प्रेगनेंसी में क्यों बढ़ जाते हैं Melasma Spots? दसी नुस्खे ही आएंगे काम
punjabkesari.in Friday, Oct 29, 2021 - 12:13 PM (IST)
मेलास्मा, जिसे क्लोस्मा (Pregnancy Mask) भी कहा जाता है, गर्भवती महिलाओं में बहुत आम है। इसका मतलब यह नहीं है कि केवल गर्भवती महिलाओं को ही मेलास्मा हो सकता है। इस स्थिति से सभी उम्र की महिलाएं प्रभावित हो सकती हैं और कभी-कभी पुरुष भी इससे प्रभावित होते हैं। शोध के मुताबिक, 90% महिलाओं को मेलास्मा प्रेगनेंसी के दौरान ही होता है, जिसका एक कारण सूरज की UV किरणें भी है। चलिए आपको बताते हैं कि प्रेगनेंसी में किन महिलाओं को इसका अधिक खतरा होता है और इसका इलाज कैसे किया जाए।
क्या है मेलास्मा?
मेलास्मा (Melasma) एक ऐसी स्थिति है जिसमें त्वचा का कुछ एरिया बाकी स्कि की तुलना में गहरा हो जाता है। त्वचा के इस कालेपन को हाइपरपिग्मेंटेशन भी कहा जाता है, जो आमतौर पर माथे, गाल ठोड़ी, गर्दन, नाक की ऊपर वाली हड्डी, और ऊपरी होंठ के ऊपर हिस्से में होता है। ये काले या भूरे रंग के धब्बे चेहरे के दोनों किनारों पर लगभग समान पैटर्न में दिखाई दे सकते हैं।
प्रेगनेंसी में मेलास्मा का कारण
प्रेगनेंसी में मेलास्मा का कारण काफी हद तक हार्मोनल असंतुलन व बदलाव से जुड़ा है। इस दौरान एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन, ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन और ह्यूमन प्लेसेंटल लैक्टोजेन हार्मोनल परिवर्तनों के कारण ये समस्या हो सकती है। इसके अलावा...
. शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन संवेदनशीलता
. गर्भनिरोधक गोलियां लेना
. हार्मोनल थेरेपी लेना
. तनाव
. थायराइड , या हाइपोथायरायडिज्म
. सूरज की रोशनी व पराबैंगनी किरणें भी मेलास्मा का कारण बनती है।
किन महिलाओं को अधिक संभावना?
मेलास्मा आमतौर पर गर्भावस्था की पहली तिमाही से लेकर 11वें हफ्ते में दिखाई दे सकते हैं। अधिक हार्मोनल बदलाव, पारिवारिक इतिहास, तनाव, हाइपोथायरायडिज्म के कारण इसकी संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
प्रेगनेंसी में मेलास्मा का उपचार
अधिकांश गर्भवती महिलाओं में मेलास्मा डिलीवरी के बाद अपने आप गायब हो जाता है, जब हार्मोन असंतुलन वापिस सामान्य हो जाता है। प्रसव के बाद इसे पूरा तरह ठीक और त्वचा साफ होने में कुछ सप्ताह या महीने लग सकते हैं।
इसके अलावा आप कुछ घरेलू नुस्खे अजमाकर भी इन दाग-धब्बों से छुटकारा पा सकती हैं...
1. मेलास्मा के दाग-धब्बों को कम करने के लिए प्याज का रस लगाएं। इसमें में सल्फोक्साइड और कीपेन सल्फर कंपाउंड होता हैं जो निशानों को कम करने में मददगार है।
2. हल्दी और दूध को मिक्स करके लगाने से भी मेलास्मा के दाग-धब्बे दूर हो जाएंगे।
3. बराबर मात्रा में पानी और सेब का सिरका मिलाकर स्प्रे बोतल में भर लें। इसे दिन में 2-3 बार लगाने से आपको बेहतर रिजल्ट मिलेगा। दो से तीन मिनट बाद गुनगुने पानी से धो लें। दिन में दो बार यह चेहरे पर लगाएं।
4. मुलेठी में लिक्विरिटीन नामक कंपाउंड होता है, जो दाग-धब्बों को हल्का करता है। आप इसका पैक या तेल लगा सकते हैं।
5. टमाटर से चेहरे की मसाज करने पर भी आपको बेहतर रिजल्ट मिलेगा।
अगर फिर भी मेलास्मा के धब्बे कम ना हो तो डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह लेकर क्रीम या लोशन लगाएं।