Diwali Special: पूरा साल घर में नहीं रहेगी कोई कमी, इन चीजों का रखें विशेष ध्यान
punjabkesari.in Sunday, Oct 23, 2022 - 12:59 PM (IST)
कल पूरे भारत में दीवाली का त्योहार धूम-धाम से मनाया जाएगा। यह त्योहार हिंदुओं का सबसे पवित्र त्योहार माना जाता है। घरों में इस दिन मां लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर और गणेश जी की पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन लोग अपने घर में दीया जलाकर त्योहार को धूमधाम से मनाते हैं। दीवाली का त्योहार अंधकार से प्रकाश, अज्ञान से ज्ञान और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि आप दीवाली पर कुछ बातों का खास ध्यान रखेंगे तो मां लक्ष्मी की कृपा आपके घर में सारा साल बनी रहेगी। तो चलिए जानते हैं इन वास्तु नियमों के बारे में...
इस दिशा में करें पूजा
वास्तु के अनुसार यदि आप दीवाली के दिन एक निश्चित दिशा में पूजा करेंगे तो मां लक्ष्मी की कृपा आपके घर में सारा साल बनी रहेगी। दीवाली पर आप उत्तर, पूर्व दिशा की ओर मुंह करके पूजा करें। यदि इस दिशा में पूजा संभव नहीं है तो आप पश्चिम दिशा में भी बैठ कर पूजा कर सकते हैं।
पूजा में रखें ये चीजें
मान्यताओं के अनुसार, दीवाली की पूजा में आप श्रीयंत्र, कुबेर यंत्र, मां देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की आप मिट्टी की मूर्तियां रखें। वास्तु शास्त्र के अनुसार, यही मूर्तियां घर में रखना भाग्यशाली माना जाता है।
घर में करें इन रंगों की सजावट
आपका घर यदि पूर्व दिशा में है तो आप पीले रंग की सजावट करें। इससे आपके घर में गुडलक आएगा। वहीं यदि आपका घर दक्षिण दिशा में है आप लाल रंग का इस्तेमाल सजावट के लिए करें। पश्चिम दिशा में यदि आपका घर है तो नीले रंग और सफेद रंग का इस्तेमाल आप सजावट के लिए कर सकते हैं।
इस दिशा में लगाएं झरना
वास्तु मान्यताओं के अनुसार, आप दीवाली के मौके पर घर की उत्तर-पश्चिम दिशा में आर्टिफिशयल झरना लगाएं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, बहता हुआ पानी घर के सदस्यों के लिए बहुत ही भाग्यशाली माना जाता है।
पटाखे चलाने की दिशा
पटाखे जलाने की सही दिशा दक्षिण मानी जाती है। इसके अलावा आप उत्तर-पश्चिम दिशा में भी पटाखे फोड़ सकते हैं। दक्षिण-पश्चिम दिशा का प्रयोग पटाखे फोड़ने के लिए नहीं करना चाहिए।
ईशान कोण को रखें साफ
दीवाली के मौके पर आप ईशान कोण को एकदम साफ रखें। ईशान कोण देवी देवताओं का माना जाता है। इसलिए इस दौरान इस कोणे को बिल्कुल साफ रखें। आप मंदिर भी ईशान कोणे में ही बनवा सकते हैं।