थप्पड़ कांड के बीच ''इश्कबाज'' एक्टर ने कर दी बायोपिक की बात, कंगना के फैंस ने लगा दी क्लास
punjabkesari.in Saturday, Jun 08, 2024 - 12:16 PM (IST)
मामला चाहे कुछ भी हो किसी को थप्पड़ मारना उसका हल नहीं है। हाल ही में हिमाचल प्रदेश में मंडी लोकसभा सीट से निर्वाचित घोषित भारतीय जनता पार्टी की नेता और अभिनेत्री कंगना रनौत को चंडीगढ़ हवाई अड्डे पर थप्पड़ मारने की घटना ने देश को दो गुटों में बांट दिया है। जहां किसान नेता केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की सुरक्षा सुरक्षाकर्मी के समर्थन में उतर गए हैं तो वहीं कंगना ने इस तरह का व्यवहार लोगों को बिल्कुल सही लगा। इस विवाद के बीच 'इश्कबाज' एक्टर ने आग में घी डालने का काम किया है।
टीवी एक्टर नकुल मेहता ने इस थप्पड़ कांड को लेकर ऐसा ट्वीट किया जिसे देख कंगना के फैंस बुरी तरह भड़क गए। उन्होंने 'कौन कुलविंदर की बायोपिक में लीड रोल निभाएगा?' कुलविंदर कौर वही CISF महिला जवान हैं जिन्होंने चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर कंगना रनौत को थप्पड़ मारा था। नकुल के इस ट्वीट ने लोगों का गुस्सा और बढ़ा दिया, अब एक्टर काे जमकर ट्रोल किया जा रहा है।
एक यूजर ने लिखा- 'क्या आपमें शर्म बची है? एक सीआईएसएफ कॉन्सटेबल ऑन ड्यूटी पर ऐसे चुनी हुई एमपी पर हाथ उठाए और ये सही कैसे है, क्या आप हिंसा को बढ़ावा देते हो. बहुत ही शर्मनाक बात है.' । एक अन्य ने लिखा- 'नकुल मुझे आपका ट्वीट पसंद नहीं आया है, क्या आपको कोई चोट पहुंचाए तो ये सही है? क्या फिर भी आप हंसेंगे.'।
इससे पहले बॉलीवुड सिंगर और म्यूजिशियन विशाल ददलानी ने वादा किया कि अगर CISF द्वारा महिलर के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाती है, तो वह उसे जॉब देंगे। अपने पोस्ट के साथ् उन्होंने लिखा था-.जय हिंद. जय जवान जय किसान। विशाल ने किसानों के विरोध प्रदर्शन के सदस्यों के खिलाफ कंगना और उनके बयानों का समर्थन करने वालों की भी आलोचना करते हुए कहा-, डूंगाना के पक्ष वालों, अगर उसने कहा होता, आपकी मां ‘100 रुपये में उपलब्ध है’, तो आप क्या करते?
वहीं कभी कंगना पर जादू- टोने का आरोप लगाने वाले शेखर सुमन ने उनका समर्थन करते हुए कहा- गलत है चाहें किसी के भी साथ हो फिलहाल तो अब वह सांसद भी हैं मंडी से। जो भी हुआ वह गलत था बहुत दुर्भाग्य की बात है। इस गलत तरीके से पेश आना किसी का हक नहीं है यह गैरकानूनी है। इसकी सजा उन्हें मिलनी चाहिए। मैं समझ सकता हूं कि उनके दिन में कोई विरोध शिकायत भी थी तो उसे अलग तरह से सुलझाया जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए था।