नॉर्मल डिलीवरी पर अड़ी महिला, बोली- ‘ऑपरेशन नहीं कराऊंगी, ‘बच्चा मरे तो मर जाए’
punjabkesari.in Thursday, Jun 26, 2025 - 12:06 PM (IST)

नारी डेस्क: नॉर्मल डिलीवरी यानी वेजाइनल डिलीवरी को आमतौर पर एक बेहतर विकल्प माना जाता है क्योंकि इसमें मां की रिकवरी जल्दी होती है। कई महिलाएं इसे पसंद भी करती हैं क्योंकि यह प्रकृति के अनुसार होता है और इसके बाद मां जल्दी अपने सामान्य कामों में लौट सकती है। लेकिन यह जरूरी नहीं कि हर बार नॉर्मल डिलीवरी ही सबसे सही विकल्प हो। कुछ विशेष परिस्थितियां ऐसी होती हैं जहां वेजाइनल डिलीवरी सुरक्षित नहीं मानी जाती। ऐसे मामलों में गाइनेकोलॉजिस्ट सिजेरियन डिलीवरी का विकल्प चुनते हैं। इसका मकसद होता है मां और बच्चे दोनों की जान को सुरक्षित रखना। जब बच्चे की स्थिति कमजोर हो या उसकी धड़कन कम हो, या फिर किसी वजह से नॉर्मल डिलीवरी खतरे वाली हो, तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं।
सी-सेक्शन को लेकर लोगों में डर और भ्रम
लेकिन बहुत बार लोगों के मन में सिजेरियन डिलीवरी को लेकर इतना डर या गलतफहमी होती है कि वे ऑपरेशन कराने से मना कर देते हैं। यहां तक कि वे बच्चे की जान तक खतरे में डालने को तैयार हो जाते हैं, लेकिन वे नहीं चाहते कि सिजेरियन ऑपरेशन हो। एक ऐसा ही मामला हाल ही में सामने आया हाल ही में एक गर्भवती महिला के साथ आई उसकी देखभाल करने वाली महिला ने डॉक्टर से कहा, "अगर बच्चा मरना है तो मर जाए, लेकिन ऑपरेशन मत करना।" यह बात सुनकर डॉक्टर प्रियंका ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर एक वीडियो के जरिए यह घटना साझा की।
“जड़ ठीक रहेगी, तो फल दूसरा लग ही जाएगा”
डॉक्टर प्रियंका बताती हैं कि उनकी एक मरीज की देखभाल करने वाली महिला ने उनसे कहा था, "मैडम, बच्चे का क्या है? नौ महीने बाद दूसरा हो जाएगा, क्योंकि अगर जड़ ठीक रहेगी तो फिर फल दूसरा लग ही जाएगा।"
डॉक्टर ने जब कहा कि बच्चा बहुत कमजोर है उसकी धड़कन कम हो रही है और हमें तुरंत सिजेरियन ऑपरेशन करना पड़ेगा, तब उस महिला ने जवाब दिया, "मैडम, बच्चे का क्या है? नौ महीने बाद दूसरा आ जाएगा।"
सेफ ऑप्शन क्या है?
डॉक्टर प्रियंका कहती हैं, "मैं यह बात बिल्कुल बढ़ा-चढ़ाकर नहीं कह रही। यह वही शब्द थे जो उस महिला ने मुझसे कहे थे। इसलिए मैं सभी से कहना चाहती हूं कि आप खुद यह समझें कि बेहतर विकल्प क्या है। वह विकल्प जहां सिजेरियन डिलीवरी में मां और बच्चा दोनों सुरक्षित रहें या फिर जोखिम भरी नॉर्मल डिलीवरी जिसमें बच्चे की जान खतरे में हो। फैसला आप लोग ही करें।"
ये भी पढ़े: किडनी फेलियर के ये हैं शुरुआती लक्षण, वक्त रहते पहचानें और इलाज कराएं
डिलीवरी हमेशा प्लानिंग के हिसाब से नहीं होती
डॉक्टर यह भी बताती हैं कि हर डिलीवरी हमेशा प्लानिंग के मुताबिक नहीं होती। कई बार ऐसी परिस्थिति बन जाती है जब तुरंत सिजेरियन डिलीवरी करनी पड़ती है ताकि मां और बच्चे दोनों की जान को सुरक्षित रखा जा सके। गाइनेकोलॉजिस्ट कहती हैं कि आज भी कई लोग सिजेरियन डिलीवरी से डरते हैं या इसकी आलोचना करते हैं। कई बार इसे ‘अप्राकृतिक’ या ‘अनावश्यक’ माना जाता है। लेकिन ऐसा सोचना पूरी तरह सही नहीं है।
सी-सेक्शन जीवन बचाने वाला विकल्प है
डॉक्टर बताती हैं कि कई बार सिजेरियन ऑपरेशन सिर्फ एक विकल्प नहीं, बल्कि जरूरत बन जाता है। खासकर तब, जब नॉर्मल डिलीवरी मां या बच्चे के लिए खतरे वाली हो। ऐसे में सिजेरियन ऑपरेशन जीवन बचाने वाला कदम होता है।
इसलिए जब भी डॉक्टर सिजेरियन डिलीवरी की सलाह दें, तो घबराना नहीं चाहिए। यह ऑपरेशन मां और बच्चे की सुरक्षा के लिए होता है। सही सलाह और समझ के साथ ही सबसे अच्छा फैसला लिया जा सकता है। हमें यह समझना जरूरी है कि जिंदगी बचाना सबसे बड़ा लक्ष्य है, चाहे ऑपरेशन जैसा तरीका क्यों न अपनाना पड़े।