6 मिनट Toilet इस्तेमाल करने पर 805 रुपये वसूले, खाटू श्याम मंदिर की घटना ने लोगों को चौंकाया

punjabkesari.in Sunday, Apr 27, 2025 - 01:26 PM (IST)

नारी डेस्क: राजस्थान के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल खाटू श्याम मंदिर के पास हुई एक घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया है। एक बीमार बुजुर्ग महिला को इमरजेंसी में वॉशरूम की जरूरत थी, लेकिन मदद करने की बजाय होटल स्टाफ ने उनसे 805 रुपये वसूल लिए। यह घटना एक इंसान के लिए शर्मिंदगी का विषय है, खासकर उस जगह पर जहां भक्त भगवान की कृपा और शांति की तलाश में जाते हैं।

परिवार की पीड़ा: एक पोस्ट ने उजागर किया सच

इस घटना को महिला की बेटी मेघा उपाध्याय ने अपने LinkedIn पोस्ट के ज़रिए सबके सामने लाया। उन्होंने पूरी कहानी बताते हुए बिल की तस्वीरें भी शेयर कीं और लिखा, "805 रुपये सिर्फ वॉशरूम के लिए! इंसानियत बची है कहीं?"

PunjabKesari

मेघा ने बताया कि वो अपने माता-पिता के साथ खाटू श्याम जी के दर्शन के लिए आई थीं। यह उनकी मां की बहुत पुरानी इच्छा थी। सुबह 6 बजे होटल से निकले, 7 बजे तक मंदिर की लाइन में लग गए। 2 घंटे तक बिना कोई शिकायत किए लाइन में खड़े रहे, सामान्य दर्शन का रास्ता चुना, क्योंकि मां मानती हैं – "भगवान के दरवाजे पर सब बराबर होते हैं।"

ये भी पढ़े: भारत ने सिंधु नदी का पानी रोका, पाकिस्तान बोला- "रेगिस्तान बन जाएगा हमारा इलाका"...

अचानक बिगड़ी मां की तबीयत, वॉशरूम की थी सख्त जरूरत

लाइन में खड़े-खड़े अचानक मां की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें पेट में तेज दर्द और उल्टी जैसा महसूस होने लगा। पापा इधर-उधर वॉशरूम ढूंढने लगे। 1 किलोमीटर के दायरे में कोई सही वॉशरूम नहीं मिला। सार्वजनिक स्नानघर थे, लेकिन गंदे और अस्वस्थ थे। मां खड़ी नहीं रह पा रही थीं, दर्द से तड़प रही थीं

होटल में मदद मांगी, लेकिन इंसानियत नहीं मिली

पास के एक होटल में जाकर मेघा और उनके पापा ने रिसेप्शन पर विनती की, "हमें कमरा नहीं चाहिए, बस 5-10 मिनट के लिए वॉशरूम चाहिए। ये इमरजेंसी है, प्लीज मदद करें।" लेकिन रिसेप्शनिस्ट ने जवाब दिया "800 रुपये लगेंगे वॉशरूम इस्तेमाल करने के।" कोई दया नहीं, कोई इंसानियत नहीं। सिर्फ और सिर्फ पैसों की मांग परिवार ने मां की हालत देखकर भी रिसेप्शनिस्ट से फिर विनती की, बताया कि उनका होटल 7 किलोमीटर दूर है। कहा कि मामला इंसानियत और इमरजेंसी का है। लेकिन रिसेप्शनिस्ट ने कहा: "पहले पैसे दीजिए।"मां की हालत और खराब हो रही थी, कोई और रास्ता न देख पैसे देने पड़े।

बिल मांगने पर भी मिली बदतमीज़ी

जब पापा ने बिल मांगा, तो रिसेप्शनिस्ट चिल्लाने लगा और कहा "बिल छोड़िए, 100 रुपये कम दे दीजिए।" लेकिन जब पापा ने ज़ोर दिया, तब जाकर एक हाथ से लिखा 805 रुपये का बिल दिया गया — सिर्फ 6 मिनट वॉशरूम इस्तेमाल करने के लिए।

PunjabKesari

"दुख पैसे का नहीं, इंसानियत के मरने का है" – मेघा उपाध्याय

मेघा ने साफ लिखा, "मैं ये सब सहानुभूति के लिए नहीं लिख रही, बल्कि इसलिए लिख रही हूं क्योंकि आज भी ये सोचकर हैरान हूं… कैसे कोई किसी दर्द में तड़पती महिला को देखकर भी पैसे मांग सकता है?" यह घटना उस जगह हुई, जहां हम शांति, आस्था और दया की उम्मीद लेकर जाते हैं।

सोशल मीडिया पर उठी आवाज़

यह पोस्ट इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो गई। 3,000 से ज्यादा लाइक्स और सैकड़ों कमेंट्स मिल चुके हैं। कई लोगों ने इसे इंसानियत के पतन का उदाहरण बताया।

यह घटना एक सवाल खड़ा करती है क्या हम वाकई इंसानियत और करुणा से दूर होते जा रहे हैं?खासकर धार्मिक स्थलों के पास, जहां हम भगवान से दया की उम्मीद करते हैं वहां हम खुद कितने दयालु हैं, ये सोचना ज़रूरी है।

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

PRARTHNA SHARMA

Related News

static