अफगानी महिलाओं की जुबानी, 'तालिबान के सारे वादे खोखले-हमारी इज्जत खतरे में'
punjabkesari.in Saturday, Aug 21, 2021 - 03:21 PM (IST)
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद पूरे देश के लोग काफी डरे और सहमें हुए हैं। तालिबानी हुकूमत के तले लोग अपनी जिंदगी को नर्क बनता नहीं देखना चाहते जिसके बदले में वह वहां से भाग रहे हैं। एक्सपर्ट और एक्टिविस्ट के मुताबिक अफगानिस्तान फिर से महिलाओं के लिए एक बेहद खतरनाक जगह बन गया है, पिछले कुछ हफ्तों से हिंसा की कई खबरें आ रही हैं।
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी का कहना है कि मई के अंत से अब तक जो लोग भागे हैं, उनमें से लगभग 80 प्रतिशत महिलाएं और बच्चे हैं।
काबुल पर 15 अगस्त को कब्जे के बाद तालिबान के बड़े नेताओं ने अपनी पहली प्रैस कांफ्रेंस में कहा था कि वो किसी के खिलाफ बदले की भावना से काम नहीं करेगा। अब देश में महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ेगी, लेकिन शरिया के कानूनों के तहत। लेकिन वहीं अब जो खबरें सामने आ रही हैं उसे देखते हुए लग रहा है कि तालिबान के सभी दावे खोखले हैं। लड़ाके घर-घर तलाशी ले रहे हैं, वो ऐसे लोगों को निशाना बनाना चाहते हैं, जिसने अमेरिका और अफगान सरकार की मदद की। तालिबानिों की क्रुरता पर कुछ महिलाओं ने अपनी आप बीती साझा की हैं जिसे सुन हर किसी के रोंगटे खड़े हो जाएंगे।
आईए एक नज़र डालते हैं कि अफगानी महिलाएं तालिबान के बारे में क्या कह रही हैं-
एक गुमनाम अफगान महिला ने एक न्यूज एजेंसी को बताया कि मुझे उम्मीद नहीं थी कि हम फिर से अपने सभी मूल अधिकारों से वंचित हो जाएंगे और 20 साल पुराने दौर में लौट जाएंगे।अधिकारों और आजादी के लिए 20 साल की लड़ाई के बाद, हमें बुर्के की तलाश करनी करनी पड़ रही है। हमें अपनी पहचान छुपानी पड़ रही है, हम फिर से तालिबानी की गुलामी में जीने पर मजबूर हैं।
न्यूज़ एंकर की आप बीती
तालिबानी की बर्बरता को बयां करेत हुए कई अफगान महिला पत्रकारों ने कहा है कि तालिबान ने उन्हें काम करने की इजाजत नहीं दे रहा है। आरटीए (रेडियो टेलीविजन अफगानिस्तान) की एक एंकर शबनम दावरान ने कहा कि वो अपने ऑफिस में अब एंट्री नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि मैं काम पर लौटना चाहता था, लेकिन दुर्भाग्य से उन्होंने मुझे काम करने नहीं दिया। तालिबानी ने मुझे बताया कि शासन बदल गया है और आप महिला है इसलिए अब काम नहीं कर सकते हैं।
तालिबान अपने हिसाब से न्यूज चलाएंगे जिसमें कोई महिला नहीं होगी
इसी तरह एक अन्य पत्रकार खदीजा ने बताया कि तालिबान ने उन्हें अपने ऑफिस में एंट्री की अनुमति नहीं दी। खदीजा ने टोलो न्यूज से कहा कि हमने अपने नए निदेशक से बात की जिसे तालिबान ने नियुक्त किया है। कार्यक्रमों में बदलाव किया गया है। वो अपने मन से कार्यक्रम प्रसारित करेंगे जिसमें अब कोई भी महिला प्रस्तुतकर्ता और महिला पत्रकार नहीं होगी।
तालिबान अब लड़कियों को स्कूल जाने नहीं देगा, हमारी इज्जत खतरे में है
इसके अलावा कई अफगान महिलाओं ने कहा है कि उन्हें डर है कि तालिबान शरिया के हिसाब से काम करेगा। लड़कियों को स्कूल जाने नहीं देगा। तालिबान ने 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान में अपने पहले शासन के दौरान क्रूरता से अपने फरमानों को लागू कर दिया तालिबानी फिर से अपना इतिहास दोहराने जा रहा है। हमें जर है कि अब अकेले घर से निकलने पर महिलाओं को सार्वजनिक रूप से पीटा जाएगा, हमारी इज्जत खतरे में है।