कैसे पता चलेगा कि नसें ब्लॉक हो रही हैं? इसके बड़े संकेत इग्नोर ना करें

punjabkesari.in Thursday, Aug 14, 2025 - 08:18 PM (IST)

नारी डेस्कः गलत खानपान और अन-हैल्दी लाइफस्टाइल के चलते नसों में गंदगी जमा होनी शुरू हो जाती है। नसें ब्लॉक होने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अगर नसों में ब्लॉकेज हो रही है तो कैसे पता चलेगा ताकि समय रहते इसे सही किया जा सके। चलिए इसके बारे में बताते हैं। 

नस ब्लॉक क्या है?

जब नस (Blood Vessel या Nerve) में खून (Signal) का प्रवाह रुक जाता है तो उसे आमतौर पर "नस ब्लॉक" कहा जाता है। अगर ब्लॉकेज खून ले जाने वाली धमनियों/शिराओं में है तो इसे ब्लड वेसल ब्लॉकेज कहते हैं और अगर अगर ब्लॉकेज नसों (नर्व्स) में सिग्नल रुकने से है तो इसे नर्व ब्लॉकेज कहते हैं।
दोनों के लक्षण, कारण और इलाज अलग हो सकते हैं।

1. ब्लड वेसल ब्लॉकेज (खून की नसें ब्लॉक होना)

अगर ब्लॉकेज खून की नसों में हैं तो इस तरह के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। 
हाथ-पैरों में सुन्नपन या ठंडापन
चलने पर पैरों में दर्द (Claudication)
त्वचा का रंग फीका या नीला पड़ना
घाव देर से भरना
अचानक सीने में दर्द या सांस लेने में तकलीफ (दिल या फेफड़े की नस ब्लॉक होने पर)
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ब्लड वेसल ब्लॉकेज के कारण

नसों में कोलेस्ट्रॉल का जमाव (Atherosclerosis)
हाई ब्लड प्रेशर
डायबिटीज
धूम्रपान
मोटापा और व्यायाम की कमी

इसका इलाज क्या है?

दवाएं: खून पतला करने की दवा, कोलेस्ट्रॉल कम करने की दवा दी जाती हैं।
लाइफस्टाइल: डाइट कंट्रोल, व्यायाम, धूम्रपान छोड़ना
सर्जरी: Angioplasty या Bypass Surgery (गंभीर केस में)

2. नर्व ब्लॉकेज होने के कारण (सिग्नल रुकना या दबाव आना)

जब नर्व में ब्लॉकेज होती हैं तो झुनझुनी, सुन्नपन, जलन या चुभन हो सकती है।
मांसपेशियों में कमजोरी महसूस होती है।
चलने-फिरने में कठिनाई
हाथ-पैरों में संवेदना कम होना

इसके कारण

Slip Disc या स्पाइनल कॉर्ड में दबाव
चोट लगना।
डायबिटिक न्यूरोपैथी (शुगर की वजह से नसें खराब होना)।
विटामिन B12 की कमी।
लगातार एक पोज़िशन में बैठना/सोना।

इलाज

दवाएं: दर्द और सूजन कम करने वाली दवा, विटामिन B12 सप्लीमेंट दे सकते हैं।
फिजियोथेरेपी: नसों पर दबाव कम करने के लिए कहा जा सकता है।
सर्जरी: अगर नस पर स्थाई दबाव है।
जीवनशैली में बदलाव: सही बैठने-खड़े होने की आदत, नियमित व्यायाम

ध्यान दें: अगर आपको अचानक हाथ-पैर सुन्न पड़ जाए, बोलने में कठिनाई हो, चेहरा टेढ़ा हो जाए। यह स्ट्रोक का संकेत हो सकता है, तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
ब्लॉकेज का सही कारण पता करने के लिए डॉप्लर अल्ट्रासाउंड, MRI, CT स्कैन या ब्लड टेस्ट किए जाते हैं।
लाइफस्टाइल हैल्दी रखें। हरी सब्जियां, ग्रीन टी , नट्स आदि खाएँ। मैदे, तला भूना, ज्यादा नमक और चीनी से दूरी बनाएं। फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाएं। 
लहसुन अदरक का इस्तेमाल ज्यादा करें। लहसुन की कलियों को दूध में उबालकर पीएं। इससे नसों की सारी गंदगी दूर होती हैं। ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल करें। नसों की मालिश करें। 


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Content Writer

Vandana

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