World Environment Day 2022: क्यों मनाया जाता है विश्व पर्यावरण दिवस, जानिए इस बार की Theme
punjabkesari.in Sunday, Jun 05, 2022 - 11:01 AM (IST)
हर साल आज के दिन यानि 5 जून को पूरे विश्व में पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक करने के लिए यह दिन सेलिब्रेट किया जाता है। बाकी चीजों की तरह प्रकृति भी जिंदगी का एक बहुत ही अहम भाग है। इसकी हिफाजत करना इंसान का धर्म है। हरा-भरा वातावरण जिंदगी और सेहत दोनों पर बहुत ही गहरा प्रभाव डालता है। इस दिन कई कार्यक्रमों का आयोजन करके लोगों को पर्यावरण प्रदूषण से हो रहे नुकसानों के बारे में जागरुक किया जाता है। प्रदूषण का बढ़ता स्तर पर्यावरण के साथ-साथ मानव प्रजाति के लिए भी खतरा बनता जा रहा है। पर्यावरण के प्रभाव के कारण कई जीव-जन्तु मर रहे हैं। मानव भी कई बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।
क्यों मनाया जाता है यह दिन?
लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक करने के लिए यह दिन मनाया जाता है। देश के बड़े शहरों में प्रदूषित हवा और बढ़ता हुआ तापमान कई तरह की बीमारियों को जन्म दे रहा है। बढ़ता हुआ तापमान न सिर्फ इंसानों बल्कि जीव-जंतुओं के लिए भी खतरा बनता जा रहा है। राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम पर्यावरण के उत्सव मनाने के पीछे की प्राथमिक एजेंसी है। पर्यावरण के दूषित होने के कारण लोग सांस से जुड़ी और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।
कैसे हुई थी शुरुआत ?
इस दिन को मनाने की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से साल 1972 में वैश्विक स्तर पर की गई थी। पर्यावरण प्रदूषण की समस्या और चिंता के देखते हुए इस दिन को मनाने की शुरुआत की गई थी। स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में इस दिन की शुरुआत हुई थी। इस देश में दुनिया का पहला पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया गया था, जिसमें अन्य 119 देश शामिल हुए थे। पहले पर्यावरण दिवस पर भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पर्यावरण और प्रकृति को हो रहे नुकसानों के बारे में जिक्र किया था।
क्या है इस साल की थीम?
इन खास दिनों को मनाने के लिए हर साल कोई न कोई खास थीम रखी जाती है। इस साल विश्व पर्यावरण की थीम 'केवल एक पृथ्वी है'। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम(यूएनईपी) की रिपोर्ट के मुताबिक, विश्व की आबादी 8 अरब की ओर बढ़ती ही जा रही है। वर्तमान जीवन शैली को बनाए रखने के लिए 1.6 पृथ्वी का बराबर उपयोग किया जा रहा है। स्वाभाविक रुप से देखा जाए तो पारस्थितिक तंत्र मानव की मांगों का पूरा नहीं कर सकता और परिणामस्वरुप इसका स्तर गिरता ही जा रहा है।
इसी चीज को ध्यान में रखते हुए इस साल की थीम रखी गई है। सभी को यह ध्यान रखने की आवश्यकता है कि मानव के पास सिर्फ एक ही धरती है और ग्रह को बचाने के लिए समय तेजी से खत्म हो रहा है। पर्यावरण को बचाने के लिए हमें खुद ही शुरुआत करनी पड़ेगी ताकि आने वाले समय में पृथ्वी को बचाया जा सके।