खून में हीमोग्लोबिन कम हो जाए तो क्या करें? डाइट बदलें या आयरन सप्लिमेंट लें

punjabkesari.in Tuesday, Dec 30, 2025 - 12:11 PM (IST)

 नारी डेस्क: शरीर में खून का सही मात्रा में होना बहुत ज़रूरी है। अगर शरीर में खून या हीमोग्लोबिन कम हो जाए, तो कमजोरी, थकान और चक्कर आना जैसी समस्याएं होना स्वाभाविक है। आजकल खून की कमी यानी एनीमिया एक आम समस्या बनती जा रही है। पुरुषों की तुलना में महिलाएं इससे ज़्यादा प्रभावित होती हैं। एनीमिया का असर सिर्फ़ सेहत पर ही नहीं, बल्कि परिवार, कामकाज और सामाजिक जीवन पर भी पड़ता है। सबसे बड़ा सवाल यही होता है कि हीमोग्लोबिन की कमी होने पर सिर्फ़ डाइट सुधारना काफी है या फिर आयरन सप्लिमेंट लेना ज़रूरी होता है? आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं।

क्या खून और हीमोग्लोबिन एक ही चीज़ हैं?

अक्सर लोग खून और हीमोग्लोबिन को एक ही समझ लेते हैं, जबकि ऐसा नहीं है। खून कई हिस्सों से मिलकर बनता है, जैसे लाल रक्त कोशिकाएं (RBC), सफेद रक्त कोशिकाएं (WBC), प्लेटलेट्स और प्लाज़्मा। हीमोग्लोबिन एक प्रोटीन होता है, जो लाल रक्त कोशिकाओं के अंदर पाया जाता है।

हीमोग्लोबिन का काम फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर शरीर की हर कोशिका तक पहुंचाना और वहां से कार्बन डाइऑक्साइड वापस फेफड़ों तक लाना होता है। इसलिए इसे खून का ऑक्सीजन कैरियर कहा जाता है। जब हीमोग्लोबिन कम हो जाता है, तो खून की मात्रा कम नहीं होती, बल्कि उसकी ऑक्सीजन ढोने की क्षमता घट जाती है। इसी स्थिति को एनीमिया कहते हैं।

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एनीमिया होने की मुख्य वजहें

ज्यादातर मामलों में एनीमिया की वजह गलत खानपान होती है। जब रोज़ की डाइट में आयरन, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स की कमी होती है, तो हीमोग्लोबिन धीरे-धीरे घटने लगता है। इसके अलावा पेट में कीड़े होना, विटामिन B12 और फोलेट (विटामिन B9) की कमी, लंबे समय तक चलने वाली बीमारियां, चोट या ज्यादा खून बहना, ऑटोइम्यून या अनुवांशिक बीमारियां, किडनी, लिवर की गंभीर समस्याएं और कैंसर जैसी बीमारियां भी खून की कमी की वजह बन सकती हैं।

खून की कमी के आम लक्षण

अगर शरीर में हीमोग्लोबिन कम हो जाए, तो सबसे पहले थकान और कमजोरी महसूस होती है। थोड़ी-सी मेहनत में ही सांस फूलने लगती है और शरीर सुस्त लगता है। चेहरा, होंठ, नाखून और हथेलियां पीली दिखाई देने लगती हैं। कई बार दिल की धड़कन तेज़ हो जाती है और चक्कर आने लगते हैं।

इसके अलावा हाथ-पैर ठंडे रहना, बालों का झड़ना, नाखूनों का कमजोर होना, चिड़चिड़ापन, ध्यान न लगना और भूख कम लगना भी एनीमिया के लक्षण हो सकते हैं। हालांकि ये लक्षण दूसरी बीमारियों में भी हो सकते हैं, इसलिए सही जानकारी के लिए ब्लड टेस्ट कराना ज़रूरी होता है।

शरीर में खून की सामान्य मात्रा कितनी होती है?

एक सामान्य पुरुष के शरीर में लगभग 5 से 6 लीटर खून होता है, जो उसके शरीर के वजन का करीब 7 से 8 प्रतिशत होता है। महिलाओं में यह मात्रा 4 से 5 लीटर यानी लगभग 6 से 7 प्रतिशत होती है। बच्चों और नवजात शिशुओं में खून की मात्रा उनके वजन के अनुसार होती है।

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रोज़ शरीर को कितना आयरन चाहिए?

