Body दिखाए ये निशानियां तो समझ लें बहुत बढ़ गया Cholesterol, एक्शन ना लिया तो आ जाएगा Heart Attack

punjabkesari.in Thursday, Mar 27, 2025 - 08:02 PM (IST)

नारी डेस्कः शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ता है तो बड़ी और गंभीर बीमारियों का खतरा जैसे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा भी बहुत अधिक हो जाता है। बदलते लाइफस्टाइल और खान-पान के चलते कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की समस्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है लेकिन अब सवाल यह है कि कोलेस्ट्रॉल शरीर में बढ़ गया है, इसका पता कैसे चलेगा? एक तरीका तो ब्लड टेस्ट है जिसके चलते हर 6 महीने में एक बार ये टेस्ट करवाना जरूरी है। वहीं इसका लेवल बढ़ने पर शरीर भी कुछ खास संकेत देता है। अगर शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ रहा है तो कुछ खास संकेत नजर आने लगते हैं। चलिए उनके बारे में ही आपको बताते हैं। 

शरीर में बढ़ते कोलेस्ट्रॉल के संकेत, लापरवाही देगी बहुत नुकसान 

जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ता है तो कई तरह के संकेत दिखते हैं जिन्हें अक्सर नॉर्मल समझकर इग्नोर कर दिया जाता है लेकिन अगर समय रहते निगरानी बरत दी जाए तो बड़ी समस्या को पनपने से पहले ही रोका जा सकता है। 

पैरों और हाथों में झुनझुनी: अगर आपको हाथ-पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन महसूस होता है तो यह खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) के बढ़ने का संकेत हो सकता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन में दिक्कत आती है जिससे शरीर के अंगों को पूरा ऑक्सीजन नहीं मिलता।

सीने में दर्द और भारीपन: कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से धमनियों में प्लाक (Cholesterol Plaque) जम जाता है, जिससे सीने में दर्द (Angina) और भारीपन महसूस होता है। इसे नजरअंदाज करना हार्ट अटैक का कारण बन सकता है।

आंखों के पास पीले धब्बे: अगर आपकी आंखों के पास पीले या सफेद धब्बे बन रहे हैं तो यह कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का संकेत हो सकता है। इसे जैंथेलाज्मा (Xanthelasma) कहा जाता है जो खराब लिपिड प्रोफाइल की ओर इशारा करता है।

सिरदर्द और चक्कर आना: उच्च कोलेस्ट्रॉल से ब्लड फ्लो सही से नहीं हो पाता , जिससे मस्तिष्क को सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिलती। यह सिरदर्द और बार-बार चक्कर आने की वजह बन सकता है। अगर ऐसी दिक्कत लगातार आ रही है तो तुरंत एक्शन लेने की जरूरत है। 

जल्दी थकान और भारीपन महसूस होना: बिना मेहनत किए ही आप जल्दी थक जाते हैं या कमजोरी महसूस करते हैं तो यह भी बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल का संकेत हो सकता है। शरीर को ठीक से ऑक्सीजन और पोषण नहीं मिलने से यह समस्या होती है।

हाई ब्लड प्रेशर: कोलेस्ट्रॉल, धमनियों को संकरा कर देता है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। अगर आपको अक्सर ब्लड प्रेशर हाई रहता है, तो तुरंत कोलेस्ट्रॉल चेक करवाएं क्योंकि ये ब्रेन स्ट्रोक या हार्ट अटैक की समस्या भी दे सकता है। 

टांगों में दर्द और सूजन: बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल पैरों की धमनियों को भी संकरा कर सकता है, जिससे टांगों में दर्द और सूजन आ सकती है। इसे पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (PAD) कहा जाता है।
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भारतीय लोगों में कोलेस्ट्रॉल से जुड़े अध्ययन: एक चिंताजनक स्थिति

विभिन्न अध्य्यनो के मुताबिक, भारत में उच्च कोलेस्ट्रॉल से संबंधित एक बड़ी आबादी प्रभावित है, जो हृदय रोगों और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को बढ़ाता है।

31% भारतीयों में उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर: एक अध्ययन के अनुसार, भारत की 31% आबादी उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर से ग्रस्त है। विशेष रूप से, 35 से 55 वर्ष की आयु के 35% लोग इस समस्या का सामना कर रहे हैं, जिसका प्रमुख कारण अनहैल्दी खान-पान, खराब जीवनशैली और स्ट्रेस  देखा गया है। 

