गंगा दशहरे पर बन रहा है अद्भुत संयोग, जानें स्नान-दान और शुभ मुहूर्त के बारे में
punjabkesari.in Saturday, Jun 15, 2024 - 07:36 PM (IST)
ज्येष्ठ महीने की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन गंगा दशहरा मनाए जाने का विधान है। मान्यता है कि अपने पूर्वजों की आत्मा के उद्धार के लिए भागीरथ गंगा को पृथ्वी पर लेकर आए थे । माना जाता है कि इस पवित्र दिन में स्नान करने और दान देने से पापों से मुक्ति मिल जाती है। इस बार गंगा दशहरा ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 16 जून को रात 02 बजकर 32 मिनट से शुरू होगा और दशमी तिथि का समापन 17 जून को सुबह 04 बजकर 34 मिनट पर होगा ।
इस साल गंगा दशहरा पर रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग बन रहा है। इस दिन सूर्योदय के साथ ही रवि योग शुरू हो जाएगा। इस शुभ योग में पूजा-पाठ और मांगलिक कार्यों को करना बहुत ही शुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में गंगाजल के कुछ उपाय बताए गए हैं, जिन्हें गंगा दशहरा के दिन करने से इसका दोगुना फल मिलता है। आइए जानते हैं कौन से उपाय करने मिलेगा क्या लाभ.....
बीमारियां रहेंगी दूर
अक्सर घर के सदस्यों का स्वास्थ्य खराब रहता है तो रोजाना घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए, इससे बीमारियां आसपास भी नहीं भटकती।
कर्ज से छुटकारा पाने के लिए
अगर कोई व्यक्ति कर्ज के बोझ के तले दबा हुआ है तो किसी भी दिन पीतल के लोटे में गंगाजल भरकर इसे घर की उत्तर-पूर्व दिशा में रख दें। ध्यान रहे कि लोटे का मुंह लाल कपड़े से ढकना है, इससे जल्द कर्ज से छुटकारा मिलेगा।
शनि के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए
अगर कोई व्यक्ति शनि के अशुभ प्रभाव से परेशान है और मुक्ति पाना चाहता है तो एक लोटे में पानी लेकर उसमें गंगाजल की कुछ बूंदे डाले अब इसे पीपल के पेड़ पर अर्पित कर दें। इससे शनि के अशुभ प्रभाव कम होंगे।
मोक्ष की प्राप्ति के लिए
मान्यता है कि गंगाजल से मोक्ष की प्राप्ति होती है. रोजाना शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाते समय ऊं नम: शिवाय का उच्चारण करने से मोक्ष मिल सकता है।
गंगा स्नान के समय इन मंत्रों का करें जाप
'ॐ नमो भगवति हिलि हिलि मिलि मिलि गंगे माँ पावय पावय स्वाहा'
'ॐ नमो गंगायै विश्वरुपिणी नारायणी नमो नम:'
'गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु'
'ॐ नमो गंगायै विश्वरुपिणी नारायणी नमो नम:'
इस दिन करें दान
गंगा दशहरे के दिन दान करना भी बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यता है कि दान के बिना कोई भी पूजा-पाठ, पुण्य कार्य अधूरा रहता है। आप खरबूजा, सत्तू, शरबत, फूल, दीया, पान, इत्र, पंखा, जौ और तिल जैसी चीजों का दान कर सकते है। इसके अलावा इस दिन गरीबों को भोजन भी जरुर करवाएं।