भारत के इन मंदिरों में चढ़ता है भगवान को शराब और सिगरेट, दूर-दूर से देखने आते हैं श्रद्धालु

punjabkesari.in Sunday, Nov 20, 2022 - 12:29 PM (IST)

देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग भगवान के मंदिर हैं । इनमें से कुछ मंदिरों में भोग में अजब-गजब चीजें चढ़ाई जाती हैं। दक्षिण से लेकर उत्तर भारत तक कई ऐसे मंदिर हैं जहां भगवान को शराब, सिगरेट, गोलगप्पा, टॉफी, बिस्‍कुट, डोसा और चाउमीन ही नहीं बल्कि बाटी चोखा का भोग भी चढ़ाया जाता है। इतना ही नहीं इन चीजों को भक्त प्रसाद स्वरूप प्राप्त भी करते हैं। चलिए जानते है ऐसे ही कुछ मंदिरों के बारे में।

काल भैरव को चढ़ता है शराब का भोग

यूपी के वाराणसी में बाबा काल भैरव का प्राचीन मंदिर है।  इस मंदिर में बाबा को शराब का भोग लगाया जाता है। इसके साथ ही भक्तों में इस प्रसाद का वितरण भी होता है। सैकड़ों साल से ये परम्परा चली आ रही है। शराब के अलावा यहां बाबा को पेड़ा,मेवे आदि का भोग भी लगाया जाता है।

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मेरठ के इस मंदिर में चढ़ता है सिगरेट का भोग

काशी के अलावा यूपी के मेरठ में धन्ना बाबा का मंदिर है। लगभग 400 साल पुराने इस मंदिर में सिगरेट का भोग लगाया जाता है। मेरठ के कंकरखेडा में ये मंदिर स्थापित है। मान्यता है कि जो भी इस मंदिर में सिगरेट जलाकर अपनी मुरादें मांगता है, वो पूरी होती है। गिराहा समाज के इस मन्दिर में दूर दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

काशी विश्वनाथ में चढ़ता है पान का भोग

अयोध्या के रामलला के अलावा बात काशी के बाबा विश्वनाथ की करें तो उन्हें भी पान और गोलगप्पे का भोग लगाया जाता है। यहां पर सुबह की आरती में बाबा विश्वनाथ को पान चढ़ता है। जबकि शाम के वक्त होने वाली आरती में उन्हें गोलगप्पा चढ़ाया जाता है।

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बटुक भैरव के मंदिर में चढ़ते हैं टॉफी- बिस्‍कुट

यूपी के वाराणसी में कमच्छा क्षेत्र में बटुक भैरव का मंदिर है। इस मंदिर में बाबा को टॉफी, बिस्‍कुट, चॉकलेट और लॉलीपॉप का भोग लगाया जाता है। कई भक्त यहां फूल माला के बजाय इन सामानों को लेकर ही बाबा के चौखट पर आते हैं और उन्हें इसका प्रसाद चढ़ाते हैं। मंदिर की ओर से भक्तों को ये प्रसाद स्वरूप वितरित भी किया जाता है। बटुक भैरव बाल अवतार में हैं, इसलिए उन्हें इन चीजें चढ़ाई जाती हैं।

काली माता को चढ़ती है चाउमीन

कोलकाता के टांगरा में चाइनीज काली माता का मन्दिर है। यहां देवी को चाइनीज नूडल्स, सूप और चावल का भोग लगाया जाता है।

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इस मंदिर में दर्शन के लिए दूर दूर से श्रद्धालु आते हैं और उन्हें प्रसाद में यही चीजें बांटी जाती हैं।


 


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Content Editor

Charanjeet Kaur

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