महिलाओं को रोज़ाना लगभग 15 से 18 मिलीग्राम आयरन की ज़रूरत होती है, जबकि गर्भवती महिलाओं को 25 से 27 मिलीग्राम आयरन चाहिए। पुरुषों को 8 से 10 मिलीग्राम और बच्चों को 7 से 10 मिलीग्राम आयरन रोज़ लेना चाहिए। समस्या यह है कि आधी से ज़्यादा महिलाएं और कई पुरुष रोज़ इतना आयरन नहीं ले पाते।

महिलाओं में एनीमिया ज्यादा क्यों होता है?

महिलाओं में हर महीने पीरियड्स के दौरान खून का नुकसान होता है। कई महिलाओं में यह ब्लड लॉस ज्यादा होता है, लेकिन वे इसे नज़रअंदाज़ कर देती हैं। PCOD जैसी समस्याएं भी ज्यादा ब्लीडिंग की वजह बन सकती हैं। लंबे समय तक ऐसा होने से शरीर में आयरन की कमी हो जाती है और एनीमिया हो जाता है।

एनीमिया का असर परिवार और रिश्तों पर

जब महिला में खून की कमी होती है, तो शरीर की कोशिकाओं तक ऑक्सीजन सही मात्रा में नहीं पहुंच पाती। इससे शरीर में एनर्जी कम बनती है। नतीजा यह होता है कि महिला हर समय थकी रहती है, तनाव में रहती है और कई बार डिप्रेशन जैसी स्थिति बन जाती है। कामकाजी महिलाओं के लिए ऑफिस, घर, बच्चों और परिवार की जिम्मेदारियां निभाना और मुश्किल हो जाता है। खून की कमी का असर हार्मोन पर भी पड़ता है, जिससे यौन जीवन भी प्रभावित हो सकता है और रिश्तों में तनाव आने लगता है।

हर समय नींद क्यों आती है?

एनीमिया में शरीर के पास पर्याप्त ऊर्जा नहीं होती। इसलिए कुर्सी या दीवार का सहारा मिलते ही नींद आने लगती है। यह सामान्य नींद नहीं होती, बल्कि कमजोरी की वजह से आने वाली नींद होती है। इसे आलस समझकर नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।

आयरन सप्लिमेंट कब लेना चाहिए?

सबसे पहले CBC यानी Complete Blood Count टेस्ट कराना ज़रूरी है। यह सस्ता और आसान टेस्ट होता है। रिपोर्ट देखकर डॉक्टर तय करते हैं कि खून की कमी आयरन की वजह से है या किसी और कारण से।

अगर हीमोग्लोबिन 12 g/dL से ज्यादा है, तो सप्लिमेंट की ज़रूरत नहीं होती और सिर्फ़ अच्छी डाइट काफी होती है। 10 से 12 g/dL होने पर हल्का एनीमिया माना जाता है, जिसमें डाइट के साथ डॉक्टर की सलाह से आयरन टैबलेट दी जा सकती है। 8 से 10 g/dL होने पर रोज़ आयरन-फोलिक एसिड लेना ज़रूरी होता है।अगर हीमोग्लोबिन 8 g/dL से कम हो, तो गंभीर एनीमिया माना जाता है और टैबलेट के साथ इंजेक्शन या IV आयरन की ज़रूरत पड़ सकती है।

खून बढ़ाने के लिए क्या खाएं?

हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मेथी, सरसों और चौलाई साग बहुत फायदेमंद होती हैं। नींबू, संतरा या आंवला विटामिन C देते हैं, जो आयरन को शरीर में अच्छी तरह जज़्ब होने में मदद करता है।

चुकंदर, गाजर और शकरकंद खून बढ़ाने में मदद करते हैं। दालें, भुने चने, गुड़, अंकुरित चना, खजूर और किशमिश भी आयरन के अच्छे स्रोत हैं। अगर शुगर नहीं है, तो सीमित मात्रा में गुड़ खाना फायदेमंद होता है।

खून बढ़ाने के कुछ और आसान तरीके

रोज़ एक या दो मौसमी फल ज़रूर खाएं। अनार, सेब, केला, अमरूद और खट्टे फल एनीमिया में फायदेमंद होते हैं। लोहे की कड़ाही में खाना बनाना भी खाने में आयरन की मात्रा बढ़ाता है। बाजरा और रागी जैसी मोटे अनाज की रोटियां भी हफ्ते में कुछ दिन ज़रूर शामिल करें।

हीमोग्लोबिन की कमी को हल्के में नहीं लेना चाहिए। हल्की कमी में सही डाइट काफी हो सकती है, लेकिन ज्यादा कमी होने पर डॉक्टर की सलाह से आयरन सप्लिमेंट लेना ज़रूरी होता है। समय पर जांच, सही खानपान और सही इलाज से एनीमिया को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। किसी भी दवा या सप्लिमेंट को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।
 


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Content Editor

Priya Yadav

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