पंजाबी दुल्हनें आखिर क्यों पहनती हैं चूड़ा? यहां जानिए महत्व

punjabkesari.in Friday, May 03, 2024 - 02:17 PM (IST)

भारत एक ऐसा देश है जहां कई जाति के लोग रहते हैं। सभी लोगों का रहन-सहन और रीति रिवाज भी अलग हैं।हर धर्म में अलग-अलग तरह के खास रिवाज होते हैं जैसे पंजाबी दुल्हनों को चूड़ा पहनना बहुत जरूरी होता है। पंजाबियों में चूड़ा पहनने को काफी शुभ माना जाता है। पहले चूड़ा केवल लाल रंग का होता था, लेकिन अब रंगों में भी बदलाव आ गया है। कई दुल्हनें चूड़ा में लाल रंग का चुनाव करने की बजाय गुलाबी और नारंगी जैसी रंग चुनती हैं। आइए आपको बताते हैं चूड़ा पहनने के महत्व और इस रस्म के बारे में विस्तार से...

चूड़े का महत्व

पंजाबी दुल्हनों के लिए चूड़ा सोलह श्रृंगार का हिस्सा माना जाता है। क्योंकि लाल रंग शादीशुदा महिलाओं के लिए शुभ होता है। इसलिए भी चूड़े का महत्व बढ़ जाता है। ऐसा माना जाता है कि चूड़ा दूल्हा-दुल्हन के बीच के संबंध को मजबूत बनाता है और सुख-समृद्धि लाता है।

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चूड़ा सेरेमनी

चूड़ा सेरेमनी शादी की सुबह दुल्‍हन के घर पर ही होती है। दुल्‍हन के मामा-मामी लड़की को चूड़ा  गिफ्ट करते है और उसे अपने हाथो से पहनाते है।चूड़े को शादी की एक रात पहले दूध में भिगोकर रखा जाता है। जिसमें लाल और सफेद रंग की 21 चूडियां होती हैं। दुल्‍हन इस चूड़े को तब तक नहीं देख पाती है जब तक की वह पूरी तरह से तैयार ना होकर मंडप पर दूल्हे के साथ ना बैठ जाए।

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साल भर होता है पहनना

पंजाबी रिवाज के हिसाब से दुल्‍हन को लगभग 1 साल तक चूड़ा पहनना होता है। हालांकि इसे 40 दिन तक भी पहना जा सकता है। कई महिलाएं तो शौक- शौक में चूड़े तो शादी के 3-4 साल तक भी पहन कर रखती हैं। वहीं चूड़े का ट्रेंड आजकल दूसरी धर्म की दुल्हनें भी फॉलो कर रही हैं। 

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चूड़ा उतारने की रस्म

चूड़ा उतारने की रस्म में दुल्हन को शगुन और मिठाई दी जाती है और फिर चूड़ा उतार कर उसकी जगह पर कांच या सोने की चूड़ियां पहना दी जाती है।


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Content Editor

Charanjeet Kaur

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