श्री हरमंदिर साहिब से जुड़ी 10 दिलचस्प बातें
punjabkesari.in Tuesday, May 12, 2020 - 03:13 PM (IST)
आज हम आपको एक ऐसे खूबसूरत गुरूद्वारे के बारे में बताने जा रहें है, जोकि गिनीज बुक में भी अपनी जगह बना चुका है। हम बात कर रहे हैं, पंजाब के अमृतसर शहर में स्थित श्री हरमंदिर साहिब गुरूद्वारे। हर साल इस गुरूद्वारे में देश के ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी लोग घूमने के लिए आते है। आइए जानते है इस खूबसूरत गुरूद्वारे के बारे में कुछ दिलचस्प बातें।
हरमंदिर साहिब से जुड़ी दिलचस्प बातें...
1. सोने की परत चढ़ने के बाद शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह के राज में इसे स्वर्ण मंदिर कहा जाने लगा। हालांकि, 1800 के बाद से 5 वें गुरु के समय से इसे हरिमंदिर साहिब (भगवान का मंदिर) कहा जाने लगा।
2.जब हम हरिमंदिर साहिब में प्रवेश करते हैं तो हम नीचे जाते हैं। यह इस बात का प्रतीक है कि यदि आप इस जीवन में ईश्वर से मिलना चाहते हैं तो विनम्रता का जीवन जीने की आवश्यकता है।
3. इस गुरूद्वार के परिसर में चार प्रवेश द्वार हैं, जो इस बात का प्रतीक है कि भगवान के घर में सभी के लिए स्वागत है। यहां जाति, रंग, भाषा, धन के आधार पर भदभाव नहीं किया जाता।
4. दरबार साहिब में केवल एक ही प्रवेश द्वार क्यों?
दरबार साहिब का केवल एक ही रास्ता 84 लाख जीवन रूपों में से एक है। यह केवल इस मानव जीवन में है कि कोई भगवान का ध्यान कर सकता है।
5. दरबार साहिब के चारों तरफ सरोवर क्यों?
दुनिया वासना, क्रोध, लगाव, लालच और अहंकार की धमकी देने वाली लहरों के साथ एक क्रूर सागर है जिसे केवल गुरु के शब्द के साथ पार किया जा सकता है। साथ ही यह सरोवर विश्व महासागर का प्रतीक भी है।
6. दरबार साहिब सेंटर में क्यों है?
भगवान को बाहर से अनुभव नहीं किया जा सकता है। इसके लिए हर किसी को अंदर देखना और खोजना होगा। इसलिए इस मंदिर को बीचों-बीच बनाया गया है, ताकि व्यक्ति भगवान को इधर-उधर की बजाए खुद के अंदर ढूंढे।
7. राजनीति और आध्यात्मिकता
दरबार साहिब के सामने परिक्रमा में ही एक और गुरुद्वारा है जिसे 6 वें गुरु द्वारा स्थापित श्री अकाल तख्त साहिब कहा जाता है, जो उस समय के सिखों का राजनीतिक मुख्यालय था। इसकी वास्तुकला ऐसी है कि आप अकाल तख्त साहिब की खिड़की से हरमंदिर साहिब देख सकते हैं लेकिन हरमंदिर साहिब से अकाल तख्त साहिब नहीं दिखाई देता।।
8. बता दें कि इस गुरूद्वारे में दुनिया का सबसे बड़ा फ्री किचन मौजूद है। जिसमें रोजाना 2 लाख रोटिंया बनती है। यहां 24 घंटे कीर्तन होने के साथ हर दिन कम से कम से 70-75 हजार लोगों को खाना खिलाया जाता है। किसी खास मौके पर यह संख्या लाखों तक पहुंच जाती है।
9. यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या इतनी होती है कि गुरूद्वारे को गिनीज बुक को रिकार्ड में शामिल किया गया है।
10. इस गुरूद्वारे के सरोवर में स्नान करने वाला इंसान रोग मुक्त हो जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस सरोवर के पानी में औषधीय गुण हैं।