World Mental Health Day : स्ट्रेस और एंग्जायटी से बढ़ रहा है बच्चों में गुस्सा,  इस तरह करें इसे हैंडिल

punjabkesari.in Thursday, Oct 10, 2024 - 05:12 PM (IST)

नारी डेस्क: विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (World Mental Health Day) हर साल 10 अक्टूबर को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना और मानसिक समस्याओं के समाधान के लिए समर्थन को प्रोत्साहित करना है। आज के समय में जितना हमारे लिए शारीरिक स्वास्थ्य  जरूरी है, उसके साथ ही मानसिक सेहत का ख्याल रखना भी बेहद जरूरी हो गया है। बदलती लाइफस्टाइल के चलते बच्चे स्ट्रेस, एंग्जायटी और डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। यह महत्वपूर्ण है कि माता-पिता समय रहते बच्चों में तनाव के संकेतों को पहचानें और उन पर काबू पाने के तरीके अपनाएं।

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बच्चों में तनाव के संकेत 

अत्यधिक चिड़चिड़ापन या गुस्सा: बच्चा बहुत जल्दी गुस्सा हो सकता है, चिड़चिड़ा हो सकता है, और छोटी-छोटी बातों पर रोना शुरू कर सकता है।

डर या चिंता: बच्चे को अचानक डर लगना या चिंता का अनुभव होना। उसे स्कूल जाने या किसी सामाजिक गतिविधि में शामिल होने से डर लग सकता है।

अत्यधिक उदासी: अगर बच्चा अक्सर उदास या अकेला महसूस कर रहा है, तो यह तनाव का संकेत हो सकता है।

मन का विचलित होना: बच्चे का ध्यान पढ़ाई या खेल में नहीं लगना और वह बार-बार खोया हुआ महसूस कर सकता है।

भूख में बदलाव : अचानक से भूख कम हो जाना या अत्यधिक खाने की प्रवृत्ति भी तनाव का संकेत हो सकता है।

थकान या ऊर्जा की कमी: बच्चा हमेशा थका हुआ महसूस कर सकता है और सामान्य गतिविधियों में रुचि नहीं दिखाता है।

स्कूल में प्रदर्शन में गिरावट: पढ़ाई में ध्यान न दे पाना, ग्रेड्स में गिरावट आना, और स्कूल में शिक्षकों या सहपाठियों के साथ समस्याएं होना।

नकारात्मक व्यवहार: बच्चे में अचानक से अधिक झगड़ालू, जिद्दी या अवज्ञाकारी व्यवहार दिखाई देना।

आत्मविश्वास में कमी: बच्चे में आत्मविश्वास की कमी होना और खुद को कमजोर या असहाय महसूस करना।

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बच्चों में तनाव के कारण 

शैक्षिक दबाव: पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव, परीक्षा की तैयारी और ग्रेड्स की चिंता बच्चों में तनाव पैदा कर सकती है।

सामाजिक दबाव: दोस्ती, साथियों के बीच फिट होने की कोशिश, और सोशल मीडिया के प्रभाव से बच्चे पर मानसिक दबाव आ सकता है।

परिवार में समस्याएं: माता-पिता के बीच विवाद, तलाक, या किसी करीबी का खोना बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल सकता है।

अत्यधिक स्क्रीन टाइम: मोबाइल, टीवी, या कंप्यूटर का अत्यधिक उपयोग भी तनाव का कारण बन सकता है, क्योंकि इससे बच्चे की शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है और उसकी मानसिक सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

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तनाव पर काबू पाने के तरीके

- बच्चे से खुलकर बात करें और उसकी भावनाओं को समझने की कोशिश करें। उसकी बातों को ध्यान से सुनें और उसे विश्वास दिलाएं कि आप उसके साथ हैं।
 - बच्चा अगर अपनी परेशानियों के बारे में खुलकर बात नहीं करता है, तो उसे हल्के-फुल्के तरीके से बातचीत में शामिल करने की कोशिश करें।

- बच्चों के लिए नियमित दिनचर्या (सोने, खाने, और खेलने का समय) महत्वपूर्ण होती है। यह उन्हें स्थिरता और नियंत्रण का अहसास दिलाता है।

 - सोने के सही समय और अच्छी नींद को सुनिश्चित करें, क्योंकि पर्याप्त नींद तनाव को कम करने में मदद करती है।

- शारीरिक गतिविधि बच्चे के तनाव को कम करने का एक बेहतरीन तरीका है। खेल, दौड़ना, साइकलिंग, या कोई अन्य गतिविधि उसे मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में मदद कर सकती है।

 - योग और मेडिटेशन जैसी तकनीकें भी बच्चों के लिए उपयोगी हो सकती हैं, जिससे वे शांति और संतुलन महसूस कर सकते हैं।

रचनात्मक गतिविधियां

बच्चों को पेंटिंग, संगीत, नृत्य या कोई अन्य रचनात्मक गतिविधि में शामिल करना तनाव को कम करने का एक प्रभावी तरीका हो सकता है। यह उन्हें अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का एक स्वस्थ तरीका प्रदान करता है। बच्चों के शैक्षिक प्रदर्शन पर अत्यधिक दबाव न डालें। उन्हें पढ़ाई और खेल के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करें, ताकि वे अपनी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों का ध्यान रख सकें। अगर बच्चे में तनाव के गंभीर संकेत दिख रहे हैं और वे घरेलू उपायों से नियंत्रित नहीं हो पा रहे हैं, तो बाल मनोवैज्ञानिक या मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर की मदद लेना आवश्यक है। थेरेपी और काउंसलिंग से बच्चे को उसकी समस्याओं से निपटने के सही तरीके सिखाए जा सकते हैं।बच्चों में तनाव एक गंभीर समस्या हो सकती है, लेकिन सही समय पर इसे पहचाना और इसके उपाय किए जाएं तो इसे नियंत्रित किया जा सकता है। 
 


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vasudha

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