इस दिशा में होना चाहिए बेडरुम, जानिए घर से जुड़े कुछ Vastu Rules

punjabkesari.in Sunday, Jan 29, 2023 - 03:00 PM (IST)

वास्तु शास्त्र में दिशाओं का बहुत ही महत्व बताया गया है। इसके अनुसार, घर बनाना भी बहुत ही शुभ माना जाता है। यदि घर वास्तु के अनसुार, बना हो तो घर में पॉजिटिव एनर्जी के साथ-साथ सुख-समृद्धि का भी वास रहता है। इसके अलावा घर के सदस्यों को भी मानसिक शांति मिलती है। इस शास्त्र में घर के मुख्य द्वार से लेकर बेडरुम की कुछ दिशाएं बताई गई है। इन दिशाओं के अनुसार, घर बनाना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में...

बाथरुम और किचन की दिशा 

किचन और बाथरुम घर की पश्चिम दिशा में होना शुभ माना जाता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि किचन और टॉयलेट एक-दूसरे के सामने नहीं होने चाहिए। 

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खिड़की और दरवाजे 

घर के खिड़की और दरवाजे उत्तर दिशा में होने शुभ माने जाते हैं। इसके अलावा घर की बालकनी, वॉश बेसिन भी इस दिशा में होना चाहिए। इसके अलावा घर का मुख्य द्वार भी उत्तर दिशा में होना शुभ माना जाता है। 

पूजास्थल की दिशा 

घर की उत्तर-पूर्व दिशा को ईशान कोण भी कहते हैं। इस दिशा को जल का स्थान भी माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिशा में बोरिंग, स्वीमिंग पूल, पूजा स्थल होना चाहिए। 

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मेनगेट की दिशा 

पूर्व दिशा सूर्योदय की दिशा होती है। इस दिशा से पॉजिटिव और एनर्जेटिक किरणें घर में आती हैं। घर का मेनगेट इस दिशा में होना बहुत ही शुभ माना जाता है। यदि आप इस दिशा में मुख्य द्वार नहीं बनवा सकते तो खिड़की जरुर बनवाएं। 

मुखिया का कमरा 

दक्षिण-पश्चिम दिशा को नैऋत्य दिशा भी कहते हैं। वास्तु मान्यताओं के अनुसार, इस दिशा में खिड़की और दरवाजे नहीं होने चाहिए। आप चाहें तो यहां पर मुखिया का कमरा बनवा सकते हैं। 

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बेडरुम, गैरेज, गौशाला 

उत्तर-पश्चिम दिशा जिसे वायव्य दिशा भी कहते हैं। आप इस दिशा में बेडरुम, गैरेज, गौशाला आदि बनवा सकते हैं। 


 


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palak

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