अक्षय तृतीया पर यह काम करने से रूठ सकती हैं मां लक्ष्मी,जानिए इस दिन का महत्व
punjabkesari.in Tuesday, May 03, 2022 - 09:40 AM (IST)
वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि यानी कि आज अक्षय तृतीया का त्योहार मनाया जा रहा है। ऐसी मान्यता है कि यह दिन खरीदारी से लेकर विवाह और किसी भी नई शुरुआत के लिए शुभ होता है। इस दिन सोना-चांदी खरीदने के अलावा लक्ष्मी-नारायण की पूजा भी की जाती है। इस शुभ दिन में यदि आप कोई भी कार्य शुरु करते हैं तो उसमें सफलता अवश्य मिलेगी।
शादी के लिए शुभ है आज का दिन
अक्षय तृतीया तिथि पर सूर्य और चंद्र अपनी उच्च राशि में होते हैं। इसलिए इस दिन शादी, कारोबार की शुरूआत और गृह प्रवेश करने जैसे- मांगलिक काम करना बहुत शुभ माना जाता है। शादी के लिए जिन लोगों का मुहूर्त नहीं निकल पाता, उनके लिए आज की तिथि बहुत शुभ है, इस दिन दोष नहीं लगता।
ये है मुहूर्त
अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त मंगलवार प्रातः 5 बजकर 18 मिनट से लेकर बुधवार की सुबह 7 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। 5 बजकर 59 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक विधि विधान से कलश पूजन और पूजा किया जा सकता है। मान्यता यह है कि जो व्यक्ति आज विधि विधान से लक्ष्मी जी की और भगवान विष्णु की पूजा करता है, उसको पूरे साल रुपये पैसे की कमी नहीं होता है और वो हमेशा खुशहाल रहता है। साथ ही अक्षय तृतीया के दिन कुछ ऐसे कार्य भी बताए गए है जिनको करने की मनाही है। इन कार्यों को करने से माता लक्ष्मी आपसे हमेशा के लिए रूठ सकती हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
अक्षय तृतीया के दिन कभी भी जनेऊ धारण नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से दुर्भाग्य आता है।
अक्षय तृतीया के दिन कभी भी मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की अलग-अलग पूजा करने की गलती न करें।
इस दिन घर के किसी भी हिस्से में अंधेरा नहीं होना चाहिए। ऐसा करने से माता लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं।
तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल बिना धोए करने से वह अशुद्ध माने जाते हैं।
अक्षय तृतीया के दिन तामसिक भोजन न करें, ब्रह्मचर्य का पालन करें। ना ही किसी के लिए मन में बुरे विचार लाएं।
क्या है अक्षय तृतीया का महत्व
धार्मिक मान्यता अनुसार अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम का जन्म हुआ था। अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान कृष्ण की वजह से द्रौपदी को अक्षय कलश की प्राप्ति हुई थी। इस दिन ही राजा जनक को माता सीता हल जोतते वक्त कलश में मिली थीं। इसी दिन सागर मंथन की शुरुआत भी हुई थी और उसमें से निकलने वाला अमृत कलश पात्र में भी भरा था। कहते हैं कि कलश में 33 हजार करोड़ देवी- देविताओं का वास होता है. इसलिए अक्षय तृतीया के दिन कलश पूजन का विशेष महत्व होता है।
आज जरूर करें दान
अक्षय तृतीया वाले दिन दान में पंखा, चावल, गुड़, चीनी, दही, जौं या सत्तू और वस्त्र आदि का दान अवश्य करें। यदि शक्ति हो तो गौ दान या स्वर्ण का दान भी करना चाहिए। कहा जाता है कि अक्षय तृतीया को दिया हुआ दान अगले जन्म में हमें कई गुना अधिक हो करके प्राप्त होता है और इस जन्म में हमारा मन शांत और शुद्ध बनता है और हमें अगले जन्म में इसका परिणाम सुखद प्राप्त होता है।