बस कुछ ही मिनट दूरी पर रहती थीं हेमा और प्रकाश, लेकिन कभी नहीं मिली राहें
punjabkesari.in Tuesday, Dec 02, 2025 - 12:48 PM (IST)
नारी डेस्क: धर्मेंद्र की निजी जिंदगी हमेशा चर्चा में रही है। उन्होंने दो शादियां कीं पहली पत्नी प्रकाश कौर और दूसरी हेमा मालिनी। दिलचस्प बात यह है कि धर्मेंद्र की दोनों पत्नियां वर्षों तक एक-दूसरे के बेहद करीब, सिर्फ कुछ मिनट की दूरी पर रहती थीं, फिर भी कभी आमने-सामने नहीं आईं। उनकी यह दूरी सम्मान, संवेदनशीलता और रिश्तों की समझ पर आधारित थी।
धर्मेंद्र की पहली शादी: चमक-दमक से पहले का दौर
1954 में, जब धर्मेंद्र सिर्फ 19 साल के थे, उन्होंने पंजाब में प्रकाश कौर से शादी कर ली थी। तब वे फिल्मों से बहुत दूर, एक साधारण जिंदगी जी रहे एक नौजवान थे। 1959 में फिल्मफेयर टैलेंट हंट जीतने के बाद उनके जीवन की दिशा पूरी तरह बदल गई। फिर 1960 में ‘दिल भी तेरा हम भी तेरे’ से डेब्यू मिला और देखते ही देखते उनका करियर तेजी से आगे बढ़ने लगा। प्रकाश और धर्मेंद्र के चार बच्चे हुए सनी देओल, विजेता, अजीता और बॉबी देओल।
हेमा से मुलाकात और रिश्ता जो परदे से दिल तक पहुंच गया
1970 में फिल्म ‘तुम हसीन मैं जवां’ ने सब बदल दिया। हेमा मालिनी और धर्मेंद्र की ऑन-स्क्रीन जोड़ी इतनी मशहूर हुई कि उनके प्यार की चर्चाएं वास्तविक दुनिया में भी बढ़ने लगीं। 70 का दशक गुजरा और दोनों ने साथ में कई हिट फ़िल्में कीं सीता और गीता, नया जमाना, जुगनू, दोस्त और शोले जैसी फिल्में लोगों के दिलों में बस गईं। इन फिल्मों के दौरान दोनों के बारे में अफवाहें और बहसें होती रहीं। कहा गया कि धर्मेंद्र ने ‘शोले’ में वीरू का रोल इसलिए लिया ताकि वे हेमा के करीब रह सकें।
1980: जब अफवाहें सच बन गईं
लंबे समय से चल रही चर्चाओं के बीच 1980 में धर्मेंद्र और हेमा ने शादी कर ली। शादी के वक्त काफी विवाद हुआ। इसी दौरान पहली बार प्रकाश कौर ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा था “धर्मेंद्र एक आदर्श पति नहीं हैं, लेकिन बहुत अच्छे पिता हैं। हेमाजी बहुत सुंदर हैं, कोई भी पुरुष उनकी ओर आकर्षित हो सकता है।” इस घटना के बाद प्रकाश और हेमा दोनों ने तय कर लिया कि वे एक-दूसरे की निजी जिंदगी से पूरी तरह दूरी बनाए रखेंगी।

हेमा ने धर्मेंद्र के पहले परिवार में कभी दखल नहीं दिया
हेमा मालिनी ने हमेशा इस बात का सम्मान किया कि धर्मेंद्र का एक परिवार पहले से है। उन्होंने कभी यह कोशिश नहीं की कि धर्मेंद्र अपने पहले घर से दूरी बनाएं या उनकी जिम्मेदारियों में कोई दिक्कत आए। सिमी ग्रेवाल के इंटरव्यू में हेमा ने कहा था कि उन्होंने कभी प्रकाश से प्रतिस्पर्धा करने या धर्मेंद्र के निजी जीवन में हस्तक्षेप करने की कोशिश नहीं की।
“जिससे प्यार करते हो, उसे कैसे परेशान कर सकते हो?” हेमा का बयान
हेमा ने एक इंटरव्यू में कहा था “आप जिसे बहुत प्यार करते हैं, उसे छोटी-छोटी बातों के लिए क्यों टॉर्चर करेंगे? मैंने कभी उनको परेशान नहीं किया। मैं उनकी परेशानी समझती थी।” उनका मानना था कि प्यार का मतलब सम्मान और सहानुभूति से है, ना कि किसी को दुख देने से।

प्रकाश कौर के लिए सम्मान – हेमा की जीवनी में भी दर्ज
राम कमल मुखर्जी की लिखी जीवनी ‘हेमा मालिनी: द ड्रीम गर्ल’ में हेमा ने साफ कहा “मैं किसी को परेशान नहीं करना चाहती थी। धरमजी ने मेरे लिए और मेरी बेटियों के लिए जो किया, मैं उससे खुश हूं। मैंने हमेशा अपनी गरिमा और कला को महत्व दिया। मैं प्रकाश का बहुत सम्मान करती हूं।” उनकी बेटियां ईशा और अहाना भी पिता के पहले परिवार का सम्मान करती हैं।
एक दुर्लभ मुलाकात: जब ईशा प्रकाश से मिलीं
हालांकि हेमा और प्रकाश की राहें कभी नहीं मिलीं, लेकिन 2015 में एक मौका आया। धर्मेंद्र के भाई अजीत सिंह देओल के बीमार होने पर ईशा देओल उन्हें देखने गईं। वहीं उनकी मुलाकात प्रकाश कौर से हुई। ईशा ने उनके पैर छुए और प्रकाश ने उन्हें आशीर्वाद दिया। इसके बाद भी दोनों परिवारों ने अपनी मर्यादा और दूरी बनाए रखी।
करीब रहकर भी दूर — लेकिन सम्मान हमेशा कायम
हेमा और प्रकाश दोनों चंद मिनट की दूरी पर रहती थीं, लेकिन कभी एक-दूसरे से नहीं मिलीं। यह दूरी नफरत या गुस्से की वजह से नहीं थी, बल्कि यह एक समझ, सम्मान और बिना किसी को दुख दिए आगे बढ़ने का फैसला था। धर्मेंद्र की जिंदगी की यह कहानी बताती है कि रिश्ते जटिल होते हैं, लेकिन सम्मान—हर रिश्ते की सबसे मजबूत नींव होता है।

