ऑस्ट्रेलिया में हर चार दिन में एक महिला की हो रही है हत्या, घरेलू हिंसा के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग

punjabkesari.in Wednesday, May 01, 2024 - 11:34 AM (IST)

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने महिलाओं के साथ हिंसा के खिलाफ हजारों लोगों द्वारा देशभर में प्रदर्शन किए जाने के बाद घरेलू हिंसा को ‘‘राष्ट्रीय संकट'' बताया। ऑस्ट्रेलिया के कई शहरों में  हजारों लोगों ने इस साल कथित तौर पर लैंगिक हिंसा के कारण 27 महिलाओं की मौत पर ध्यान दिलाने के लिए प्रदर्शन किया था। 

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ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने जताई चिंता

इसके बाद अल्बनीज ने  कहा कि ये रैलियां ऑस्ट्रेलियाई सरकार के सभी स्तरों पर लैंगिक हिंसा को रोकने के लिए और अधिक प्रयास करने का आह्वान थीं। उन्होंने ‘नाइन नेटवर्क' टेलीविजन से कहा- ‘‘बिल्कुल साफ है कि हमें और कदम उठाने की जरूरत है। केवल सहानुभूति रखना ही पर्याप्त नहीं है। तथ्य यह है कि....औसतन हर चार दिन में एक महिला अपने साथी के हाथों मारी जाती है, यह एक राष्ट्रीय संकट है।'' 

 

ये है ऑस्ट्रेलिया का आंकड़ा

अल्बनीज ने कहा कि वह इस समस्या से निपटने के लिए समन्वित प्रयासों पर चर्चा करने के लिए ऑस्ट्रेलिया के नेताओं के साथ एक बैठक करेंगे। ऑस्ट्रेलियन इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी (एआईसी) द्वारा जारी नए आंकड़ों के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया में अपने साथियों द्वारा महिलाओं की हत्या की दर 2021-22 से 2022-23 तक 28 प्रतिशत बढ़ गई है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में अंतरंग साथी घटनाओं में 34 महिलाओं की मौत हो गई, जो प्रति 100,000 लोगों पर 0.32 के बराबर है।

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महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहा है अपराध

 एक साल पहले, यह दर प्रति 100,000 पर 0.25 ऐसी हत्याए थी। ऐतिहासिक रूप से, 1980 के दशक के अंत और 1990 के दशक की शुरुआत से अपने साथियों द्वारा महिलाओं की हत्या की दर में गिरावट आ रही थी। एआईसी के अनुसार, पिछले 34 वर्षों में इसमें 66 प्रतिशत की कमी आई है। हालाकि, पिछले साल हत्या दर में वृद्धि - साथ ही 2024 के पहले चार महीनों में मारी गई महिलाओं की संख्या में तेज वृद्धि - सभी ऑस्ट्रेलियाई लोगों के लिए बढ़ती चिंता का कारण है। 

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अपराध रोकने में पुलिस और अदालतों का अहम रोल

रिपोर्ट से पता चलता है कि पुलिस, अभियोजक और अदालतें अच्छा काम कर रही हैं, 90 प्रतिशत मामले न्याय प्रणाली के माध्यम से हल किए जा रहे हैं। यानी, 2022-23 में केवल 10 प्रतिशत मानव वध की घटनाओं को "हल" नहीं किया गया था, जिसका अर्थ है कि ऐसे मामले जहां किसी अपराधी की अभी तक पहचान नहीं की गई है, किसी संदिग्ध पर अभी तक आरोप नहीं लगाया गया है, या किसी व्यक्ति को लापता घोषित कर दिया गया है। 


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Content Writer

vasudha

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