कहीं सेहत ना बिगाड़ दें पैरों में उभरी हुई नीली नसें, ये 4 चीजें रखेंगी बचाव
punjabkesari.in Friday, Dec 04, 2020 - 11:22 AM (IST)
आपने कभी गौर किया होगा ति हाथों व पैरों पर उभरी हुई नीली नसें दिखती हैं। लोगों यह सोचकर इसे इग्नोर देते हैं कि शायद उन्हें कमजोरी होगी जबकि ऐसा नहीं है। फैली, बढ़ी और फूली हुई नसें वैरिकोज वेन्स का संकेत भी हो सकता है। कई बार तो नसें इतनी सूजन जाती है कि नीली, बैंगनी और लाल रंग में बाहर की तरफ उभर आती हैं, जो पैरों व तलवों को सबसे अधिक प्रभावित करती हैं। हालांकि यह समस्या कई बार छाती भी देखने को मिलती है, जो सबसे खतरनाक स्थिति है।
आखिर क्यों दिखती हैं उभरी हुई नसें ?
उभरी हुई नसें शरीर के ऊपरी सतह पर स्थित शिराओं यानि वेन्स का जाल होता है जो त्वचा के ऊपर ज्यादा उभार नहीं लेती और शरीर के अंदरूनी शिराओं वाले सिस्टम से जुड़ी रहती हैं। ये अशुद्ध खून को इकट्ठा करके शिराओं के सिस्टम में पहुंचाती है, जहां से खून को शुद्धीकरण के लिए दिल से फेफड़े तक पहुंचता है। मगर, जब इस सिस्टम में रूकावट आ जाती है तो नसें उभरी हुई नजर आने लगती है। इससे नसों में सूजन आ जाती है, जिसके कारण कई बार चलना-फिरना तक मुश्किल हो जाता है।
महिलाओं को 4 गुणा ज्यादा खतरा
शोध के मुताबिक, करीब 7 फीसदी युवा इस बीमारी से परेशान है, जिसमें अधिकतर संख्या महिलाओं की है। पुरूषों के मुकाबले महिलाओं को इसका खतरा 4 गुना ज्यादा होता है जिसकी एक वजह खराब लाइफस्टाइल भी है। गलत डाइट, फिजिकल एक्टिविटी ना करना, तंग कपड़े और ऊंची एड़ी पहनने के कारण महिलाओं को इसका खतरा अधिक होता है।
पहले जानते हैं कारण
. गलत खान-पान के अलावा मोटापा, कोलेस्ट्रॉल बढ़ना, घंटों एक ही जगह बैठना, कब्ज, चोट लगना, विटामिन-सी की कमी, ब्लड क्लॉट नसों में ब्लॉकेज का कारण बनते हैं। इसके अलावा इसके अलावा आनुवंशिक, प्रेगनेंसी में हार्मोनल बदलाव, समय से पहले माहवारी या मेनोपॉज होने के कारण भी यह समस्या हो सकती है।
अब जानिए वैरिकोज वेन्स के लक्षण
. पैरों में भारीपन महसूस होना।
. जलन, मांसपेशियों में ऐंठन
. पैरों के निचले हिस्से में सूजन।
. नसों के आसपास खुजली होना।
. टखने के पास त्वचा का अल्सर
टिप्स जो रखेंगे वैरिकोज वेन्स से बचाव...
एप्पल साइड विनेगर
एप्पल साइडर सिरके से हल्की मसाज करें। आप 1 कप पानी में 2 चम्मच सिरका मिलाकर पी सकते हैं लेकिन अगर आप एसिडिटी की दवाएं ले रहे हैं तो इसका सेवन ना करें।
आयुर्वेदिक काढ़ा
ग्रीन टी भी बंद नसें खोलने में मददगार है क्योंकि इससे खून पतला होता है। साथ ही तुलसी के पत्तोंं, दालचीनी व काली मिर्च का काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं।
लहसुन
भोजन में लहसुन का अधिक इस्तेमाल करें। साथ ही इसकी चाय बनाकर दिन में 2 बार पीएं। बंद धमनियों की समस्या होने पर 3 लहसुन की कली को 1 कप दूध में उबालकर पीएं।
पुदीने का तेल
ब्लॉकेज वाले हिस्से पर पुदीने के तेल से मालिश करें। इससे बंद नसें खुल जाएंगी और सूजन व दर्द में भी आराम मिलेगा।
इन चीजों से रखें परहेज
- अधिक नमक व चीनी
- सैचुरेटेड व ट्रांस फैट फूड्स
- आइस्क्रीम, तली हुई व मसालेदार चीजें, प्रोसेस्ड फूड्स
- और रिफाइंड जंक व नॉनवेज फूड्स ना खाएं।
इसके अलावा हैल्दी डाइट, 30 मिनट एक्सरासइज, 7-8 घंटे की नींद , अधिक फिजिकल एक्टिवीटी को अपनी रूटीन का हिस्सा बनाएं। अगर शरीर के किसी भी हिस्से में मकड़ीनुमा या केंचुएनुमा नीली नसें दिखाई दें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।