसपास जमा एक्स्ट्रा चर्बी कम होकर बॉडी को सही शेप मिलती है।
. रीढ़ की हड्डी की मांसपेशियों और पीठ के तंत्रिकाओं में मजबूत होती है।
. बाज़ुओं और जांघों की मांसपेशियों में मजबूती आती है।
. इससे छाती चौड़ी व खुलती है। ऐसे में सांस से जुड़ी समस्याएं दूर होती है। हेल्थ एक्सपर्ट अनुसार, इससे अस्थमा और ब्रोंकाइटिस से आराम मिलता है।
. महिलाओं को स्तर के विकास में फायदा मिलता है।
. शरीर की प्रतिरोधक क्षमता तेजी से बढ़ती है।
. थकान, कमजोरी, पीठ दर्द आदि से आराम मिलता है।
. मासिक धर्म संबंधी समस्याओं से भी राहत मिलती है।

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Content Writer

neetu

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