बटर चिकन और दाल मखनी को लेकर दो होटलों के बीच छिड़ी जंग, हाई कोर्ट पहुंचा मामला
punjabkesari.in Thursday, Mar 28, 2024 - 11:23 AM (IST)
जमीन ज्यदाद के झगड़ें या पति- पत्नी के बीच विवाद के मामले तो कोर्ट में रोज देखने को मिलते हैं, लेकिन खाने को लेकर सुनवाई पहले बार होते देखी गई है। इन दिनों बटर चिकन और दाल मखनी को लेकर मामला गंभीर बना हुआ है। दिल्ली के दो फेमस रेस्तरां चेन के बीच इन दोनों चीजों को लेकर जंग इस कदर बढ़ गई कि उन्हें कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
रेस्तरां श्रृंखला दरियागंज ने ‘बटर चिकन' की उत्पत्ति को लेकर मोती महल के मालिकों द्वारा एक साक्षात्कार के दौरान की गई कथित अपमानजनक टिप्पणियों के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया है। मोती महल के मालिक ने यह दावा करते हुए मुकदमा दायर किया था कि उनके पूर्ववर्ती स्वर्गीय कुंदन लाल गुजराल ने ‘बटर चिकन' और ‘दाल मखनी' का आविष्कार किया था, जबकि दरियागंज दो व्यंजनों की उत्पत्ति पर ‘लोगों को गुमराह' कर रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि प्रश्न एक ‘संपादकीय परिप्रेक्ष्य' में थे और उन्हें इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने मोती महल के मालिकों को निर्देश दिया कि वह एक हलफनामा दाखिल करें जिसमें प्रकाशित लेखों में कथित बयान से खुद को अलग करने के उनके प्रयास की पुष्टि की गई हो। दरियागंज ने अदालत में दाखिल अपनी अर्जी में लेख में ‘‘अपमानजनक'' बयानों के बारे में चिंता जताई जो पहले ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल' में प्रकाशित हुआ और फिर अन्य वेबसाइटों द्वारा प्रसारित और पुन: मुद्रित किया गया। दरियागंज ने तर्क दिया है कि लेख में प्रकाशित टिप्पणी उसकी रेस्तरां श्रृंखला की प्रतिष्ठा पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। अर्जी में आरोप लगाया गया है कि बयानों ने न केवल उनके व्यवसाय को अपमानित किया, बल्कि मुकदमे पर निष्पक्ष निर्णय को भी पूर्वाग्रहित किया, और इसलिए उन्हें वापस लेने और हटाने के लिए दूसरे पक्ष द्वारा तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए।
मोती महल के मालिकों ने उनके हवाले से की गई टिप्पणियों से खुद को अलग करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि लेख में व्यक्त किए गए भाव उनके प्रत्यक्ष संवाद या इरादों को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं। न्यायमूर्ति नरूला ने हालिया आदेश में कहा- ‘‘वादी (मोती महल मालिकों) को एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है, जिसमें दावे के बारे में विस्तार से बताया गया हो और प्रकाशित लेखों में विवादित बयान से खुद को दूर करने के अपने प्रयास की पुष्टि की गई हो। इसे आज से दो सप्ताह के भीतर दाखिल किया जाए।''
कई वर्षों से दोनों रेस्तरां श्रृंखलाएं दावा करती रही हैं कि उन्होंने ‘बटर चिकन' और ‘दाल मखनी' का इजाद किया है। इस साल की शुरुआत में, मोती महल ने दोनों व्यंजनों का श्रेय लेने और उनसे संबंधित होने का दावा करने के लिए दरियागंज पर मुकदमा दायर किया था। मोती महल के मालिकों ने दरियागंज रेस्तरां के मालिकों को यह दावा करने से रोकने की मांग की कि उनके पूर्ववर्ती स्वर्गीय कुंदन लाल जग्गी इन दो व्यंजनों का इजाद किया था।