बची हुई पूजा सामग्री को इस तरह करें इस्तेमाल, बनेगी मां लक्ष्मी की कृपा
punjabkesari.in Saturday, Nov 12, 2022 - 05:19 PM (IST)
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, पूजा-पाठ का बहुत ही विशेष महत्व होता है। पूजा में इस्तेमाल होने वाली सामग्री भी बहुत ही आवश्यक होती है। रोली, अक्षत, फल, फूल, नारियल, लौंग हर किसी चीज का विशेश महत्व होता है। पूजा में इस्तेमाल होने वाली सामग्री के बिना हवन या पूजा-पाठ अधूरा ही माना जाता है। लेकिन पूजा के बाद सामग्री बच भी जाती है। ऐसे में लोग उस सामग्री को या मंदिर में रख देते हैं या बहते पानी में प्रवाहित कर देते हैं। लेकिन ज्योतिषाशास्त्र के अनुसार, पूजा की बची हुई सामग्री को ऐसे नहीं फेंकना चाहिए। ज्योतिषाशास्त्र के अनुसार, पूजा के बाद बची हुई सामग्री का आप अच्छे से इस्तेमाल करके जीवन में सुख-समृद्धि ला सकते हैं। तो चलिए जानते हैं कि कैसे करें पूजा की सामग्री का इस्तेमाल....
कुमकुम और रोली का इस्तेमाल
पूजा पाठ में रोली और कुमकुम का इस्तेमाल भी जरुर किया जाता है। यदि पूजा के बाद कुमकुम बच गया है तो सुहागिन महिलाएं इसे अपनी मांग में लगा सकते हैं। माना जाता है कि इससे उन्हें सौभाग्यवति होने का आशीर्वाद मिलता है। इसके अलावा अगर आप घर में कोई नई चीज लेकर आ रहे हैं तो उस पर बची हुई रोली लगाएं। बची हुई रोली का नई चीज पर इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है।
बचे हुए फूल
पूजा में फूलों का इस्तेमाल भी जरुर किया जाता है। लेकिन यदि फूल बच गए हैं तो उन्हें ऐसे फेंके ना। आप फूलों को एक माला में पिरोकर घर के मुख्य द्वार पर तोरण के रुप में लगा दें। यदि फूल अच्छे से सूख जाएं तो इन्हें घर के किसी गमले में डाल दें। इन फूलों का पौधों में इस्तेमाल करने से नए पौधे उग सकते हैं।
अक्षत
पूजा थाली में बचे हुए अक्षत यानी चावल का इस्तेमाल भी आप दोबारा कर सकते हैं। इन्हें आप रोज इस्तेमाल होने वाले चावलों में मिला दें। मान्यताओं के अनुसार, इससे आपको मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलेगा और घर में भी हमेशा बरकत बनी रहेगी।
सुपारी
पूजा में सुपारी का इस्तेमाल भी मुख्य रुप से किया जाता है। पान के पत्ते पर सुपारी रखी जाती है। ऐसे में आप सुपारी को ऐसे न फेंके। ज्योतिषाशास्त्र के अनुसार, पूजा खत्म होने पर सुपारी को किसी लाल कपड़े में बांध लें। इसके बाद इस कपड़े को अपनी तिजोरी में रखें। मान्यताओं के अनुसार, इससे आपके घर में पैसे की कमी नहीं रहेगी।