पति का है अफेयर, क्या करे पत्नी? Extra Marital Affair से जुड़े इस कानून के बारे में नहीं जानते लोग
punjabkesari.in Wednesday, Dec 11, 2024 - 07:05 PM (IST)
नारी डेस्क: एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर ये शब्द जितना सुनने में आम लगता है, उतना ही दर्दनाक है। ये आम सा लगने वाला शब्द उन महिलाओं की जिंदगी बर्बाद कर देता है जिनके पति का किसी और के साथ अफेयर होता है। अगर किसी महिला को यह पता चलता है कि उसके पति का अफेयर है, तो यह स्थिति बेहद भावनात्मक और चुनौतीपूर्ण हो सकती है। इसे संभालने के लिए मानसिक, सामाजिक और कानूनी दृष्टिकोण से कदम उठाना जरूरी है। हालांकि बहुत से महिलाएं हालातों से समझोता करके चुप हो जाती हैं तो वहीं कुछ इस अपराध के खिलाफ आवाज उठाती हैं। आज हम बतातें हैं इस स्थिति में पत्नी क्या कर सकती है।
स्थिति को समझें और भावनात्मक स्थिरता बनाए रखें
पति से बात कर यह जानने की कोशिश करें कि इस स्थिति के पीछे क्या कारण हैं। रिश्ते को समझने और इसे सुधारने का यह पहला कदम हो सकता है। भरोसेमंद लोगों से सलाह लें। इससे मानसिक राहत मिलेगी और आप बेहतर निर्णय ले सकेंगी। रिश्ते को बचाने के लिए विवाह परामर्श (Marriage Counseling) का सहारा लें।
कानूनी दृष्टिकोण
भारत में एड्यूलेटरी (Extra Marital Affair) से संबंधित कानून भी हैं जिसकी जानकारी शायद हर किसी को नहीं है
भारतीय कानून में परिभाषा और अधिकार: विवाह अधिनियम (Hindu Marriage Act, 1955) यदि पति का अफेयर है, तो पत्नी तलाक की मांग कर सकती है। विवाह अधिनियम की धारा 13 के तहत, "व्यभिचार" तलाक के लिए एक वैध आधार है।
महिला सुरक्षा कानून (Protection of Women from Domestic Violence Act, 2005): पत्नी अपने पति के गैर-जिम्मेदार व्यवहार और मानसिक प्रताड़ना के लिए शिकायत दर्ज कर सकती है। पत्नी को अपने और बच्चों के लिए भरण-पोषण (Maintenance) का अधिकार है।
आपराधिक कानून: 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 497 को रद्द कर दिया। अब व्यभिचार (Adultery) अपराध नहीं है, लेकिन इसे तलाक का आधार माना जाता है।
भरण-पोषण और संपत्ति अधिकार: अगर पत्नी तलाक लेती है, तो वह पति से भरण-पोषण की मांग कर सकती है। बच्चे की कस्टडी और शिक्षा की जिम्मेदारी के लिए भी अदालत में अर्जी दी जा सकती है।
कदम उठाने से पहले ये बातें ध्यान रखें
कोई भी बड़ा निर्णय लेने से पहले, खुद को आर्थिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाएं। अगर बच्चे हैं, तो उनके भविष्य को प्राथमिकता दें। अगर आप कानूनी कदम उठाने का सोच रही हैं, तो पति के अफेयर के सबूत जुटाएं। आत्मनिर्भर बनने के लिए नए कौशल सीखें या नौकरी की तलाश करें। अपनी व्यक्तिगत खुशी और आत्म-सम्मान को प्राथमिकता दें।
पुनर्विचार और निर्णय
अगर आप रिश्ता बचाना चाहती हैं, तो परामर्श और समझौते का सहारा लें। अगर रिश्ता बचाना संभव नहीं है, तो कानूनी अधिकारों का उपयोग करें। पति का अफेयर होना एक कठिन स्थिति है, लेकिन सही कदम उठाकर आप इस चुनौती से निपट सकती हैं। परिवार, परामर्श और कानूनी सहायता के जरिए अपनी स्थिति को मजबूत बनाएं। अगर कानूनी सहायता चाहिए, तो किसी अच्छे वकील से संपर्क करें और अपने अधिकारों की जानकारी लें।