आग की वजह से ऑस्ट्रेलिया में 10 हजार ऊंटों को मारने का आदेश!

punjabkesari.in Thursday, Jan 09, 2020 - 03:09 PM (IST)

धरती पर जीवन के लिए पानी,हवा और मिट्टी जितनी जरुरी है उतने हीं जरुरी है जानवर। धरती पर पाए जाने वाले हर जानवर का जीवन चक्र में अपना एक महत्व होता है। एक इंसान का जीवन की जितनी कीमत होता है उतना ही जरुरी एक जानवर का जीवन भी होता है शायद इसलिए कई देशों में जानवरों को मारना अपराध माना जाता है लेकिन हाल ही में दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में अबॉर्जिनल नेताओं ने 10 हजार ऊंटों का मारने का आदेश दिया है। जिस कारण है वहां पर पानी की कमी होना है।

 

दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के अनंगु पीतजंतजतारा यनकुनितज्जतजरा लैंड्स के अबॉर्जिनल नेता ने हेलीकॉप्टर से कुछ प्रोफेशनल शूटर को 10 हजार ऊंट मारने का आदेश दिया है। यहां के लोग आमतौर पर शिकायत कर रहे थे कि जानवर पानी की तलाश में घरों में घुस जाते है जिस कारण उन्हें पानी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। वहां की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 9 सालों में वहां पर ऊंटों की संख्या दो गुणा हो गई है और वह सबसे अधिक पानी पीते है। 

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बढ़ा रहे है ग्लोबल वार्मिंग 

यहां के लागों का मानना है कि ये जानवर ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ा रहे है क्योंकि वह एक साल में एक टन कार्बन डाइऑक्साइड के समान मीथेन उत्सर्जित करते है। 2019 में ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे गर्म और सूखा साल रहा है जिस कारण वहां के कुछ शहरों में पानी के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। 

 

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आग से मची है ताबाही 

पिछले कई दिनों से ऑस्ट्रेलिया के दक्षिण पूर्व में आग लगने के कारण स्थिति और भी खराब हो गई है। यहां आग इतनी बढ़ चुकी है कि इस पर काबू पाना बहुत ही मुश्किल हो रहा है वहीं इसमें एक नहीं 50 करोड़ से अधिक जंगली जानवर घायल और मर चुके है। इनमें सबसे ज्यादा कोआला और कंगारु है। इस आग की वजह से ऑस्ट्रलिया का 90 प्रतिशत हिस्सा पूरी तरह से प्रभावित है। इस आग में अब तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोगों के घर तबाह हो चुके है। अब तो इस आग का धुआं ब्राजील तक पहुंच चुका है। इसके बारे में खुद  ब्राजील के राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान ने ट्विटर पर जानकारी दी थी।

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ऑस्ट्रेलिया में क्या है जानवरों के लिए नियम

वैसे अगर बात की जाए तो ऑस्ट्रेलिया जानवरों के लिए जन्नत से कम नही हैं। Austrian Animal Welfare Act 2004  के अनुसार वहां जानवरों को इंसानों जैसा दर्जा दिया गया है। वहां पर कोई भी व्यक्ति अपने पालतु की न तो पूछ काट सकता न हीं उसका कान मरोड़ सकता है। यहां पर मुर्गियों को कैद करना भी जुर्म माना जाता है। इन नियमों का उल्लघंन करने वाले व्यक्ति को 2420 डॉलर का जुर्माना भरना पड़ता है लेकिन अब इसी देश में जानवरों के साथ काफी बुरा व्यवहार हो रहा है।
 


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Content Writer

khushboo aggarwal

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