पत्नी-पति में कलह की वजह बन सकती हैं ये चीजें, आज ही हटा दें इन्हें Bedroom से!
punjabkesari.in Friday, Dec 23, 2022 - 04:29 PM (IST)
घर के बेडरुम की अहमियत हम सभी लोग बहुत अच्छे से जानते हैं, बेडरुम हमारे घर का वो महत्वपूर्ण हिस्सा होता है जहां पर आप अपने दिन भर की थकान दूर कर सकते हैं और चैन की नींद सोते हैं। हमारी नींद में तब खलल पड़ जाता है जब सब कुछ अच्छा चलने के बाद भी पति-पत्नी के बीच तनाव हो या फिर घर की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जाए। ऐसी परिस्थिति में बेडरुम को वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुसार डेकोरेट करना चाहिए क्योंकि वास्तु का हमारे जीवन में काफी महत्तव होता है। वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुसार बेडरुम में क्या होना चाहिए और क्या नहीं, इन बिंदुओं पर आज हम आपको जानकारी देने जा रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप अपना वैवाहिक जीवन और पारिवारिक जीवन सुखद बना सकते हैं।
किस दिशा में हो बेड?
बेडरुम हमेशा उत्तर दिशा में होना चाहिए। वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुसार बेड बीचो- बीच रखें। कोने में बेड होने से सकारात्मक उर्जा का संचार बाधित होता है। वास्तु के नियमों के अनुसार बेडरुम में बेड का सिराहना पूर्व या दक्षिण दिशा की तरफ होना चाहिए वहीं सोने की पोजिशन साउथ या फिर वेस्ट होनी चाहिए।
कैसा हो बेड?
सोने वाला बेड लकड़ी से निर्मित होना चाहिए। बेड हमेशा चौकोर या आयताकार होना चाहिए, गोल या अंडाकार नहीं होना चाहिए। डबल बेड पर नहीं सोना चाहिए। डबल बेड पर दो गद्दे की बजाय सिंगल गद्दा होना शुभ होता है। वहीं बेड शीट हमेशा हल्के रंग की होनी चाहिए।
किस तरफ सोएं?
वास्तु के नियमों के अनुसार सौहार्दपूर्ण संबंध के लिए पत्नी को अपनी पति के बाई ओर सोना चाहिए।
बेडरुम का कलर?
बेडरुम की दीवार पर हमेशा हल्के रंगों का इस्तेमाल करना चाहिए। अपने बेडरुम में ऑफ-व्हाइट, बेबी पिंक या क्रीम पेंट करें। गहरें रंगों से बचें।
पर्याप्त रोशनी आए
बेडरुम में नेचुरल लाइट का आना अच्छा होता है। इसलिए कोशिश करें आपका बेडरुम ऐसी जगह हो जहां पर सूरज की रोशनी पर्याप्त मात्रा में आती हो, इससे सकारात्मकता बनी रहती है।
बेडरुम में शीशा ना लगाएं
आपके बेड के सामने आईना नहीं होना चाहिए अगर ऐसा है तो उसको सोते समय कपड़े से ढक दें। उस आईने में आपका बेड नहीं दिखना चाहिए।
बेडरुम में लगाएं ये पौधे
मिनी प्लांट और लिली प्लांट से वैवाहिक जीवन में सकारात्मकता आती हैं, ये वातावरण को तनाव मुक्त करने में भी सहायक होते हैं।