7 सितंबर 2025 चंद्र ग्रहण: जानें गर्भवती महिलाओं को क्या करना चाहिए और क्या नहीं

punjabkesari.in Saturday, Sep 06, 2025 - 05:15 PM (IST)

नारी डेस्क : 7 सितंबर 2025 को लगने वाला चंद्र ग्रहण गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। मान्यता है कि इस दौरान चंद्रमा की ऊर्जा प्रभावित होती है, जिससे मां और गर्भस्थ शिशु पर असर पड़ सकता है। इसलिए इस समय कुछ खास सावधानियां बरतना जरूरी माना जाता है। 

समय: रात 9:58 बजे से 1:26 बजे तक (कुल अवधि 4 घंटे 42 मिनट)
सूतक प्रारंभ: 7 सितंबर 2025, दोपहर 12:58 बजे से

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गर्भवती महिलाओं पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव

गर्भवती महिलाओं और चंद्रमा के बीच गहरा संबंध माना जाता है, क्योंकि महिलाओं का प्राकृतिक मासिक चक्र लगभग 29 दिनों का होता है, जो चंद्रमा के 29.5 दिनों के चक्र से मेल खाता है। सनातन धर्म में चंद्रमा को मन और भावनाओं का नियंत्रक बताया गया है। जब चंद्र ग्रहण लगता है, तो राहु और केतु इस ऊर्जा प्रवाह में बाधा डालते हैं, जिससे गर्भवती महिलाएं मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से अधिक प्रभावित हो सकती हैं। 

ग्रहण के दौरान संभावित प्रभाव 

ग्रहण के दौरान कई तरह के नकारात्मक प्रभाव देखे जा सकते हैं। यह भावनात्मक और मानसिक संतुलन को बिगाड़ सकता है, जिससे गर्भवती महिलाओं को बेचैनी या तनाव महसूस हो सकता है। इसके अलावा, यह प्रजनन स्वास्थ्य और मासिक चक्र को प्रभावित कर सकता है। मान्यता है कि इस समय की नकारात्मक ऊर्जा अजन्मे शिशु के विकास पर भी असर डाल सकती है।

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गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय क्या करना चाहिए?

गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान कुछ खास सावधानियां रखनी चाहिए। इस समय उन्हें घर के अंदर रहकर खुरदुरी (कुशा) चटाई पर बैठना चाहिए और संतान गोपाल मंत्र व महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना लाभकारी माना जाता है। पेट पर हल्दी या चंदन का लेप लगाने से नकारात्मक ऊर्जा से बचाव होता है। इसके अलावा पानी और भोजन में तुलसी के पत्ते डालकर रखना चाहिए और अपने पास नारियल या लोहे की कोई वस्तु रखना शुभ माना जाता है। ग्रहण के दौरान हल्के और साफ-सुथरे कपड़े पहनकर शांत वातावरण में रहना गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षा प्रदान करता है।

ग्रहण के समय क्या नहीं करना चाहिए?

ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को कुछ चीजों से खासतौर पर बचना चाहिए। इस दौरान घर से बाहर न निकलें और न ही चंद्र ग्रहण को सीधे देखें। कैंची, सुई या चाकू जैसी नुकीली वस्तुओं का प्रयोग करने से परहेज करें। ग्रहण के दौरान भोजन पकाना या खाना उचित नहीं माना जाता, साथ ही सूतक लगने के बाद पहले से बना हुआ भोजन भी नहीं खाना चाहिए। इस समय अनावश्यक गतिविधियों से दूर रहकर शरीर को आराम देना गर्भवती महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित माना जाता है।

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ग्रहण के बाद क्या करें

ग्रहण समाप्त होने के बाद गर्भवती महिलाओं को शुद्धि और नवीनीकरण पर ध्यान देना चाहिए। इस समय स्नान करना शरीर और मन की पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। घर को पवित्र जल या गंगाजल से शुद्ध करें और प्रार्थना करें। ग्रहण के दौरान रखे हुए भोजन को फेंक दें और ताजा सात्विक भोजन पकाकर ग्रहण करें। साथ ही शांत मन से बैठकर ईश्वर का धन्यवाद करें और आने वाले समय में स्वयं और अपने बच्चे की सुरक्षा के लिए दिव्य आशीर्वाद की प्रार्थना करें।

7 सितंबर 2025 को लगने वाला चंद्र ग्रहण गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। मान्यता है कि इस दौरान चंद्रमा की ऊर्जा प्रभावित होती है, जिससे मां और गर्भस्थ शिशु पर असर पड़ सकता है। इसलिए इस समय कुछ खास सावधानियां बरतना जरूरी माना जाता है।


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Monika

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