रामलला को ठंड से बचाने के खास इंतजाम,जानें कैसे होगी सर्दियों में देखभाल!
punjabkesari.in Monday, Nov 18, 2024 - 03:29 PM (IST)
नारी डेस्क: अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में बालक रूप में विराजमान रामलला की सर्दियों में विशेष देखभाल की जाएगी। जैसे हम बदलते मौसम में अपने पहनावे और खानपान में बदलाव करते हैं, वैसे ही रामलला के वस्त्र, स्नान और भोग में भी बदलाव किया जाएगा। ठंड से बचाने के लिए मंदिर प्रशासन ने कई विशेष इंतजाम किए हैं।
20 नवंबर से रजाई ओढ़ाई जाएगी
रामलला को ठंड से बचाने के लिए 20 नवंबर 2024 को वैदिक पंचांग के अनुसार अगहन पंचमी के दिन रजाई ओढ़ाई जाएगी। इससे पहले रामलला को गर्म पानी से स्नान कराया जाएगा और विशेष ऊनी वस्त्र पहनाए जाएंगे। इस बार लद्दाख से पश्मीना शॉल और उत्तराखंड से ऊनी कपड़े लाए गए हैं। मशहूर डिजाइनर मनीष त्रिपाठी को रामलला के वस्त्र तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
खानपान में भी बदलाव
ठंडी चीजों को रामलला के भोग से हटाकर उनकी जगह गर्माहट देने वाले खाद्य पदार्थ जोड़े जाएंगे। यह भोग विशेष रूप से सर्दियों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाएगा ताकि ठंड का असर न पड़े।
मंदिर परिसर में भी होंगे बदलाव
आवश्यकता पड़ने पर मंदिर परिसर में हीटर और ब्लोअर लगाने की व्यवस्था भी की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि रामलला और श्रद्धालुओं को ठंड से राहत मिले।
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रामलला का पहला शीतकाल नए मंदिर में
22 जनवरी 2024 को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का लोकार्पण हुआ था। यह रामलला का पहला शीतकाल है जब वे नए मंदिर में विराजमान हैं। प्राण प्रतिष्ठा के बाद इस बार उनकी देखभाल में खास सावधानी बरती जा रही है।
रामलला के लिए क्यों जरूरी है विशेष देखभाल?
रामलला को बालक रूप में पूजा जाता है, इसलिए उनकी देखभाल बच्चों की तरह की जाती है। सर्दियों में उनके स्वास्थ्य और आराम का पूरा ध्यान रखा जाता है। बदलते मौसम में भगवान की सेवा में बदलाव कर भक्त उनके प्रति अपना समर्पण प्रकट करते हैं।
भक्तों का अटूट विश्वास
रामलला की सेवा और देखभाल को लेकर भक्तों में उत्साह है। उनके लिए तैयार किए गए ऊनी वस्त्रों और भोग को देखने के लिए मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे।
यह ध्यान रखना जरूरी है कि बदलते मौसम के साथ भगवान रामलला की देखभाल के इन खास इंतजामों में सेवा और समर्पण की झलक मिलती है।