किस दिशा में हो भगवान की पूजा का स्थान? जानिए घर के मंदिर से जुड़े वास्तु टिप्स
punjabkesari.in Sunday, Jul 11, 2021 - 06:28 PM (IST)
हर किसी ने अपने घर पर पूजा स्थल बनवाया होता है। जहां पर वे घर की सुख-शांति व भगवान जी की कृपा पाने के लिए पूजा करते हैं। मगर वास्तु के अनुसार, घर का मंदिर उचित दिशा में होना बेहद जरूरी है। नहीं तो जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। तो चलिए आज हम आपको घर के मंदिर से जुड़े वास्तु के बारे में बताते हैं।
मंदिर बनवाने की सही दिशा
घर की गलत दिशा में बना मंदिर वास्तुदोष पैदा करता है। इसके कारण जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में पूजास्थल हमेशा घर के ईशान कोण यानि पूर्व और उत्तर के बीच की दिशा में बनवाएं। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि पूजा के दौरान आपका मुख्य पूर्व दिशा में हो।
जमीन में मंदिर बनवाने से बचें
अक्सर लोग जमीन पर मंदिर बनवाते हैं। मगर वास्तु अनुसार, इसे शुभ नहीं माना जाता है। असल में, मंदिर की ऊंचाई इतनी होनी चाहिए जिसमें भगवान के चरण और हमारे हृदय का स्थान एक समान हो।
अलग कमरे में बनाएं पूजा रूम
वास्तु के अनुसार, पूजा स्थल को हमेशा अलग व कमरे में बनवाना चाहिए। मगर घर छोटा होने पर आप इसे किसी साफ व सही जगह पर बना सकती है।
गहरे रंगों का प्रयोग करने से बचें
पूजा स्थल में गहरे व भड़कीले रंग करने से बचना चाहिए। साथ ही मंदिर को हमेशा एक ही रंग का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके लिए हरा, पीला, हल्का गुलाबी रंग सही माने जाते हैं।
लकड़ी का मंदिर बनवाना शुभ
बहुत से लोग बाजार से बने बनाएं मंदिरों को घर पर स्थापित करते हैं। वहीं वास्तु के अनुसार, लकड़ी का मंदिर शुभ होता है। इसके अलावा संगमरमर से भी मंदिर को बनाया जा सकता है।
ऐसी तस्वीर लगाने से बचें
कई लोग घर के मंदिर में पूर्वजों की तस्वीरें लगाते हैं। मगर वास्तु के अनुसार, ये तस्वीरें नेगेटिविटी और वास्तुदोष उतपन्न करती है। ऐसे में इसे पूजा घर में लगाने व रखने से बचना चाहिए। इसे आप घर की किसी अलग दीवार पर लगा सकती है।