तालिबानियों के आगे नहीं झुकी यह अफगानी महिला, आंखों में आंखे डाल बोली- ''अब शांत नही बैठेंगे''
punjabkesari.in Saturday, Aug 21, 2021 - 06:21 PM (IST)
अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद जहां तालिबान अपना क्रूर शासन लागू कर रहा है वहीं इससे भयभीत होकर वहां के लोग और महिलाएं घरों में बंद हो गए है। लोग जानते हैं कि तालिबान अपने सुधरने की जितनी मर्जी बाते कर लें लेकिन वह अपना असली रंग जरूर दिखाएगा और ऐसा ही हाल ही में देखने को भी मिला। पिछले दिनों ही काबूल एयरपोर्ट के पास तालिबानियों ने जमकर गोलीबारी की जिसमें कई मासूम मारे गए, इतना ही नहीं महिलाओं के प्रति तालिबान की क्रूरता भी जगजाहिर हुई, ऐसे में महिलाएं फिर उन बंदिशों में नहीं बंधना चाहती हैं जिसके बदले में उन्होंने सड़कों पर उतर कर तालिबानियों का डट का सामना किया।
तालिबानियों के आगे नहीं झुकी यह महिला
अफगानिस्तान में कई महिलाओं ने अपने स्तर पर आंदोलन छेड़ दिया है। इन्हीं में से एक महिला हैं क्रिस्टल बयात जिन्होंने तालिबानियों के सामने आंखों में आखें डाल अपने हक की बात रखी। अफगानिस्तान में स्वतंत्रता दिवस के दिन भी काबुल में क्रिस्टल बयात ने विरोध प्रदर्शन किया था।
क्रिस्टल बयात ने इस दौरान कई दूसरी महिलाओं को अपने साथ लेकर अफगानिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए। उस समय उनका तालिबानियों से भी सीधा सामना हुआ। उन्हें धमकी तक दे दी गई थी लेकिन फिर भी यह बहादुर अफगानी महिला पीछे नहीं हटी।
एक न्यूज चैनल से बातचीत में क्रिस्टल बयात ने बताया कि अब अफगान की महिलाएं बदल चुकी हैं। वे अपने हक के लिए लड़ना जानती हैं। क्रिस्टल ने कहा कि हम तालिबान को ये बताना चाहते थे कि अब सबकुछ बदल चुका है, अब सभी अपने हकों को लेकर जागरूक हैं। कब तक ऐसे डर के बैठा जाएगा।
गोली लगने का था डर लेकिन तालिबानियों के आगे डटी रही
क्रिस्टल ने बताया कि उनका तालिबानियों से सीधा सामना हुआ था, उन्हें डराया भी गया था। लेकिन मैंने तालिबानियों से सीधे मुंह बात की और कहा कि हम महिलाओं के अपने हक हैं, लेकिन तालिबान का अजीब व्यवहार था। मुझे लगा कि वो मुझे गोली मार देंगे, लेकिन मैंने वो रिस्क लिया, हमने लगातार अफगानिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए।
तालिबान चाहता है कि महिलाएं शांत रहें, लेकिन अब नहीं
अफगानी महिला ने बताया कि उस आंदोलन के दौरान तालिबानियों ने अपनी कायरता दिखाते हुए भीड़ पर गोलियां चला दी थीं। जिसमें कई लोग घायल हुए थे, वहीं उनके ड्राइवर को भी तालिबानियों ने बुरी तरह पीटा था। क्रिस्टल ने बताया कि तालिबान चाहता है कि महिलाएं शांत रहें,लेकिन शायद तालिबान को ये नहीं पता कि हम महिलाओं के भी सपने हैं, हम भी सशक्त हैं। अगर आज शांत रहे तो भविष्य बर्बाद हो जाएगा।
कौन है क्रिस्टल बयात
आपकों बता दें कि क्रिस्टल बयात अफगानी महिला है जिनकी उम्र 25 साल की हैं और पॉलिटिक साइंस में उन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई की हैं। इतनी कम उम्र में भी वह अपने सपनों के लिए तालिबानियों से लोहा लेने में कतई भी डरी नहीं जो वहां की महिलाओं के लिए वाकई काबिलेतारिफ है।