युवाओं में बढ़ता खतरा: एक अन्य अध्ययन के मुताबिक, 31-40 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों में कोलेस्ट्रॉल असामान्य स्तर की घटनाएं अधिक हैं। 40-60 वर्ष के आयु वर्ग में 36%, 60-70 वर्ष में 30%, और 70-80 वर्ष में 24% लोगों ने अपने कोलेस्ट्रॉल स्तर को असामान्य बताया। ​

क्षेत्रीय भिन्नताएं: उच्च कोलेस्ट्रॉल के मामले राज्यों के अनुसार भिन्न हैं। केरल में 63%, कर्नाटक में 32%, तेलंगाना और महाराष्ट्र में 27%, पंजाब में 25%, गुजरात में 23%, मध्यप्रदेश में 22%, हरियाणा में 20%, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में 17%, और बिहार में 15% लोग उच्च कोलेस्ट्रॉल से प्रभावित हैं। ​

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कितना होना चाहिए कोलेस्ट्रॉल का स्तर?

स्वस्थ कोलेस्ट्रॉल स्तर बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
कुल कोलेस्ट्रॉल: 200 मिलीग्राम/डीएल या उससे कम​
एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल): 100 मिलीग्राम/डीएल या उससे कम​
एचडीएल (अच्छा कोलेस्ट्रॉल): 60 मिलीग्राम/डीएल या उससे अधिक​
यदि आपके कोलेस्ट्रॉल स्तर इन सीमाओं से बाहर हैं तो आपको दिल संबंधी होने वाले रोगों का खतरा अधिक रहेगा। 
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घर में ही करें कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल, आसान और असरदार उपाय 

कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने के लिए आपको अपना लाइफस्टाइल हैल्दी करना होगा। फिजिकल एक्टिविटी को बढ़ाना होगा। हर 6 महीने में लिपिड प्रोफाइल टेस्ट करवाएं। चलिए कुछ आसान और असरदार टिप्स आपको बताते हैं। 

हेल्दी डाइट अपनाएं: डाइट में हरी सब्जियां, ओट्स, बादाम, ऑलिव ऑयल और फाइबर युक्त चीजें खाएं। फल-सब्जियां भरपूर खाए और प्रोसेस्ड, ऑयली और जंक फूड को बिलकुल अपनी डाइट से बाहर कर दें। फास्ट फूड और रेड मीट की बजाय फल और सलाद खाएं। लहसुन का सेवन जरूर करें। फ्लैक्ससीड्स खाएं। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड्स से भरपूर होते हैं और डायट्री फाइबर का अच्छा स्रोत हैं। फ्लैक्ससीड्स की मदद से एलडीएल कम किया जा सकता है।

रोजाना एक्सरसाइज करें: सुबह की सैर और योग से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। कम से कम 30 मिनट वॉक करें। हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करते रहे। इससे भी आपको बहुत फायदा मिलेगा।
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पानी ज्यादा पीएं: शरीर से टॉक्सिन निकालने के लिए 8-10 गिलास पानी पिएं। इसके अलावा आप ग्रीन टी और हर्बल टी का सेवन भी कर सकते हैं। नारियल पानी का सेवन करें। 

घरेलू उपाय अपनाएं: लहसुन और मेथी दाना कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करते हैं। रात भर मेथीदाना पानी में भिगोकर रखें और सुबह इस पानी का सेवन करें। लहसुन का इस्तेमाल आप आचार, सब्जी के रूप में करते जाए। आंवला और दालचीनी का सेवन भी असरदार होता है। आप आंवला जूस पी सकते हैं। दालचीनी का सेवन आप चाय के रूप में कर सकते हैं लेकिन इससे पहले चिकित्सक सलाह जरूर लें। 

धूम्रपान और शराब से बचें: सिगरेट और शराब धमनियों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है।

स्ट्रेस से दूर रहें: उच्च स्तर का तनाव कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ा सकता है। योग और मेडिटेशन की मदद से तनाव को कम करने में मदद कर सकता है।

नोटः अगर आपको ऊपर बताए गए संकेतों में से कोई भी महसूस हो रहा है, तो कोलेस्ट्रॉल चेक करवाएं और तुरंत हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं। सही खान-पान और नियमित व्यायाम से आप बिना दवा के भी कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल कर सकते हैं। अगर डाइट और हैल्दी रूटीन के बावजूद आपको आराम नहीं मिल रहा तो डाक्टरी सलाह जरूर लें। 


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Content Writer

Vandana

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