कमर दर्द से थी परेशान,देसी नुस्खे के चक्कर में जिंदा निगल गई 8 मेंढक,पेट का नजारा देख Dr. हुए बेहोश

punjabkesari.in Wednesday, Oct 08, 2025 - 05:46 PM (IST)

नारी डेस्क: चीन के झेजियांग प्रांत के हांगझोउ शहर से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां 82 साल की एक बुजुर्ग महिला ने अपनी कमर दर्द को दूर करने के लिए ऐसा तरीका अपनाया, जिसे सुनकर किसी का भी सिर चकरा जाए। महिला ने डॉक्टरों पर भरोसा करने के बजाय खुद से इलाज करने की कोशिश की और नतीजा ये हुआ कि उसे सीधा अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

कमर दर्द से परेशान थी महिला, अपनाया अजीब उपाय

स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार, बुजुर्ग महिला झांग (Zhang) काफी समय से हर्नियेटेड डिस्क (Herniated Disc) यानी रीढ़ की डिस्क से जुड़ी बीमारी से जूझ रही थीं। दर्द इतना बढ़ गया था कि वो चलने-फिरने में भी असमर्थ थीं। किसी ने उन्हें बताया कि “जिंदा मेंढक खाने से कमर दर्द में राहत मिलती है।” इस सलाह को उन्होंने बिना जांचे-परखे सच मान लिया।

उन्होंने अपने परिवार से कुछ छोटे आकार के मेंढक पकड़ने को कहा, लेकिन अपने असली इरादे के बारे में किसी को नहीं बताया। परिवार ने सोचा कि वो किसी दवा या पूजा के लिए इन्हें इस्तेमाल करेंगी, लेकिन झांग ने जो किया वो किसी ने सोचा भी नहीं था।

जिंदा निगल गई 8 मेंढक

रिपोर्ट के मुताबिक, झांग ने पहले दिन तीन जिंदा मेंढक निगल लिए और अगले दिन पांच और। उन्होंने उन्हें न पकाया, न उबाला — सीधे जिंदा ही निगल गईं। शुरुआत में उन्हें पेट दर्द हुआ, पर उन्होंने इसे नजरअंदाज किया। कुछ दिनों में दर्द असहनीय हो गया, तब जाकर उन्होंने अपने परिवार को सच्चाई बताई। परिवार के होश उड़ गए जब झांग ने बताया कि उन्होंने आठ जिंदा मेंढक खा लिए हैं। तुरंत उन्हें अस्पताल ले जाया गया।

अस्पताल में खुला खौफनाक सच

सितंबर की शुरुआत में जब झांग को अस्पताल लाया गया, तो डॉक्टरों ने तुरंत उनका अल्ट्रासाउंड और अन्य जांच की। जो तस्वीरें सामने आईं, उन्हें देखकर डॉक्टरों के भी होश उड़ गए। महिला के शरीर में कई परजीवी (parasites) तेजी से फैल चुके थे। डॉक्टरों ने बताया कि जिंदा मेंढक खाने के कारण उनके पाचन तंत्र में स्पारगनम (Sparganum) नामक खतरनाक परजीवी पनप गया था। यह परजीवी मानव शरीर में जाकर मस्तिष्क, आंखों और त्वचा तक पहुंच सकता है। अगर समय पर इलाज न होता, तो यह संक्रमण जानलेवा साबित हो सकता था।

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दो हफ्तों के इलाज के बाद मिली राहत

अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर वू झोंगवेन (Wu Zhongwen) ने बताया कि झांग को तुरंत एंटी-पैरासाइटिक (Antiparasitic) दवाएं दी गईं। लंबे इलाज के बाद उनकी हालत में सुधार आया और लगभग दो हफ्ते बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी गई।

डॉक्टरों ने दी चेतावनी – ‘देसी नुस्खे जानलेवा हो सकते हैं’

डॉ. झोंगवेन ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब ऐसा मामला सामने आया हो। कई बुजुर्ग लोग इंटरनेट या लोक मान्यताओं के झांसे में आकर जिंदा जीव-जंतुओं का सेवन कर लेते हैं, जैसे -

मेंढक या मछली का कच्चा पित्त

सांप की खाल या उसका पित्त

कीड़े-मकोड़ों से बने काढ़े

इनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है, बल्कि ये शरीर में घातक परजीवी संक्रमण, दिमागी बुखार, आंखों की रोशनी जाने और मृत्यु तक का कारण बन सकते हैं। डॉक्टरों ने लोगों से अपील की है कि किसी भी बीमारी का इलाज बिना विशेषज्ञ सलाह के न करें।

यह घटना न केवल चौंकाने वाली है बल्कि एक चेतावनी भी है कि “हर देसी नुस्खा सुरक्षित नहीं होता।” किसी भी दर्द या बीमारी के लिए डॉक्टर से परामर्श लेना ही सबसे सुरक्षित और समझदारी भरा कदम है।
    

 


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Content Editor

Priya Yadav

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