सलीम खान ना होते तो अधूरी रह जाती वहीदा रहमान की प्रेम कहानी, धर्म की दीवार तोड़कर की थी शादी
punjabkesari.in Saturday, Feb 03, 2024 - 05:50 PM (IST)
बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री वहीदा रहमान आज 86 साल की हो गई है। पिछले साल सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित होने वाली अदाकारा हिंदी सिनेमा में पचास, साठ, और सत्तर के दशक की बेहतरीन एक्ट्रेस में से एक हैं। वह अपनी बहतरीन अदाकारी के साथ- साथ अपनी अनोखी लव स्टोरी के लिए भी जानी जाती है। चलिए जन्मदिन के मौके पर जानते हैं उनके जिंदगी से जुड़े अहम किस्से के बारे में।
वहीदा रहमान ने प्यासा, कागज के फूल, चौदहवीं का चांद, साहब बीवी और गुलाम, गाइड और खामोशी जैसी कई चर्चित फिल्मों में अपने अभिनय का कमाल दिखाया है। अपने पांच दशक से अधिक की अभिनय यात्रा में पद्मश्री और पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित वहीदा जी ने एक भारतीय नारी के समर्पण और सामर्थ्य का उदाहरण पेश किया है।
एक्ट्रेस की पर्सनल लाइफ भी कुछ कम फिल्मी नहीं थी। एक समय में उनके अफेयर की खबरें एक्टर/डायरेक्टर गुरु दत्त के साथ खूब उड़ीं, लेकिन बात शादी तक नहीं पहुंच पाई। फिर उनकी जिंदगी में कमलजीत आए लेकिन दोनों का धर्म उनके बीच दिवार बनकर खड़ा हो गया। कमलजीत विपरीत धर्म से आते थे, इसलिए वहीदा के परिवारवाले इस रिश्ते के खिलाफ थे। उस समय सलमान खान के पिता सलीम खान दोनों के लिए मसीहा साबित हुए थे।
दरअसल, सलीम खान और वहीदा रहमान की अच्छी दोस्ती थी, वे उनके पड़ोसी भी थे। सलीम खान ने वहीदा को कहा था कि उन्हें अपने दिल की सुननी चाहिए। बाद में वहीदा और कमलजीत ने साल 27 अप्रैल 1974 को शादी कर ली थी।वहीदा शादी के बाद भी फिल्मों में एक्टिव रही। बता दें कि सत्यजीत रे की ‘अभिजान' में अभिनय करने के साथ वह 1950 और 60 के दशकों की सबसे अधिक कमाई वाली अभिनेत्रियों में शामिल हो गईं।
अदाकारा को 1971 में आई ‘रेशमा और शेरा' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया। 1976 में वह अमिताभ बच्चन के साथ ‘कभी कभी' में दिखाई दीं तो दो साल बाद ही उन्होंने ‘त्रिशूल' में और फिर 1982 में ‘नमक हलाल' में बच्चन की मां का किरदार अदा किया। बाद में वह अपने परिवार के साथ बेंगलुरु में बस गईं।