अब घर बैठे ही कमाना चाहती हैं महिलाएं, ऑफिस जाने के डर से नहीं ले रहीं सीनियर पद
punjabkesari.in Thursday, Mar 07, 2024 - 07:11 PM (IST)
दफ्तर से काम को बड़े पैमाने पर प्राथमिकता दिए जाने के बाद से कंपनियों में वरिष्ठ प्रबंधन पदों पर महिलाओं की मौजूदगी घट गई है। एक रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया गया। सलाहकार फर्म ग्रांट थॉर्नटन इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि लगातार तीसरे साल कार्यस्थलों पर विविधता को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक मानी जाने वाली वरिष्ठ प्रबंधन भूमिकाओं में महिलाओं की हिस्सेदारी कम हुई है। लगभग चार साल पहले कोविड महामारी की शुरुआत ने घर से काम करने की प्रवृत्ति को बढ़ावा दिया था।
दोबारा कार्यालय नहीं आना चाहती महिलाएं
इससे सभी श्रमिकों के लिए कामकाजी परिवेश बेहद लचीला बन गया था और मुश्किल दौर में भी महिलाओं की कार्यबल में भागीदारी बनी रही। लेकिन महामारी का प्रकोप खत्म होने के बाद कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को दोबारा कार्यालय बुलाना शुरू कर दिया। हालांकि, कुछ कंपनियों ने बाद में भी हाइब्रिड कामकाजी मॉडल को जारी रखा जिसमें कर्मचारियों को घर से भी काम करने की सुविधा मिलती है। हालांकि, अब हाइब्रिड कामकाजी मॉडल को भी कंपनियां बंद कर रही हैं। इसका असर कार्यबल खासकर वरिष्ठ प्रबंधन स्तर पर महिलाओं की भागीदारी पर देखने को मिल रहा है।
300 महिलाओं से मांगा गया जवाब
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से पहले आई यह रिपोर्ट कई कंपनियों की वरिष्ठ प्रबंधन पदों पर बैठी लगभग 300 महिलाओं से मिले जवाब पर आधारित है। सलाहकार फर्म ने कहा कि भारतीय मध्य-बाजार कंपनियों में 34 प्रतिशत महिलाएं फिलहाल वरिष्ठ प्रबंधन पदों पर हैं जबकि 2023 में 36 प्रतिशत और 2022 में 38 प्रतिशत से थोड़ी कम थी। हालांकि, 34 प्रतिशत की मौजूदा हिस्सेदारी भी 2004 के 12 प्रतिशत और 2014 के 14 प्रतिशत अनुपात की तुलना में बहुत अधिक है। हाइब्रिड मॉडल की सुविधा देने वाली कंपनियों की संख्या पिछले साल 62.3 प्रतिशत थी लेकिन यह घटकर 2024 में 56.5 प्रतिशत रह गई।
बाहर जाने से परहेज कर रही हैं महिलाएं
इसके उलट अपने कर्मचारियों को दफ्तर आकर काम करने के लिए कहने वाली कंपनियां 2023 के 27.4 प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 34.7 प्रतिशत हो गई हैं। इसका असर यह हुआ है कि अपने घरों से बाहर काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या घटकर सिर्फ 1.8 प्रतिशत रह गई है जबकि 2023 में यह आंकड़ा 5.3 प्रतिशत था। ग्रांट थॉर्नटन के मुख्य कारोबार अधिकारी सत्या झा ने कहा कि कर्मचारियों को लचीले ढंग से काम करने की अनुमति देना समय की मांग है। वहीं सलाहकार फर्म में साझेदार पल्लवी बखरू ने कहा, ‘‘वरिष्ठ प्रबंधन पदों पर पहुंचने वाली महिलाओं की संख्या इस लिहाज से अहम है कि क्या उन्हें आंतरिक रूप से आगे बढ़ने और प्रगति करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।'