6 साल में मोटापा, 10 साल में डायबिटीज, बच्चों की सेहत पर बड़ा खतरा!

punjabkesari.in Thursday, Sep 04, 2025 - 03:04 PM (IST)

नारी डेस्क : आज के समय में छोटे बच्चे भी मोटापे (Obesity) और टाइप 2 डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों का सामना कर रहे हैं। पहले ये बीमारियां ज्यादातर बड़े लोगों में देखी जाती थीं, लेकिन अब 6 साल के बच्चे भी मोटापे के शिकार हैं और 10 साल की उम्र तक डायबिटीज होने के मामले सामने आ रहे हैं। यह बहुत चिंताजनक है क्योंकि बच्चों का स्वास्थ्य प्रभावित होने से उनका भविष्य भी खतरे में पड़ सकता है।

जीवनशैली और खान-पान की आदतों में बदलाव

सबसे बड़ा कारण बच्चों की बदलती जीवनशैली है। जंक फूड, प्रोसेस्ड स्नैक्स, शक्कर से भरे ड्रिंक्स का ज्यादा सेवन हो रहा है। इसके साथ ही बच्चे कम खेल-कूदते हैं और ज्यादा समय टीवी, मोबाइल या कंप्यूटर स्क्रीन के सामने बिताते हैं। माता-पिता की व्यस्तता के कारण घर में स्वस्थ खाना कम बनता है और बाहर का फास्ट फूड ज्यादा खाया जाता है। अगर परिवार में किसी को पहले से डायबिटीज या मोटापा है, तो जीन की वजह से भी बच्चों में ये समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है।

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बच्चों के शरीर और दिमाग पर प्रभाव

मोटापे और डायबिटीज का बच्चों के शरीर और दिमाग पर बुरा असर होता है। मोटे बच्चे अक्सर खुद में आत्मविश्वास की कमी महसूस करते हैं और वे अपने दोस्तों से अलग-थलग हो सकते हैं। टाइप 2 डायबिटीज, जो पहले केवल बड़ों को होती थी, अब बच्चों में हार्ट की बीमारियों और इंसुलिन प्रतिरोध जैसी समस्याएं बढ़ा रही है। लंबे समय तक अधिक शुगर लेने से किडनी, आंखों और नसों को भी नुकसान हो सकता है।

मोटापा और डायबिटीज के लक्षण कैसे पहचानें?

मोटापा (ओबेसिटी) के लक्षण: मोटापा के कुछ सामान्य लक्षण होते हैं जिनका ध्यान रखना जरूरी है। इनमें सबसे प्रमुख है कि बच्चे का वजन उसकी उम्र और कद के मुताबिक बहुत अधिक बढ़ जाना। इसके अलावा, बच्चे में ऊर्जा की कमी हो सकती है और वह जल्दी थक जाता है। खेल-कूद में उसकी रुचि कम हो जाती है, और सांस लेने में दिक्कत या ज्यादा पसीना आना भी मोटापे के संकेत हो सकते हैं। इन लक्षणों को पहचानकर समय रहते सावधानी लेना जरूरी होता है।

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टाइप 2 डायबिटीज के लक्षण: टाइप 2 डायबिटीज के कई लक्षण होते हैं जिन पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। सबसे पहले, बच्चे को बार-बार बहुत अधिक प्यास लगती है और बार-बार पेशाब भी आता है। इसके अलावा, बच्चे की भूख असामान्य रूप से बढ़ सकती है, साथ ही उसका वजन घट सकता है या बढ़ सकता है। बच्चे को अक्सर थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है। इसके साथ ही, उसकी नजर धुंधली हो सकती है या छोटे-मोटे घाव भी जल्दी ठीक नहीं होते। यदि आपके बच्चे में ये लक्षण नजर आएं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

Experts की सलाह

एक्सपर्ट्स की सलाह के अनुसार, बच्चों के स्वास्थ्य के लिए माता-पिता की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है। न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स बताते हैं कि बच्चों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए रोजाना उनके आहार में ताजे फल, सब्जियां और साबुत अनाज शामिल करना जरूरी है। इसके साथ ही, बच्चों को रोजाना व्यायाम करना चाहिए और उनका स्क्रीन टाइम कम रखा जाना चाहिए ताकि वे अधिक सक्रिय और स्वस्थ रह सकें। इसके अलावा, स्कूलों में भी पोषण शिक्षा और खेल-कूद की गतिविधियों को प्रोत्साहित करना चाहिए, जिससे बच्चे सही जीवनशैली अपनाने के लिए जागरूक हों और स्वस्थ विकास कर सकें।

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स्वस्थ भविष्य के लिए सही कदम

इन बीमारियों से बचने के लिए जागरूकता और सही कदम बहुत जरूरी हैं। माता-पिता को अपनी और बच्चों की जीवनशैली सुधारनी होगी ताकि बच्चे भी अच्छे आदतें सीख सकें। बच्चों को बाहर खेलने और तकनीक के कम उपयोग के लिए प्रोत्साहित करना भी जरूरी है। छोटे बच्चों में मोटापा और डायबिटीज बढ़ना हमें अपनी जीवनशैली पर गंभीरता से सोचने की जरूरत बताता है। अगर समय रहते इस पर ध्यान न दिया गया तो भविष्य में ये बीमारियां और गंभीर रूप ले सकती हैं।


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Content Editor

Monika

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