प्रदूषण से महिलाओं की सेहत पर गंभीर असर: Hormones और बोन हेल्थ पर बढ़ रहा खतरा

punjabkesari.in Monday, Nov 24, 2025 - 03:19 PM (IST)

 नारी डेस्क: सर्दियों में दिल्ली और नॉर्थ इंडिया की हवा हर साल ज़हर बन जाती है। AQI 400 के पार जाता है और धुंध इतनी गहरी होती है कि दिन भी धुंधले लगते हैं। पर क्या आप जानती हैं कि ये प्रदूषण सिर्फ़ फेफड़ों के लिए नहीं, बल्कि महिलाओं के हार्मोन और हड्डियों के लिए भी खतरनाक है? मेनोपॉज़ कोच तमन्ना सिंह ने महिलाओं के मेनोपॉज और हार्मोन असंतुलन से जुड़ी बेहद महत्वपूर्ण जानकारी महिलाओं के साथ साझा की है चलिए इसके बारे में बताते हैं। 

जब महिलाएं पेरिमेनोपॉज़ या मेनोपॉज़ के दौर से गुज़रती हैं, तब शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है। यह वही हार्मोन है जो हमारी हड्डियों को मजबूत रखता है और शरीर में सूजन को नियंत्रित करता है। अब जब हवा में ज़हरीले कण (PM2.5, NOx आदि) जाते हैं, तो यह एस्ट्रोजन की कमी के असर को और बढ़ा देते हैं यानी कमज़ोर हड्डियाँ, जोड़ों का दर्द, थकान और चिड़चिड़ापन।

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वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि प्रदूषण हड्डियों के कोशिकाओं (osteoblasts) को नुकसान पहुंचाता है और विटामिन D के स्तर को कम करता है क्योंकि सर्दियों में धूप भी कम मिलती है। यानी हवा ज़हरीली, धूप कम, और शरीर में सूजन ज़्यादा  यह ट्रिपल अटैक है मिडल एज महिलाओं के लिए।

क्या करें

घर में HEPA फ़िल्टर लगाएं, N95 मास्क पहनें, दिन में कुछ मिनट धूप लें, और आहार में तिल, आंवला, हल्दी और दूध जैसे एंटीऑक्सीडेंट शामिल करें। “प्रदूषण का असर सिर्फ़ सांसों पर नहीं, हार्मोन और हड्डियों पर भी पड़ता है। यह साइलेंट हेल्थ क्राइसिस है  जिसे महिलाएं अक्सर अनदेखा कर देती हैं।” 

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Content Editor

Priya Yadav

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