बहादुरी को सलाम! नहर में कूदकर बचाई लोगों की जान, बड़े-बड़े नेता भी हुए शिवरानी के मुरीद

punjabkesari.in Thursday, Feb 18, 2021 - 02:38 PM (IST)

इस दुनिया में पुरूषों से ज्यादा ताकतवर महिला को माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि एक महिला हर मुसीबत में डट कर खड़ी हो जाती है और अपनी जान से भी ज्यादा परवाह वह दूसरों की करती हैं। हाल ही में मध्य प्रेदश के सीधी जिले में हुए हादसे से हर कोई वाकिफ है। खबरें हैं कि इस हादसे में अब तक तकरीबन 50 यात्री जान गवां चुके हैं। वहीं अब इस बीच इस हादसे में एक ऐसी जाबांज लड़की सामने आई है जिसने अपनी जान की परवाह किए बिना नहर में डूब रहे लोगों की जान बचाई। 
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शिवरानी लोनिया ने नहीं की अपनी जान की परवाह 

हम जिस बहन और भाई की जोड़ी की बात कर रहे हैं वह हैं शिवरानी लोनिया और उनका भाई। जिनकी बहादुरी के लोग तो क्या नेता भी मुरीद हो गए हैं। दरअसल शिवरानी वह जाबांज लड़की है जिसने इस हादसे में डूब रहे 7 लोगों की जान बचाई। हालांकि बताया जा रहा है कि इसमें से एक की इलाज के दौरान ही मौत हो गई। 

बिना सोचे 25 फीट गहरी नहर में लगा दी छलांग 

मीडिया रिपोर्टस की मानें तो शिवरानी की उम्र 17 साल है। वह नहर किनारे ही रहती है और उसी ने आस-पास के लोगों को इस बस हादसे के बारे में बताया। बताया जा रहा है कि यह नहर 25 फीट गहरी है लेकिन ऐसे में शिवरानी ने बिना अपनी जान की परवाह किए बिना नहर में छलांग लगा दी। देखते ही देखते उसके भाई ने भी नहर में छलांग लगा दी और ऐसा करके उन्होंने तकरीबन 7 लोगों को बचाया। 

शिवरानी की बहादुरी को सलाम कर रहे लोग 

शिवरानी के इस साहस के चर्चे हर तरफ हो रहे हैं। लोग उनकी जमकर तारीफ कर रहे हैं कईं बड़े बड़े नेताओं ने भी इस संबंध में ट्वीट किया और शिवरानी को सलाम किया। पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी ट्वीट करते हुए इन बच्चों की तारीफ की और कहा, सीधी बस हादसे में अपनी जान की परवाह किये बग़ैर बाणसागर नहर में कूदकर सात यात्रियों की ज़िंदगी बचाने वाली सरदा गांव की बेटी शिवारानी लोनिया और आशा बंसल की वीरता को सलाम। दोनों सम्मान की पात्र है।

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इस सारे घटनाक्रम पर शिवरानी का कहना है कि ,' जब बस नहर में गिरी तो उस वक्त मैं और मेरा भाई नहर के पास ही खड़े थे। हमने जैसे ही बस को नहर में गिरते देखा तो मैंने और मेरे भाई ने अपनी जिंदगी की परवाह किए बिना तुरंत नहर में लोगों को बचाने के लिए छलांग लगी दी और 2 लोगों को बचाया।'

आपको यह भी बता दें कि शिवरानी के अलावा और बच्चे भी थे जिनकी उम्र 16 से 22 साल के बीच की बताई जा रही है।  बताया जा रहा है कि, बस में करीब 30 से 35 छात्र थे, जो सतना में एएनएम की परीक्षा देने जा रहे थे।

हम भी शिवरानी के इस हौसले और इस साहस को सलाम करते हैं। 


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Content Writer

Janvi Bithal

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