Navratri 2021: कब से शुरू होंगे Shardiya Navratri, जानिए कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
punjabkesari.in Saturday, Sep 18, 2021 - 04:34 PM (IST)
हिंदू धर्म में नौ दिन चलने वाला नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व रखता है। नवरात्रि का पर्व साल में 4 बार आता है, जिसमें से दो गुप्त और दो खुले नवरात्रि (चैत्र और शारदीय) होते हैं। बता दें कि शारदीय नवरात्रि का पर्व शुरू होने वाला है। हिंदू पंचांग के अनुसार, नौ दिनों का ये उत्सव 7 अक्टूबर गुरुवार से प्रारंभ होगा और 15 अक्टूबर तक चलेगा।
इस साल कब पड़ रही है नवरात्रि?
नवरात्रि प्रारंभ- 7 अक्टूबर 2021, गुरुवार
नवरात्रि नवमी तिथि- 14 अक्टूबर 2021, गुरुवार
नवरात्रि दशमी तिथि- 15 अक्टूबर 2021, शुक्रवार
घटस्थापना तिथि- 7 अक्टूबर 2021, गुरुवार
एक साल में 4 बार आती है नवरात्रि
देवी पुराण के अनुसार, नौ शक्तियों के मिलन को "नवरात्रि" कहा जाता है जो एक साल में चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ के महीनों में 4 बार होती है। बसंत ऋतु में होने वाले को चैत्र या वासंती नवरात्र कहा जाता है जबकि शरद ऋतु व आश्विन मास में आने वाले नवरात्रि को शारदीय कहा जाता है। बाकी दो यानि गुप्त नवरात्रि माघ और आषाढ़ में आती है, जिस दौरान मां दुर्गा की 10 महाविघाओं की साधना होती है।
कलश स्थापना मुहूर्त
नवरात्रि में घटस्थापना/कलशस्थापना का मुहूर्त सुबह 9.33 से शुरू होगा जो 11.31 बजे तक रहेगा. इसके अलावा दोपहर 3.33 से शाम 5.05 के बीच भी घट स्थापना कर सकते हैं। 13 अक्टूबर को दुर्गाअष्टमी और, 14 अक्टूबर को महानवमी पड़ रही है।
घटस्थापना पूजा विधि
एक आसन पर मिट्टी का बर्तन रखकर उसमें सप्तधान्य बोएं। फिर कलश के ऊपर आम या अशोक के पत्तों लगाकर कलावा बांधें। इसके बाद कलश के मुंह पर लाल कपड़े में नारियल रखकर डालकर रख जें और फिर कलावा बांध दें।
क्यों करते हैं कलश स्थापना?
मान्यता है कि कलश स्थापना से मां अन्नपूर्णा प्रसन्न होती है और घर को खुशियों, धन-धान्य व सुख-समृद्धि से भर देती है। धर्मशास्त्रों के अनुसार, कलश सुख-समृद्धि, वैभव और मंगल कामनाओं का प्रतीक होता है इसलिए सिर्फ नवरात्रि ही नहीं बल्कि कई शुभ कार्यों में इसकी स्थापना की जाती है।
बिना जल कलश रखना अशुभ
शास्त्रों के अनुसार, कलश को कभी भी बिना जल के स्थापित नहीं करना चाहिए इसलिए कलश में पानी के साथ पान के पत्ते, केसर, अक्षत, कुमकुम, सुपारी, फूल, सूत, नारियल, मौली, अनाज आदि रखा जाता है। इससे न सिर्फ घर में सुख-समृद्धि बल्कि सकारात्मक ऊर्जा भी आती है।