Coronavirus: विटामिन डी की कमी से मौत का खतरा ज्यादाः रिसर्च

punjabkesari.in Thursday, May 21, 2020 - 09:51 AM (IST)

कोरोना वायरस से बचने के लिए विटमिन-डी बहुत जरूरी है। यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बूस्ट करने का काम करता है। हाल ही में हुई रिसर्च के अनुसार, जिन लोगों में विटामिन डी की कमी होती है उन्हें मौत का अधिक खतरा होता है।

PunjabKesari

ली स्मिथ, एंग्लिया रस्किन यूनिवर्सिटी के अनुसार, विटामिन डी सांस से जुड़े इंफेक्शन से बचाता है। इसी के साथ यह भी पता लगा है कि वृद्ध जिनमें विटामिन डी की कमी थी, वही सबसे ज्यादा कोरोना से प्रभावित हुए। पहले हुई एक स्टडी में भी यह पाया गया कि 75% लोगों को विटामिन डी की गंभीर कमी थी।

क्या है मुख्य वजह?

दरअसल, विटामिन डी, व्हाइट ब्लड सेल्स को नियंत्रित करता है। साथ ही यह साइटोकाइन (Cytokines) नामक सेल्स को बढ़ने से रोकता है। कोरोना वायरस मरीज के शरीर में बहुत सारे साइटोकाइन बनाता है, जो फेफड़ों को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाता है। इसकी वजह से मरीज में खतरनाक रेस्पेरेट्री डिस्ट्रेस सिंड्रोम होने की वजह से मरीज की मौत हो जाती है।

कैसे पहचानें विटामिन डी की कमी?

. कमजोर इम्यून सिस्टम 
. हड्डी और मांसपेशि‍यां कमजोर
. तनाव 
. अधिक पसीना आना 
. थकावट महसूस होना
. जोड़ों में दर्द 
. शरीर का तामपान बढ़ना
. हाई ब्लड प्रेशर
. वजन बढ़ना
. एलर्जी होना 

PunjabKesari

ऐसे पूरी करें विटामिन डी की कमी
दूध

अगर आप शाकाहारी हैं तो आप दूध या सोया मिल्क ले सकते हैं। रोज दूध का सेवन करने से शरीर को 21% विटामिन डी मिलता है।

नॉनवेज फूड्स

जो लोग नॉनवेज खाते हैं वे ऑयली फिश साल्मन, बीफ लिवर के जरिए इसे प्राप्त कर सकते हैं। अंडे और डेयरी प्रॉडक्ट्स जैसे फोर्टिफाइड मिल्क के जरिए भी विटमिन-डी प्राप्त किया जा सकता है।

बहुत जरूरी है धूप

सुबह सूर्य की गुनगुनी रोशनी यानि धूप में हर दिन कम से कम 30-45 मिनट बिताना जरूरी होता है। सुबह की गुनगुनी धूप ब्रेन, आंखें व स्किन के लिए बहुत फायदेमंद होती है।

विटामिन डी युक्त फूड्स

गाजर, संतरा या जूस, मशरूम, दही, टोफू (Tofu), कोलार्ड (Collards), केल, भिड़ी, पालक, पनीर, सोयाबीन और इंस्टेंट ओट्स भी विटमिन-डी के बेहतरीन सोर्स हैं।

विटमिन-डी टैबलेट्स

अगर फूड्स के जरिए विटामिन की कमी पूरी नहीं हो पा रही तो मार्केट में विटमिन-डी टैबलेट्स व सप्लीमेंट्स भी उपलब्ध हैं। यह टैबलेट हफ्ते में 1 बार और लगातार 2 महीने तक लेनी होती है। ऐसा उन लोगों के लिए है, जिनके शरीर में इसकी बहुत अधिक कमी हो गई हो। हालांकि टैबलेट्स लेने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

PunjabKesari


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Anjali Rajput

Recommended News

Related News

static