Proud! 18 वॉलंटियर्स ड्राइवर के बीच 42 वर्षीय सुनीता चुनी गई एकमात्र महिला ड्राइवर, पढ़िए इनका सफर

punjabkesari.in Wednesday, Jun 02, 2021 - 02:00 PM (IST)

कोरोना माहमारी में लोगों की मदद के लिए लाखों हाथ आगे आए। छोटे से लेकर बड़े-बड़े दिग्गजों ने अपनी समर्था के अनुसार लोगों की मदद की। वहीं इसी बीच सुनीता ने एक ऐसी मिसाल हमारे देश में पेश की है जिससे कि आपका भी सिर गर्व से ऊंचा उठ जाएगा। 
 

दरअसल, कर्नाटक में ऑटोरिक्शा एंबुलेंस के लिए 18 वॉलंटियर्स ड्राइवर का चयन किया गया। जिसमें  से सुनीता एकमात्र महिला हैं जिनका चयन ऑटोरिक्शा एंबुलेंस के लिए हुआ है।
 

कोरोना मरीज़ों की मदद के लिए ऑटोरिक्शा एंबुलेंस ड्राइवर बनना किया तय-
सुनीता के अनुसार, ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने महामारी के बीच अपनी जान दांव पर लगाकर दूसरों की मदद की है। मैंने कोरोना मरीज़ों की मदद के लिए ऑटोरिक्शा एंबुलेंस ड्राइवर बनना तय किया। इस एंबुलेंस में मेडिकल केयर से जुड़े सभी इक्विपमेंट और ऑक्सीजन की सुविधा है।
 

9 साल से ऑटो रिक्शा चला रही हैं सुनिता..
स्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद सुनीता चाहती थी कि पेंटिंग में आगे की पढ़ाई करें। लेकिन 2005 में उन्हें  ड्राइविंग लाइसेंस मिला, जिसके बाद सुनिता ने ऑटोरिक्शा ड्राइविंग शुरू कर दी। 2012 में उसने अपना पहला ऑटो रिक्शा खरीदा। वह पिछले 9 साल से ऑटो रिक्शा चला रही हैं।


PunjabKesari
 

कोरोना पेशेंट को कैसे हैंडल करना है , ट्रेनिंग में सिखाया जाता है-
सुनीता सहित 18 वॉलंटियर्स ड्राइवर को उनकी सुरक्षा से जुड़ी ट्रेनिंग दी जाती है। उन्हें पीपीई किट पहनने का तरीका भी सिखाया जाता है और कोरोना पेशेंट को हैंडल करने के उपाय भी बताए जाते हैं। पिछले दिनों सुनीता के इस प्रयास की तारीफ महापौर एम अनिल कुमार ने भी की थी। 
 

अन्य ड्राइवर पुरुषों के बीच रहने में कभी दिक्कत नहीं हुई-
सुनीता ने बताया कि, इस बात की खुशी है कि एक महिला होने के नाते अन्य पुरुष ड्राइवर के बीच रहते हुए भी उसे कभी कोई दिक्कत नहीं हुई। सभी ड्राइवर उसे सम्मान देते हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Anu Malhotra

Recommended News

Related News

static