कौन है भारत की बेटी स्वाति मोहन? जिसके काम और बिंदी ने सोशल मीडिया पर मचाया धमाल
punjabkesari.in Wednesday, Feb 24, 2021 - 05:11 PM (IST)
अब वो जमाना गया जब यह कहा जाता था कि एक महिला का काम सिर्फ परिवार संभालना है। महिलाएं चाहे तो दुनिया का हर एक काम कर सकती हैं। भारत की बेटियां तो देश का नाम रोशन करने से पीछे हटती नहीं हैं। हाल ही में भारतीय मूल की कमला हैरिस ने कमाल कर दिखाया तो अब एक बार फिर से भारत का मान बढ़ा दिया है स्वाति मोहन ने। आजकल आपने सोशल मीडिया पर एक महिला की तस्वीर देखी होगी इस महिला के काम के साथ-साथ उनकी बिंदी भी अब चर्चा का विषय बनी हुई है। तो चलिए आपको बताते हैं इस जाबांज महिला की कहानी।
मंगल मिशन पर NASA को दिलाई कामयाबी
आपको बता दें कि अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA का अंतरिक्ष यान भारतीय समय के अनुसार गुरुवार रात 2 बजकर 25 मिनट पर मंगल ग्रह के जेजेरो क्रेटर पर सफलतापूर्वक लैंड कर चुका है। बता दें कि धरती से उड़ान भरने के बाद 7 महीने के बाद जाकर यह यान मंगल ग्रह पर पहुंचा है। इसी मिशन में सबसे अहम रोल स्वाति ने निभाया है। खबरों की मानें तो स्वाति ने प्रमुख सिस्टम इंजीनियर होने के साथ-साथ परसिवरेंस के मंगलग्रह पर लैंडिंग के दौरान जीएन एंड सी सबसिस्टम (GN&C) और पूरी प्रोजेक्ट टीम (Project) के साथ कॉरडिनेट किया।
अब आपको बताते हैं कि कौन है स्वाति मोहन?
स्वाति मोहन एक भारतीय हैं। जब स्वाति 1 साल की थी तो वह माता-पिता के साथ अमेरिका चली गई थीं। वहीं पर स्वाति की परवरिश हुई। बता दें कि स्वाति नासा के जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला में शुरू से ही मार्स रोवर मिशन की सदस्य रही हैं। उन्होंने मैकेनिकल और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में कॉर्नेल विश्वविद्यालय से बीएससी और एरोनॉटिक्स, एस्ट्रोनॉटिक्स में एमआईटी और पीएचडी की है।
इस चीज ने स्वाति को किया प्रभावित
स्वाति मोहन बताती हैं कि जब वह छोटी थी तो उन्हें 'स्टार ट्रेक : द नेक्स्ट जनरेशन' ने उन पर काफी प्रभाव डाला। इसे देखने के बाद ही स्वाति ने यह ठानी कि वह अंतरिक्ष में जाएंगी और इसकी यात्रा करेंगी। इसके बाद ही स्वाति ने अपने सपने की ओर बढ़ना शुरू किया।
मन में आया स्पेस एक्सप्लोरेशन बनने का ख्याल
The US space agency @NASA successfully landed the Perseverance Rover on Mars. Congratulations to Swati Mohan, a scientist of Indian descent who spearheaded this Historic Mission! Every Indian is proud of her success! pic.twitter.com/FbF3e0RWeX
— Rohit Pawar (@RRPSpeaks) February 20, 2021
हालांकि जब स्वाति 16 साल की थीं तो उनके मन में एक बार पैड्रीटिशियन बनने का ख्याल आया था। लेकिन कहते हैं न कि जो किस्मत में लिखा होता है वो हम जरूर करते हैं और स्वाति की किस्मत में भी स्पेस के अधूरे सवालों को खंगालना था।
इन मिशन का भी रह चुकी हैं हिस्सा
अब भई यह कोई पहली बर नहीं है कि स्वाति ने भारत का नाम रोशन किया हो बल्कि इससे पहले वो शनि ग्रह पर भेजे गए कासिनी यान और नासा के चांद पर भेजे गए ग्रेविटी रिकवरी एंड इंटीरियर लैबोरेटरी (ग्रेल) यान से भी जुड़ी रह चुकी हैं।
आसान नहीं था मिशन
इस मिशन के लिए स्वाति और उनकी टीम कबसे से मेहनत कर रहे थे। सालों की मेहनत कुछ चंद मिन्टों पर टिकी थी। यह मिशन इसलिए भी मुश्किल था क्योंकि रोवर एक ऐसी जगह पर उतारा जाना था जो काफी पथरीली थी और जहां बहुत बड़ी बड़ी चट्टानें थी। आसान भाषा में कहे तो इस जगह वो सारी चीजें थी जो विमान को नुकसान पहुंचा सकती थी।
काम ही नहीं बिंदी ने भी मचा दिया सोशल मीडिया पर धमाल
इस मिशन को सफल बनाने में स्वाति का बहुत बड़ी हाथ है। वह उस दौरान नासा के कंट्रोल रूम में बैठी थीं और इस दौरान स्वाति ने बिंदी लगाई हुई थी। स्वाति की यह तस्वीर भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई और लोगों ने उनकी जमकर तारीफ भी की। आखिर तारीफ हो भी कैसे न? भारतीय संस्कृति में महिलाओं की यही तो पहचान है।