गर्मियों में बच्चों को छाछ पिलाने से होते हैं ये 5 बड़े फायदे, जाने सही सेवन का तरीका

punjabkesari.in Thursday, May 15, 2025 - 04:41 PM (IST)

नारी डेस्क: गर्मियों का मौसम अपने साथ तेज धूप, लू और शरीर में पानी की कमी जैसी कई परेशानियां लेकर आता है। यह मौसम जितना वयस्कों के लिए चुनौतीपूर्ण होता है, उतना ही या उससे भी ज्यादा बच्चों के लिए मुश्किल बन जाता है। बच्चे अक्सर दोपहर की धूप में खेलते हैं जिससे उन्हें लू, डिहाइड्रेशन, पेट की समस्याएं और त्वचा पर रैशेज जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। ऐसे में छाछ (बटरमिल्क) को बच्चों के खानपान में शामिल करना बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। छाछ को दही और हल्के मसालों के साथ मिलाकर बनाया जाता है। यह स्वाद में तो बेहतरीन होती ही है, साथ ही बच्चों के पाचन और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होती है।

बच्चों को छाछ पिलाने के मुख्य फायदे

शरीर को ठंडक पहुंचाती है: गर्मियों में बच्चों का शरीर जल्दी गर्म हो जाता है, जिससे उन्हें चिड़चिड़ापन, थकावट और बेचैनी महसूस होती है। छाछ में कैल्शियम, पोटेशियम और विटामिन B12 जैसे जरूरी पोषक तत्व होते हैं। जब बच्चों को छाछ दी जाती है, तो यह शरीर को अंदर से ठंडक पहुंचाती है और बच्चों को तरोताजा तथा एनर्जेटिक बनाए रखती है।

पाचन क्रिया को मजबूत बनाती है: गर्मी के कारण पाचन क्रिया सुस्त हो जाती है और बच्चों को पेट दर्द, गैस, कब्ज या अपच जैसी समस्याएं होने लगती हैं। छाछ में मौजूद प्रोबायोटिक्स (अच्छे बैक्टीरिया) बच्चों की पाचन शक्ति को सुधारते हैं। यह पेट की जलन और गैस की दिक्कत से राहत दिलाती है और भूख भी सही करती है।

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इम्यूनिटी बढ़ाती है: छाछ में दही की तरह ही प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं। यह बच्चों को संक्रमण, सर्दी-खांसी और वायरल से लड़ने में मदद करती है। गर्मियों में रोज थोड़ी-सी मात्रा में छाछ पीने से बच्चों को मौसम बदलने का असर कम झेलना पड़ता है।

डिहाइड्रेशन से बचाती है: तेज गर्मी और पसीना आने की वजह से बच्चों के शरीर से पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है। यह डिहाइड्रेशन का कारण बनता है। छाछ में पोटैशियम और सोडियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं, जो शरीर को अंदर से हाइड्रेटेड रखते हैं। डाइटिशियन प्रांजल कुमत बताती हैं कि छाछ में मौजूद मिनरल्स और विटामिन बच्चों की गर्मी की थकावट को भी कम करते हैं।

त्वचा की समस्याओं से राहत: गर्मी में बच्चों की स्किन पर रैशेज, घमौरियां और जलन होना आम बात है। छाछ शरीर को अंदर से ठंडक देती है, जिससे त्वचा की जलन और घमौरियों में आराम मिलता है। छाछ में मौजूद पोषक तत्व त्वचा को हेल्दी बनाए रखते हैं और इन्फेक्शन से बचाते हैं।

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बच्चों को छाछ कितनी मात्रा में देनी चाहिए?

1 साल के बच्चे: अगर बच्चा 1 साल या उससे ऊपर का है, तो रोजाना 70 से 100 मिलीलीटर छाछ देना ठीक है।

2 से 5 साल के बच्चे: इस उम्र के बच्चों को 100 से 150 मिलीलीटर छाछ दी जा सकती है।

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6 से 10 साल के बच्चे: रोजाना 150 से 200 मिलीलीटर छाछ देना फायदेमंद होता है।

ध्यान दें: 1 साल से छोटे बच्चों को छाछ बिल्कुल भी नहीं देनी चाहिए, क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है। साथ ही एक बार में बहुत अधिक मात्रा में छाछ पिलाने से भी बचें। इससे सर्दी-खांसी या बुखार हो सकता है।

छाछ पीने का सबसे सही समय कौन-सा है?

हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि छाछ का सेवन दिन के समय सबसे अच्छा होता है। बच्चों को दोपहर के खाने के बाद या खाने के साथ छाछ देना सबसे सही होता है। रात के समय छाछ बिल्कुल न दें, क्योंकि रात को तापमान कम हो जाता है और छाछ की ठंडी तासीर के कारण सर्दी-जुकाम की संभावना बढ़ जाती है।

छाछ में जीरा मिलाकर देने के फायदे

छाछ में थोड़ा भुना हुआ जीरा डालकर देने से इसका पाचन तंत्र पर असर और बेहतर हो जाता है। डाइटिशियन प्रांजल कुमत के अनुसार, जीरे में नेचुरल पाचन एंजाइम होते हैं जो छाछ के प्रोबायोटिक्स के साथ मिलकर गैस, अपच और पेट फूलने की समस्याओं को दूर करते हैं।

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बच्चों को छाछ देने से हो सकता है कोई नुकसान?

हालांकि छाछ बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद है, लेकिन यदि इसे अधिक मात्रा में पिलाया जाए तो नुकसान भी हो सकता है। ज्यादा छाछ पीने से बच्चों को सर्दी, खांसी और बुखार हो सकता है। कभी-कभी बच्चे छाछ पचाने में असमर्थ होते हैं, जिससे उन्हें पेट दर्द या दस्त की परेशानी हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि छाछ को उम्र और शरीर की जरूरत के अनुसार सीमित मात्रा में दिया जाए।

लेकिन छाछ का सेवन सही मात्रा में और सही समय पर ही करना चाहिए। रात में इसका सेवन ना करें और छोटे बच्चों को छाछ देने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।


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Content Editor

PRARTHNA SHARMA

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