कंसीव करने में आ रही है परेशानी? जानें वजह और समाधान

punjabkesari.in Saturday, Jan 04, 2025 - 03:39 PM (IST)

नारी डेस्क: कंसीव यानी गर्भधारण करने के लिए एक स्वस्थ शरीर होना बहुत जरूरी है। कई बार स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और बीमारियां कंसीव में रुकावट डाल सकती हैं।प्रेगनेंसी के दौरान ही नहीं प्रेगनेंसी से पहले भी महिलाओं को कई सारी समस्याएं आती हैं। इंडियन सोसाइटी ऑफ असिस्टेड रिप्रोडक्शन की रिपोर्ट बताती  है कि भारत में 2.75 करोड़ कपल बांझपन के शिकार हैं। इसका मतलब देश का हर छठा कपल बच्चे के लिए परेशान है। इसकी एक नहीं कई वजहें हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं, लेकिन कई बार कुछ खास बीमारियां भी महिलाओं के लिए कंसीव में रुकावट का कारण बनती हैं। अगर इन बीमारियों का समय रहते इलाज किया जाए तो गर्भधारण में आने वाली समस्याओं से बचा जा सकता है।

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)

PCOS एक हार्मोनल समस्या है, जो महिलाओं के ओवरी में सिस्ट (गांठ) बना देती है।इससे अंडाणुओं का सही तरीके से बन नहीं पाते और ओव्यूलेशन मे दिक्कत होती है। पीसीओएस से प्रभावित महिलाओं में आमतौर पर पीरियड्स अनियमित होते हैं और हार्मोनल असंतुलन होता है। इन कारणों से गर्भधारण में समस्या हो सकती है।

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हेपेटाइटिस और टीबी

हेपेटाइटिस और ट्यूबरकुलोसिस दोनों ही गंभीर बीमारियां हैं, जो गर्भधारण करने में परेशानी पैदा कर सकती हैं। हेपेटाइटिस की वजह से लीवर और टीबी की वजह से फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है,  हार्मोनल असंतुलन और मिसकैरेज का खतरा बढ़ता है, जिसकी वजह से कंसीव करने में दिक्कतें आ सकती हैं।

थायराइड

थायराइड (Thyroid) भी कंसीव करने में रुकावट डाल सकता है। थायराइड डिसऑर्डर से पीड़ित महिलाओं में गर्भाशय में सूजन और दर्द की समस्या हो सकती है, जिससे प्रेग्नेंट होने में प्रॉब्लम आ सकती हैं।यदि थायराइड का लेवल बहुत ज्यादा या बहुत कम हो, तो महिला को कंसीव करने में दिक्कत हो सकती है।थायराइड मे आकसर थकान और कमजोरी, वजन में बदलाव, ज्यादा ठंड या गर्मी महसूस होती है।

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डायबिटीज

डायबिटीज (Diabetes) एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें शरीर में ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है। इस बीमारी से पीड़ित महिलाओं में गर्भधारण करने में समस्याएं आ सकती हैं, क्योंकि इसकी वजह से गर्भाशय (Uterus) में सूजन और दर्द की समस्या हो सकती है।

मोटापा (Obesity)

मोटापा भी कंसीव करने में एक अहम कारण बन सकता है। बॉडी वेट बढ़ने से हार्मोनल इम्बैलेंस हो सकता है। इससे मिसकैरेज का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है। डॉक्टरों का कहना है कि गर्भधारण के लिए शरीर का बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 30 से ज्यादा नहीं होना चाहिए।

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एड्स (AIDS)

एड्स (Acquired Immunodeficiency Syndrome) एक गंभीर स्थिति है, जो HIV वायरस के कारण होती है। HIV शरीर के इम्यून सिस्टम को कमजोर करता है, जिसमें कंसीव कर पाना मुश्किल हो सकता है। इसके अलावा, एड्स के कारण हार्मोनल असंतुलन, वैजाइनल इंफेक्शन और मिसकैरेज का खतरा भी बढ़ सकता है, जिससे गर्भधारण में परेशानी होती है।

गर्भधारण में समस्या कई कारणों से हो सकती है, और इन कारणों को समझना और सही समय पर इलाज करना बेहद महत्वपूर्ण है।


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Content Editor

Priya Yadav

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