World No Tobacco Day 2025: वेपिंग, स्मोकिंग का नया ट्रेंड कितना खतरनाक? जानें 5 साइड इफेक्ट्स

punjabkesari.in Saturday, May 31, 2025 - 11:40 AM (IST)

नारी डेस्क: वेपिंग, जिसे ई-सिगरेट के नाम से भी जाना जाता है, का उद्देश्य धूम्रपान छोड़ने में मदद करना था। लेकिन हाल के वर्षों में यह युवा पीढ़ी के बीच एक हानिकारक ट्रेंड बन गया है। कई लोग मानते हैं कि वेपिंग सिगरेट के मुकाबले सुरक्षित है, लेकिन रिसर्च से पता चला है कि यह भी जानलेवा हो सकता है। आइए, इस लेख में जानते हैं वेपिंग के साइड इफेक्ट्स के बारे में।

अमेरिका में एक महिला का अनुभव

हाल ही में, अमेरिका की 32 वर्षीय महिला की कहानी ने वेपिंग के खतरनाक प्रभावों को उजागर किया। उसने टीनएज में ही स्मोकिंग शुरू कर दी थी और हर दिन 500 रुपये वेपिंग पर खर्च करती थी। उसे यह लत इतनी गहरी हो गई थी कि वह बिना वेप के नींद नहीं आ पाती थी। अचानक उसकी तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां डॉक्टर्स ने उसके फेफड़ों से 2 लीटर जहरीला लिक्विड निकाला, जो वेपिंग के कारण हुआ था।

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फेफड़ों के लिए खतरनाक

वेपिंग फेफड़ों के लिए बेहद खतरनाक है, क्योंकि इसमें मौजूद केमिकल्स सीधे फेफड़ों में पहुंचते हैं, जिससे सूजन और अन्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं। यह स्थिति न केवल अस्थायी असुविधा का कारण बनती है, बल्कि आगे चलकर गंभीर बीमारियों जैसे ब्रॉन्काइटिस और अस्थमा का खतरा भी बढ़ाती है। इसके लंबे समय तक उपयोग से फेफड़ों की स्वास्थ्य स्थिति और भी बिगड़ सकती है, जिससे सांस लेने में कठिनाई और अन्य श्वसन संबंधित समस्याए हो सकती हैं।

 कैंसर का रिस्क

हालांकि इस बात का ठोस प्रमाण नहीं है कि वेपिंग कैंसर का कारण बनता है, लेकिन इससे शरीर के अंदर ऐसे टॉक्सिक पदार्थ जा सकते हैं जो कैंसर के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। कई हेल्थ रिपोर्ट्स में यह बताया गया है कि ई-सिगरेट के उपयोग से मृत्यु दर में वृद्धि हुई है।

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 हार्ट हेल्थ पर प्रभाव

वेपिंग और सिगरेट दोनों का हार्ट हेल्थ पर गंभीर प्रभाव पड़ता है, क्योंकि ये ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाते हैं। इस स्थिति के परिणामस्वरूप कार्डियक अरेस्ट, हार्ट स्ट्रोक, और हाइपरटेंशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। नियमित वेपिंग से रक्त संचार प्रणाली में बाधाएं आ सकती हैं, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है। यह समस्या केवल धूम्रपान करने वालों में ही नहीं, बल्कि उनके आस-पास के लोगों में भी स्वास्थ्य संबंधी चिंताए पैदा कर सकती है।

 निकोटीन की लत

ई-सिगरेट में मौजूद निकोटीन एक अत्यंत हानिकारक पदार्थ है, जो आसानी से लत लगने वाला होता है। इसकी लत को छोड़ना बेहद मुश्किल है, और यह ब्रेन हेल्थ को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। निकोटीन शरीर में कई हफ्तों तक रह सकता है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जैसे कि ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, चिंता, और मूड स्विंग्स। इसके अलावा, यह मस्तिष्क की रसायन संतुलन को बिगाड़ सकता है, जो लंबे समय में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

खांसी और अन्य सांस समस्याए

वेपिंग से होने वाली खांसी के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है, खासकर युवा पीढ़ी में। अमेरिकन हेल्थ रिपोर्ट्स के अनुसार, स्कूल के बच्चों में खांसी की समस्या वेपिंग के कारण 28% देखी गई है, जो टीबी जैसी गंभीर समस्याओं का कारण भी बन सकती है।

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वेपिंग को पहले एक सुरक्षित विकल्प माना जाता था, लेकिन अब यह एक जानलेवा ट्रेंड बन गया है। इसके कई हानिकारक साइड इफेक्ट्स हैं, जो न केवल युवाओं के लिए बल्कि सभी उम्र के लोगों के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं। इसलिए, स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह है कि वेपिंग से दूर रहना ही सबसे अच्छा विकल्प है।


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Content Editor

Priya Yadav

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