अमेरिका में बैन हो रहा WhatsApp? व्हाइट हाउस ने लिया बड़ा फैसला!

punjabkesari.in Tuesday, Jun 24, 2025 - 05:09 PM (IST)

नारी डेस्क:  अमेरिका से व्हाट्सएप (WhatsApp) के लिए एक बड़ा झटका सामने आया है। अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स (House of Representatives) ने सरकारी डिवाइसों पर व्हाट्सएप के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। अब कांग्रेस के किसी भी कर्मचारी या अधिकारी को सरकारी मोबाइल या कंप्यूटर पर WhatsApp या इसका वेब वर्जन इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं होगी।

बैन की वजह क्या है?

इस बैन के पीछे सबसे बड़ी वजह साइबर सिक्योरिटी और डेटा प्राइवेसी से जुड़ी चिंताएं हैं। अमेरिकी हाउस के चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर (CAO) की एक रिपोर्ट के अनुसार, व्हाट्सएप में ट्रांसपेरेंसी (पारदर्शिता) की कमी है। रिपोर्ट में कहा गया कि- व्हाट्सएप यह स्पष्ट नहीं करता कि यूजर्स का डेटा कहां और कैसे स्टोर किया जाता है। ऐप को हाई रिस्क प्लेटफॉर्म माना गया है, यानी सुरक्षा के लिहाज से इसे खतरनाक माना गया है। इसलिए, CAO ने सभी कर्मचारियों को ईमेल के जरिए निर्देश दिया कि सरकारी डिवाइसों पर अब WhatsApp का उपयोग नहीं किया जाएगा।

अब क्या विकल्प होंगे?

अब कर्मचारियों को WhatsApp की जगह Microsoft Teams, Signal, iMessage और FaceTime जैसे सुरक्षित विकल्पों का इस्तेमाल करने को कहा गया है।

क्या आम जनता पर इसका असर पड़ेगा?

नहीं, यह बैन सिर्फ सरकारी डिवाइसेज और कर्मचारियों पर लागू हुआ है। आम अमेरिकी नागरिक अब भी व्हाट्सएप का इस्तेमाल कर सकते हैं। व्हाट्सएप की पैरेंट कंपनी Meta इस फैसले से नाखुश है। कंपनी के प्रवक्ता एंडी स्टोन ने सोशल मीडिया पर कहा-

हम इस फैसले से सहमत नहीं हैं। व्हाट्सएप पर भेजे गए सभी मैसेज डिफॉल्ट रूप से एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड होते हैं। हमारी ऐप की सिक्योरिटी बाकी ऐप्स से कहीं ज्यादा मजबूत है और यूजर की प्राइवेसी का पूरा ध्यान रखा जाता है।

क्या इससे Meta को नुकसान होगा?

व्हाट्सएप की पैरेंट कंपनी Meta के लिए अमेरिका होम मार्केट है। ऐसे में, सरकार के इस फैसले से कंपनी की साख और भरोसे को झटका लग सकता है।
हालांकि, यह बैन हाल ही में व्हाट्सएप द्वारा ऐड्स (विज्ञापन) शुरू करने के ऐलान से सीधे तौर पर जुड़ा नहीं है, लेकिन यह फैसला Meta के लिए मुश्किलें जरूर बढ़ा सकता है।

व्हाइट हाउस का यह कदम अमेरिका में डेटा सुरक्षा को लेकर बढ़ती सजगता को दिखाता है। अब देखना होगा कि Meta इस चुनौती का सामना कैसे करता है और अपनी नीतियों में क्या बदलाव लाता है।  


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Content Editor

Priya Yadav

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